Centre-State Science Conference: पीएम नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने भारत को अनुसंधान एवं नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए ठोस प्रयास करने का आह्वान किया और राज्य सरकारों से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आधुनिक नीतियां बनाने का आग्रह किया। वहीं, पीएम मोदी ने पिछली सरकारों को घेरते हुए कहा कि हमने अपने वैज्ञानिकों के काम को नहीं सराहा जितना सराहा जाना चाहिए था, इसलिए विज्ञान के प्रति समाज के एक बड़े हिस्से में उदासीनता रही।

पीएम मोदी ने कहा कि जब हम कला को सेलिब्रेट करते हैं तो हम और नए कलाकारों को प्रेरणा देते हैं। इसी तरह जब हम वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को सेलिब्रेट करते हैं तो हम साइंस हमारे समाज का स्वभाविक हिस्सा बन जाती है। वहीं, वैज्ञानिकों के मसले पर पीएम मोदी के बयान पर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

एक यूजर (@RebelEngineerJi) ने कहा, “सब नेहरू जी की गलती है। ये तो भगवान कल्कि के अवतार हैं जो दो लोगों की सेवा करने के लिए पैदा हुए हैं।” एक अन्य यूजर (@A_amir0) ने कहा, “जब तक देश के लोगों को धर्म के नाम पर उलझा कर रखा जाएगा, एक बड़ा तबका शिक्षा और विज्ञान से दूर ही रहेगा।”

विभिन्न मोर्चों पर एकसाथ काम करना होगा- पीएम मोदी

इसके पहले, केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें इस अमृत काल में भारत को अनुसंधान और नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए विभिन्न मोर्चों पर एकसाथ काम करना होगा। हमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने शोध को स्थानीय स्तर पर ले जाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रयासों के चलते वैश्विक नवोन्मेष सूचकांक में भारत की रैंकिंग 2015 में 81 के मुकाबले बेहतर होकर 46 हो गई है।