प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने कैबिनेट के सहयोगी मंत्रियों को समय के प्रति पाबंद होने की नसीहत दी। उन्होंने बैठक के दौरान मंत्रियों को सुबह साढ़े 9 बजे तक दफ्तर पहुंचने का निर्देश दिया और कहा कि मंत्री अपने करीबी या रिश्तेदारों को सलाहकार अथवा अहम पदों पर नियुक्ति से बचें। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में एक अज्ञात मंत्री के हवाले से बताया गया है कि प्रधानमंत्री की यह चेतावनी ऊंचे ओहदों पर बैठे लोगों के लिए खास तौर पर थी। मंत्री ने बताया, “केंद्रीय मंत्रियों को रोज सुबह साढ़े 9 बजे समय पर कार्यालय आना चाहिए। साथ ही उन्हें व्यक्तिगत आचरण के उच्चतम स्तर को बनाए रखना चाहिए। यही वह संदेश था जो प्रधानमंत्री ने दिया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मंत्रियों को हमेशा अपने रिश्तेदारों या करीबी दोस्तों को समितियों या महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त करने की प्रवृत्ति से बचना चाहिए।”
रिपोर्ट में मंत्री ने कहा कि बैठक में प्रधानमंत्री ने सामाजिक एवं राजनीतिक मूल्यों पर खास ध्यान देने को कहा। प्रधानमंत्री खुद वक्त के पाबंद हैं और वह पद की गरीमा के मुताबिक अपने व्यवहार को अमल में लाते भी हैं। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बैठक के बारे में एक दूसरे शख्स ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को को उनके संसदीय क्षेत्र में रहने वाले कश्मीरी लोगों से मिलने-जुलने और परेशानी की स्थिति में उनकी मदद करने को कहा है। इस दौरान उन्होंने सिंगल-यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से खत्म करने और इस मुहिम को अधिक से अधिक ताकत के साथ बल देने को कहा है।
जानकारी के मुताबिक करीब 2 घंटे चली इस लंबी बैठक में प्रधानमंत्री के समक्ष कई प्रेजेंटेशन भी दिए गए। गृह मंत्री अमित शाह ने इस दौरान कश्मीर की स्थिति को लेकर अपना प्रजेंटेशन दिया और अनुच्छेदर 370 हटाए जाने के बाद उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए आगामी दिनों की रणनीति को भी पीएम के सामने पेश किया। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी आर्थिक मामलों को लेकर अपना प्रजेंटेशन दिया। उन्होंनो हाल में आर्थिक मामलों को लेकर उठाए गए त्वरित कदमों के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को विस्तार से जानकारी दी।