प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को गोरखपुर दौरे पर थे, वहां पर उन्होंने गीताप्रेस के शताब्दी वर्ष समापन समारोह में हिस्सा लिया था। अब उस गोरखपुर दौरे की सबसे खास बात ये रही कि पीएम मोदी ने कुछ समय केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी के घर बिताया। करीब 10 मिनट पीएम वहां रहे, उनके परिवार से मिले, मां की सेहत का हालचाल लिया और बच्चों के साथ भी खेला। अब सभी के मन में सवाल है ये पंकज चौधरी कौन हैं?
कौन हैं पंकज चौधरी?
पंकज चौधरी यूपी की सियासत का एक बड़ा नाम है। महाराजगंज की राजनीति में इस नेता ने खुद को खूब चमकाया है, 6 बार यहां से सांसद बनने का मौका मिला है। बड़ी बात ये है कि पंकज चौधरी ने सियासत में कदम काफी छोटे पद के साथ रखा था। वे 1989 में नगर निगम के पार्षद के रूप में पहली बार नियुक्त हुए थे। इसके बाद महापौर बनने का मौका मिला और फिर 1991 में यूपी की बीजेपी कार्यसमिति के सदस्य बन गए।
महराजगंज के साथ भी 1991 में ही पंकज चौधरी का सफर शुरू हुआ था। तीन बार तो वे लगातार यहां से लोकसभा चुनाव जीत गए, यानी कि हैट्रिक लगा दी। लेकिन 13वीं लोकसभा में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब उस हार ने भी उन्हें उनके सफर पर आगे बढ़ने से नहीं रोका, मेहनत करते रहे, जमीन पर जनता कनेक्ट बना रहा। इसी का नतीजा ये रहा कि अगले लोकसभा चुनाव में फिर उन्होंने बाजी मारी और बड़ी जीत दर्ज की।
बेटी की शादी और मंत्री बनने का किस्सा
वैसे मोदी सरकार में मंत्री पद मिलने का भी पंकज चौधरी का एक दिलचस्प किस्सा है। असल में बताया जाता है कि उनकी बेटी की शादी से एक दिन पहले ही उन्हें फोन आया था और बताया गया कि वे मंत्री बनने वाले हैं। हुआ ये कि शादी से एक दिन पहले कुछ रस्म होनी थी। तभी पंकज चौधरी के पास फोन आ गया और उन्हें पता चला कि उन्हें मंत्री बनने का मौका मिल रहा है। ऐसे में उन्होंने जरूरी रस्म बेटी की पूरी करवाईं और वे तुरंत पीएम आवास के लिए निकल गए।
कुर्मी जाति के बड़े नेता, जबरदस्त सोशल इंजीनियरिंग
पंकज चौधरी की सियासत की बात करें तो वे कुर्मी जाति से आते हैं। उनकी सोशल इंजीनियरिंग इतनी जबरदस्त रही है कि जब गोरखपुर से अलग होकर महाराजगंज अलग जिला बना, यहां की जिला पंचायत सीट से बीजेपी को कोई नहीं हरा पाया। अब उसी दिग्गज नेता घर शुक्रवार को पीएम मोदी गए और करीब दस मिनट वहां बिताए।