Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन को लेकर जल्द ही केंद्र सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। बताया जा रहा है कि शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय परिषद के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर सकते हैं। पुरानी पेंशन के संबंध में भारत सरकार के ज्वाइंट सेक्रेटरी प्रवीण जारगर ने परिषद के सचिव शिव गोपाल मिश्रा को पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में पुरानी पेंशन को लेकर यह पहली बैठक है। पीएम मोदी शुक्रवार तक विदेशी दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन, पोलैंड समेत कई देशों की यात्राएं की।

पुरानी पेंशन स्कीम का फैसला इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि आने वाले विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा बनता जा रहा है। वहीं सरकारी कर्मचारी इसको लेकर लामबंद भी हो रहे हैं। लंबे समय से पुरानी पेंशन की मांग की मांग चली आ रही है। जिसके मद्देनजर सरकार पुरानी पेंशन जैसे महत्वपूर्ण फैसले ले सकती है। इसको लेकर प्रधानमंत्री आवास सात लोक कल्याण मार्ग पर चर्चा होने की उम्मीद है। इस चर्चा में पुरानी पेंशन मुख्य मुद्दा रहने वाला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में पेंशन में सुधार की बात कही थी। इस बात को ध्यान में रखते हुए यह बैठक काफी अहम माना जा रहा है।

सरकारी विभागों तथा उससे जुड़े उपक्रमों के निजीकरण को लेकर भी कर्मचारी यूनियन के लोगों ने आपत्ति जताते हुए विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारी यूनियन की मांग की है कि रेलवे समेत तमाम विभागों में लाखों पर खाली हैं। उसको लेकर जल्दी ही फैसला लिया जाए। ऐसा माना जा रहा है कि इसको लेकर भी बैठक में चर्चा हो सकती है।

इन राज्यों में पहले से लागू है ओल्ड पेंशन स्कीम

पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा कांग्रेस कई बार उठा चुकी है। इतना ही नहीं कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इसे अपने चुनावी घोषणापत्र में भी शामिल किया था। कांग्रेस शासित कई राज्यों में पुरानी पेंशन लागू भी की गई है। इसको लागू करने वाला पहला राज्य राजस्थान था, जब वहां पर अशोक गहलोत की सरकार थी।

इसके अलावा छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पंजाब में पुरानी पेंशन स्कीम चल रही है। वहीं बात करें तो केंद्र सरकार इसको लेकर कोई फैसला लेती है तो देश में काम करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों को इसका लाभ मिलने वाला है।