प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार को यहां इस ऊर्जा संपन्न देश के नेतृत्व से होने वाली बातचीत में दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को विशेष तौर से ऊर्जा क्षेत्र में नए सिरे से बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। मोदी देश में विकास कार्यों के लिए यहां से निवेश आकर्षित करना चाहते हैं।

मोदी कतर में शीर्ष उद्योगपतियों को भी संबोधित करेंगे। कतर भारत के लिए सबसे बड़ा एलएनजी आपूर्तिकर्ता है और पिछले वित्त वर्ष के दौरान 65 फीसद एलएनजी आयात वहां से किया गया था। उद्योगपतियों के साथ यहां रविवार सुबह होने वाली बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री विशेष तौर पर बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बड़े निवेश पर जोर दे सकते हैं। उसके बाद वह कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी के साथ दोतरफा व आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

सूत्रों ने शनिवार को यहां कहा कि चर्चा मुख्य तौर पर ऊर्जा पर केंद्रित रहने की उम्मीद है। लेकिन इस दौरान भारत-कतर संबंधों के विभिन्न आयामों पर भी बातचीत हो सकती है। दोनों पक्ष कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर भी कर सकते हैं। कतर खाड़ी क्षेत्र में भारत के लिए महत्त्वपूर्ण कारोबारी भागीदार है। 2014-15 में दोनों के बीच दोतरफा कारोबार 15 अरब डालर को पार कर गया। यह भारत के कच्चे तेल का भी बड़ा स्रोत है। फिलहाल कतर में 2022 में होने वाले फीफा विश्व कप से जुड़ी निर्माण गतिविधियों में कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं।

मोदी शनिवार से दोहा की दो दिन की यात्रा पर हैं। वह वहां मजदूरों के शिविरों में भारतीय कामगारों को भी संबोधित करेंगे। कतर में भारतीय मूल के लोगों का सबसे बड़ा समुदाय रहता है। इनकी तादाद 6,30,000 है। स्थानीय आबादी में इनका अनुपात महत्त्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री खाड़ी क्षेत्र के साथ संबंध सुधारने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण है। वह इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब की यात्रा भी कर चुके हैं। यह पिछले आठ साल में भारतीय प्रधानमंत्री की पहली कतर यात्रा होगी। इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2008 में दोहा की यात्रा की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इस यात्रा की घोषणा से कुछ दिनों पहले कहा था कि भारत का कतर के साथ ऐतिहासिक व करीबी संबंध आपसी फायदे वाले वाणिज्यिक आदान-प्रदान और जनता के बीच विस्तृत संबंध से जाहिर होता है। कतर के बाद प्रधानमंत्री स्विट्जरलैंड और अमेरिका जाएंगे।