PM Modi Lok Sabha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संविधान दिवस के मौके पर जोरदार भाषण दिया। दो घंटे के करीब चलने वाले संबोधन में उन्होंने विपक्ष को तो आड़े हाथों लिया ही, इसके अलावा विकसित भारत का एक सपना भी दिखाया। अपनी स्पीच के अंत में पीएम मोदी ने कुल 11 संकल्पों का जिक्र किया। यहां कुछ संकल्प देश के नागरिकों के लिए रहे तो कुछ राजनीतिक पार्टियों के लिए।

पीएम मोदी के दिए गए 11 संकल्प इस प्रकार हैं-

1 हर कोई अपने कर्तव्यों का पालन करे

2 हर क्षेत्र, हर समाज को विकास का लाभ मिले

3 भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो

4 देश की परंपराओं के पालन में नागरिकों को गर्व हो

5 गुलामी की मानसिकता से मुक्ति हो

6 परिवारवाद से मुक्त होना चाहिए देश

7 राजनीति स्वार्थ के लिए संविधान ना बने हथियार

8 धर्म के आधार पर आरक्षण ना हो

9 महिला नीत विकास में भारत निभाए अहम भूमिका

10 राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास हो

11 एक भारत, श्रेष्ठ भारत का ध्येय सर्वोपरि हो

सावरकर असल में भारत के लिए कैसा संविधान चाहते थे

वैसे पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान इस बात को स्वीकार किया कि संविधान में संशोधन उनकी सरकार ने भी किए हैं। इस बारे में उन्होंने कहा कि 2014 के बाद जब एनडीए को सेवा का मौका मिला, संविधान और लोकतंत्र को मजबूती मिली। यह जो पुरानी बीमारियां थी, उससे मुक्ति का हमने अभियान चलाया। हमने भी संविधान संशोधन किए, लेकिन देश की एकता के लिए, देश के विकास के लिए। हर संविधन के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ काम किया। हमने तो जब संशोधन किया तो ओबीसी समाज को ध्यान में रखकर किया। ओबीसी के सम्मान के लिए हमने संविधान संशोधन किया है।

अगर सबसे बड़ा कोई जुमला था वो था गरीबी हटाओ जो चार पीढ़िओं तक इन्होंने चलाया, इससे बस उनकी राजनीतिक रोटियां सिकती थी,लेकिन गरीबों को कुछ नहीं मिला। सोचने की बात है कि क्या एक गरीब को टॉयलेट का हक नहीं था, आज तो उनके सम्मान को बचाने के लिए हमने काम को अपने हाथों में लिया। सामान्ग नागरिक की गरिमा को ध्यान में रखते हुए हमने सारा काम किया। पीएम मोदी की पूरी स्पीच पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें