प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ) शिखर सम्मेलन के लिए जकार्ता जा रहे हैं। पीएम मोदी बुधवार रात इंडोनेशिया की राजधानी के लिए रवाना होंगे, जहां वह 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
वहीं, दूसरी ओर अधिकारी भारत-आसियान समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल पर काम कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) सौरभ कुमार ने कहा कि पीएम मोदी शिखर सम्मेलन में आसियान-भारत संबंधों में प्रगति की समीक्षा करेंगे और उन्हें आगे की दिशा प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री 6 सितंबर की रात को दिल्ली से प्रस्थान करेंगे और 7 सितंबर को वापस आएंगे। यह देखते हुए कि आसियान शिखर सम्मेलन के तुरंत बाद G20 शिखर सम्मेलन होगा, यह एक छोटी यात्रा होगी।”
इन मुद्दों पर हो सकती ही चर्चा
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन के नए मानक मैप जारी करने का मुद्दा शिखर वार्ता में उठेगा, कुमार ने कहा, “यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि जब नेता मिलेंगे तो क्या चर्चा होगी, लेकिन जो क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दे आपसी चिंता के हैं सभी उठाए जाएंगे।” गौरतलब है कि 28 अगस्त को, बीजिंग ने चीन के मानक मानचित्र का 2023 संस्करण जारी किया जिसमें ताइवान, दक्षिण चीन सागर, अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को चीनी क्षेत्रों के रूप में शामिल किया गया है। भारत ने ‘नक्शे’ को खारिज कर दिया है और इस पर चीन के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है। दक्षिण चीन सागर पर चीन के क्षेत्रीय दावे के बाद मलेशिया, वियतनाम और फिलीपींस पहले ही दावे को खारिज कर चुके हैं।
इंडोनेशिया कर रहा है ASEAN शिखर सम्मेलन की मेजबानी
इंडोनेशिया आसियान के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। आसियान को क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है। भारत, अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके भागीदार हैं। विदेश मंत्रालय में सचिव सौरभ कुमार ने कहा कि इस बार का आसियान-भारत शिखर सम्मेलन खास होगा क्योंकि पिछले साल दोनों पक्षों के बीच संबंधों के व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक पहुंचने के बाद यह पहला शिखर सम्मेलन है।
कुमार ने कहा, “आसियान के साथ भारत के संबंध हमारी एक्ट ईस्ट नीति के साथ-साथ व्यापक इंडो-पैसिफिक के लिए भारत के दृष्टिकोण का केंद्रीय स्तंभ हैं। भारत और आसियान के बीच कई क्षेत्रों को कवर करते हुए व्यापक जुड़ाव है।” आर्थिक संबंधों पर, कुमार ने कहा कि 2022-23 में भारत-आसियान व्यापार 131.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।