CCS Ministry: मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल शुरू हो गया है। रविवार शाम को नरेंद्र मोदी समेत 72 मंत्रियों ने शपथ ली। इसके 24 घंटों के भीतर ही विभागों का भी बंटवारा कर दिया है। मोदी सरकार ने सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी (CCS) में शामिल चारों जरूरी मंत्रालयों को अपने पास रखना ही मुनासिफ समझा है। इसमें गृह, रक्षा, वित्त और विदेश मंत्रालय शामिल है। यह कमेटी देश की रक्षा से जुडे़ मसलों पर जरूरी फैसले लेती है।
पिछली मोदी सरकार में अमित शाह गृह मंत्री, राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री, एस जयशंकर विदेश मंत्री और निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री थीं। इस बार फिर से पीएम मोदी ने इन्हीं पर भरोसा जताया है और इन्हें इनके मंत्रालय वापस कर दिए हैं। इस मामले पर पीएम मोदी ने सरकार को समर्थन दे रही एनडीए गठबंधन के दूसरे नेताओं के दबाव में आने से मना कर दिया। हालांकि उनकी इच्छाओं पर भविष्य में कभी विचार किया जा सकता है।
देश की सिक्योरिटी पर फैसला लेने वाली कमेटी
बता दें कि सीसीएस देश की सिक्योरिटी के मामले पर जरूरी फैसले लेने वाली कमेटी है। इस कमेटी के मुखिया प्रधानमंत्री होते हैं। उनके साथ गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री भी इस कमेटी के सदस्य होते हैं। देश की सिक्योरिटी के लिए जब भी कोई जरूरी फैसला लेने की बात आती है तो आखिरी मुहर यही कमेटी लगाती है। इस कमेटी का फैसला मानो जैसे पत्थर की लकीर हो। सरकार का कोई भी इस कमेटी के फैसले का विरोध नहीं कर सकता है।
जरूरी विभागों में नियुक्ति का जिम्मा भी सीसीएस के पास
देश की सुरक्षा के लिए दूसरे देशों के साथ समझौते करने और उनके साथ अच्छे संबंध बढ़ाने या सैन्य कार्रवाई करने का फैसला भी सरकार की सीसीएस कमेटी ही करती है। युद्ध हो या कोई दूसरा संकट देश के सामने आ जाए, उस स्थिति में भी यही कमेटी फैसला करती है कि देश की प्रतिक्रिया क्या होगी।
किसी दूसरे देश से हथियार खरीदने हो या अपने देश के हथियार दूसरे देश में एक्सपोर्ट करने हो, सभी का जिम्मा इसी कमेटी के पास होता है। देश की सिक्योरिटी से जुड़े निकायो जैसे कि DRDO, ISRO समेत अहम विभागों के चीफ की नियुक्ति करने के बारे में फैसला भी यही कमेटी करती है। एनएसए की नियुक्ति करने की जिम्मेदारी भी सीसीएस के पास ही होती है।
बहुमत का आंकड़ा टच नहीं कर पाई बीजेपी
बता दें कि इस बार के लोकसभा इलेक्शन में भारतीय जनता पार्टी बहुमत के आंकड़े को टच करने में कामयाब नहीं हो पाई। पार्टी 240 पर सिमट गई। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए के साथी दलों के साथ में मिलकर अपनी सरकार का गठन कर लिया है। लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि अब उन्हें 5 साल तक इस समर्थन की कीमत चुकानी पड़ सकती है।
हालांकि मंत्रालयों की लिस्ट देखने के बाद लग नहीं रहा है कि पीएम मोदी किसी भी तरह के प्रेशर में है। देश की सुरक्षा से जुड़े CCS के चारों अहम मंत्रालय अपने पास रखकर उन्होंने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में किसी के सामने झुकेंगे नहीं। अब इस कमेटी से जुड़े यही चारों मंत्री मिलकर तय करेंगे कि अगले 5 साल में देश की दशा और दिशा कैसी होने वाली है।