भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चल रहा है। लेकिन इस बीच भारत और ब्रिटेन ने एक बड़ा समझौता किया है। भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) हो चुका है। दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए यह समझौता काफी महत्वपूर्ण है और उससे दोनों देशों को फायदा होगा। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से इसको लेकर एक बयान भी जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने आज टेलीफोन पर बातचीत की।

पीएम मोदी- स्टार्मर के बीच हुई बात

दोनों नेताओं ने दोहरे योगदान सम्मेलन के साथ-साथ महत्वाकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का स्वागत किया। यूके एग्रीमेंट उन कई व्यापार समझौतों में से पहला है, जिन पर भारत वर्तमान में बातचीत कर रहा है। इसके अलावा FTA को लेकर अमेरिका, यूरोपीय संघ, चिली और पेरू के साथ भी भारत बातचीत कर रहा है।

पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया, “दोनों देशों के नेताओं ने इसे द्विपक्षीय व्यापक रणनीतिक साझेदारी में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार, निवेश, इनोवेशन और रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा। दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि दो बड़ी और खुली बाजार अर्थव्यवस्थाओं के बीच ऐतिहासिक समझौते व्यवसायों के लिए नए अवसर खोलेंगे, आर्थिक संबंधों को मजबूत करेंगे और लोगों के बीच संबंधों को गहरा करेंगे।”

रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे- पीएमओ

पीएमओ ने आगे कहा कि दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और यूके के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों का विस्तार उनकी बढ़ती मजबूत और बहुमुखी साझेदारी की आधारशिला है। पीएमओ ने कहा, “एक संतुलित, न्यायसंगत और महत्वाकांक्षी एफटीए (जिसमें वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार शामिल है) – के समापन से द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि, रोजगार के नए अवसर पैदा होने, जीवन स्तर में सुधार और दोनों देशों के नागरिकों की भलाई में सुधार होने की उम्मीद है।”

यह समझौता अप्रैल में यूके की कई उच्च-स्तरीय यात्राओं के बाद हुआ है, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की यात्राएँ भी शामिल हैं। भारत और यूके के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के साथ-साथ द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) को भी अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है।

भारत के कपड़ा उद्योग को मिलेगा लाभ

FTA से भारत के खासकर कपड़ा उद्योग को काफी लाभ मिलने की उम्मीद है। भारतीय कपड़ा निर्यात पर वर्तमान में यूके में 10 प्रतिशत तक का टैरिफ लगता है, और यह व्यापार समझौता भारत को बांग्लादेश जैसे प्रतिस्पर्धियों के साथ अधिक समान अवसर प्रदान कर सकता है, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। इससे अधिक रोजगार भी पैदा होगा।

यूके का कार्बन टैक्स भारत के लिए चिंता का विषय रहा है, क्योंकि यह धातु उत्पादों के भारतीय निर्यात को प्रतिबंधित कर सकता है। इंडियन एक्सप्रेस ने पहले बताया था कि यूके अपने कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (CBAM) के तहत रियायतें देने के लिए तैयार नहीं है। इसलिए भारत ने एक ‘रिबेलेंसिंग मैकेनिज्म’ प्रस्तावित किया है। यह एक ऐसा उपाय जिसके तहत यूके को विनियमन के कारण होने वाले नुकसान के लिए भारतीय उद्योग को मुआवजा देना होगा।

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टैरिफ में होगी कमी

यूके ने भारत से कारों और व्हिस्की जैसी वस्तुओं पर शुल्क कम करने के लिए कहा है, जबकि भारत ने अपने सेवा क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए बेहतर पहुंच की मांग की है। इस समझौते से भारत में टैरिफ में कमी देखने को मिल सकती है, क्योंकि यह अभी भी उच्च टैरिफ वाला देश है। भारत से ब्रिटेन में आयातित वस्तुओं पर औसत टैरिफ 4.2 प्रतिशत है, जबकि भारत में ब्रिटेन के सामानों पर औसत टैरिफ 14.6 प्रतिशत है।

भारत और ब्रिटेन के बीच FTA पर बातचीत जनवरी 2022 में शुरू हुई थी लेकिन बातचीत में कई बार रुकावटें आईं। FTA के लिए भारत और ब्रिटेन के बीच 14 दौर की बातचीत हुई। भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार FY23 में 20.36 अरब डॉलर से बढ़कर FY24 में 21.34 अरब डॉलर हो गया है।

जानें भारत को क्या होगा फायदा

रिपोर्ट्स के अनुसार FTA के तहत ब्रिटेन से भारत आने वाले 90% सामानों पर अब टैरिफ कम करेगा और 85% सामानों पर अगले दस सालों तक कोई टैरिफ नहीं लगेगा। इसके कारण ब्रिटेन से भारत में आने वाले सामान सस्ते हो जाएंगे। इस समझौते से भारत से ब्रिटेन को होने वाले निर्यात में बढ़ोतरी की उम्मीद है। कई वस्तुओं पर शुल्क कम हो जाएंगे। कपड़ा के अलावा जूते, कालीन पर ब्रिटेन में शुल्क में कमी से लाभ होगा। वहीं भारत ब्रिटेन के आईटी और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में अपने प्रोफेशनल्स के लिए अधिक पहुंच चाहता रहा है और इस समझौते से वहां काम करने और आने-जाने में आसानी होगी।