PM Modi Remembered Martyrdom: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, “मुगल बादशाह औरंगजेब (Mughal Emperor Aurangzeb) और उसके लोग गुरु गोबिंद सिंह (Guru Gobind Singh) के बेटों का धर्म तलवार के बल पर बदलना चाहते थे लेकिन भारत के वो बेटे मौत से भी नहीं घबराए। वो दीवार में जिंदा चुने गए, लेकिन उन्होंने उन आततायी मंसूबों को हमेशा के लिए दफन कर दिया।’’ आततायी भारत को बदलने के मंसूबे पाल रखे थे लेकिन गुरु गोबिंद सिंह इस आतंक के खिलाफ पहाड़ की तरह खड़े थे। प्रधानमंत्री मोदी सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों की शहादत की याद में पहले ‘‘वीर बाल दिवस (Veer Bal Diwas)’’ के मौके पर पर सोमवार को दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। केंद्र सरकार ने इसी वर्ष नौ जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व के दिन साहिबजादा बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत की याद में 26 दिसंबर को ‘‘वीर बाल दिवस’’ के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी।
पीएम बोले- वीर साहिबजादे किसी धमकी से डरे नहीं, किसी के सामने झुके नहीं।
साहिबजादों के बलिदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एक ओर आतंक की पराकाष्ठा तो दूसरी ओर अध्यात्म का शीर्ष! एक ओर मजहबी उन्माद, तो दूसरी ओर सबमें ईश्वर देखने वाली उदारता! और इस सबके बीच, एक ओर लाखों की फौज, और दूसरी ओर अकेले होकर भी निडर खड़े गुरु के वीर साहिबजादे! ये वीर साहिबजादे किसी धमकी से डरे नहीं, किसी के सामने झुके नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिस समाज व राष्ट्र की नयी पीढ़ी जोर-जुल्म के आगे घुटने टेक देती है, उसका आत्मविश्वास और भविष्य अपने आप मर जाता है। लेकिन, भारत के वो बेटे मौत से भी नहीं घबराए। वो दीवार में जिंदा चुन गए, लेकिन उन्होंने उन आततायी मंसूबों को हमेशा के लिए दफन कर दिया।’’
नया भारत दशकों पूर्व हुई भूल को सुधार रहा है
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके त्याग और उनकी इतनी बड़ी ‘शौर्यगाथा’ को इतिहास में भुला दिया गया। उन्होंने कहा कि लेकिन अब ‘नया भारत’ दशकों पहले हुई एक पुरानी भूल को सुधार रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, हमें इतिहास के नाम पर वह गढ़े हुए विमर्श बताए और पढ़ाए जाते रहे, जिनसे हमारे भीतर हीन भावना पैदा हो। बावजूद इसके हमारे समाज और हमारी परंपराओं ने इन गौरव गाथाओं को जीवंत रखा।’’
गुरु गोबिंद सिंह के चार पुत्र थे। जोरावर सिंह साहब और फतेह सिंह साहब को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था जबकि साहिबजादे अजीत सिंह और जुझार सिंह की चमकौर के युद्ध में शहादत हुई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा अपने साहस से समय की धारा को हमेशा के लिए मोड़ देता है और इसी संकल्प शक्ति के साथ आज भारत की युवा पीढ़ी भी देश को नयी ऊंचाई पर ले जाने के लिए निकल पड़ी है। मोदी ने कहा कि सिख गुरु परंपरा केवल आस्था और आध्यात्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ के विचार का भी प्रेरणापुंज है।