प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्याग्रह वाले बयान को लेकर सोशल मीडिया पर विवाद पनप गया है। शनिवार (27 मार्च, 2021) को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर एक धड़ा इस मुद्दे पर उनकी आलोचना करता नजर आया, जबकि दूसरे पक्ष ने उनका बचाव किया। मोदी को घेरने वाले आम से खास लोगों तक कहा कि वह इतिहास को लेकर अक्सर झूठ बोलते हैं और गलतबयानी करते हैं।
क्या है ताजा विवाद?: दरअसल, पीएम ने दो दिवसीय बांग्लादेश दौरे पर ढाका में हुए एक प्रोग्राम में कहा था, “बांग्लादेश की आजादी के लिए उस संघर्ष में शामिल होना मेरे जीवन के पहले आंदोलनों में से एक था। मैं तब 20-22 साल का रहा होऊंगा, जब मैंने व मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की स्वतंत्रता के लिए सत्याग्रह किया था। बांग्लादेश की आजादी के सपोर्ट में तब मैंने गिरफ्तारी भी दी थी और जेल भी गया था।”
विपक्ष ने घेरा- जेल किसने भेजा था?: कांग्रेसी शशि थरूर बोले कि हमारे पीएम बांग्लादेश को भारतीय फेक न्यूज का मजा चखा रहे हैं। हर किसी को मालूम है कि बांग्लादेश किसने आजाद कराया था। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के टि्वटर हैंडल से तंज कसते हुए कहा गया, “हड़प्पा की खुदाई में चाय के बर्तन मिले थे। आपको पता ही होगा, कहां से आए थे?” वहीं, आप के संजय सिंह ने पूछा- बांग्लादेश की आज़ादी में भारत सरकार तो बांग्लादेश के साथ थी। युद्ध तो पाकिस्तान से हो रहा था फिर मोदी जी को जेल भेजा किसने? भारत ने या पाकिस्तान ने?
मोदी के दावों पर पहले भी हुआ ऐसाः वैसे, यह पहला मामला नहीं है, जब प्रधानमंत्री के दावे को लेकर विवाद हुआ हो। आइए जानते हैं कि कब-कब वह अपने दावों और बयानों को लेकर विवादों के घेरे में आए-
1- साल 2003 में एक जन सभा में बापू को उन्होंने मोहन लाल करमचंद गांधी कह दिया था, जबकि महात्मा गांधी का सही नाम (पूरा) – मोहन दास करमचंद गांधी था।
2- कर्नाटक के बीदर में बोले थे कि जब भगत सिंह जेल में थे तब उनसे मिलने कांग्रेस का कोई नेता नहीं गया। हालांकि, पीएम के इस दावे को गलत साबित कर दिया गया था, जिस पर उनका कभी स्पष्टीकरण नहीं आया था।
3- 2013 में पटना में उन्होंने एक रैली में बिहार की शक्ति का जिक्र करते हुए सम्राट अशोक का उल्लेख किया था। उसी दौरान पाटलिपुत्र, नालंदा और तक्षशिला का। पर सच यह है कि तक्षशिला अब पाकिस्तान में है।
4– गुजरात चुनाव के दौरान कहा था कि कांग्रेसी मणिशंकर अय्यर के घर बैठक हुई थी, जिसमें मनमोहन सिंह, हामिद अंसारी भी थे। मीटिंग में पाकिस्तान के उच्चायुक्त और पूर्व विदेश मंत्री आए थे। मोदी ने इसे मुद्दा बनाते हुए गुजरात चुनाव से जोड़ा था और कहा कि पाकिस्तान कांग्रेस की मदद कर रहा है और अहमद पटेल को सीएम बनाना चाहता है। बैठक में पूर्व सेनाध्यक्ष दीपक कपूर भी थे, जिन्होंने बाद में बताया था- भेंट में गुजरात चुनाव पर कोई बात नहीं हुई।
5- बात 2003 की है। मोदी गुजरात के अहमदाबाद में थे। उन्होंने तब दावा किया था देश को जब स्वतंत्रता मिली थी, तब एक डॉलर एक रुपए के बराबर था। हकीकत- एक रुपए तब करीब 30 सेंट के बराबर था।
6- 2014 में यूपी के मेरठ में बोले थे कि कांग्रेस ने स्वतंत्रता की पहली जंग को कम कर के आंका था। बता दें कि कांग्रेस की स्थापना 1885 में हुई, जबकि मेरठ में क्रांति 1857 में हुई थी।
7- मेट्रो में सफर करने वाले पहले पीएम थे अटल बिहारी वाजपेयी- यह दावा पीएम मोदी ने किया था। 2017 में दिल्ली में मजेंटा लाइन के उद्घाटन के दौरान। वैसे, असलियत यह है कि देश में पहली बार मेट्रो रेल की नींव 1972 में रखी गई, जबकि तत्कालीन पीएम इंदिरा ने उसे कोलकाता में 1984 में शुरू किया था। वहां के बाद दिल्ली में दूसरी मेट्रो थी।
8- 2013 में ही मोदी ने एक और गलत दावा किया था। उन्होंने कहा था, “श्यामा प्रसाद मुखर्जी गुजरात के बेटे थे।” पर असल में उनका जन्म प.बंगाल के कोलकाता में हुआ था। मोदी ने उनका जो निधन का आंकड़ा दिया था, वह भी गलत था।
9- कोणार्क का सूर्य मंदिर 2000 साल पुराना है- यह बयान मोदी ने 2016 में यूएस दौरे पर दिया था। दरअसल, अमेरिका ने तब भारत से चुराई गईं 200 से अधिक कलाकृतियां लौटा दी थीं। हालांकि, सच यह है कि यह मंदिर गंग वंश के राजाओं ने 13वीं शताब्दी में बनावाया था। युनेस्को ने इसे 1984 में वैश्विक धरोहर के तौर पर मान्यता प्रदान की थी।
10- बिहार में उन्होंने एक जन सभा के दौरान कहा था कि सिकंदर की सेना ने समूची दुनिया जीत ली थी। पर बिहार के लोगों से सामना होने पर वह हार गया था। सच्चाई यह है कि सिकंदर व्यास नदी तक पहुंचा था और वह वहीं से लौट गया था। उसने गंगा कभी पार ही नहीं की।