भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की मां कमलताई गवई ने महाराष्ट्र के अमरावती में 5 अक्टूबर को होने वाले विजयादशमी समारोह में चीफ गेस्ट बनने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। यह कार्यक्रम अमरावती के किरण नगर इलाके में स्थित श्रीमती नरसम्मा महाविद्यालय मैदान में आयोजित होने वाला है।

कमलताई के बेटे और सीजेआई के भाई राजेंद्र गवई ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “मेरी मां को 5 अक्टूबर को अमरावती में आयोजित होने वाले आरएसएस के कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है और मेरी मां ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। ये जो पांच तारीख का कार्यक्रम है वो मुख्य कार्यक्रम नहीं है। मुख्य कार्यक्रम विजयदशमी के दिन 2 अक्टूबर को है।”

कभी अपनी विचारधारा को नहीं छोड़ा- राजेंद्र गवई

राजेंद्र गवई ने आगे कहा, “मैं बस एक ही बात कहना चाहता हूं कि व्यक्तिगत सबंध और राजनीतिक संबंध अलग होते हैं। व्यक्तिगत संबंध जब हम लोग निभाते हैं तो हम अपनी विचारधारा को नहीं छोड़ते हैं। हमारी विचारधारा पक्की है। मैं गवई साहब के बारे में इतना ही कहूंगा कि उनके संबंध इंदिरा गांधी के साथ में अच्छे थे और अटल बिहारी वाजपेयी के साथ में भी अच्छे थे। गगांधर फड़नवीस जो महाराष्ट्र के बड़े नेता थे और गवई साहब दोनों के जो सबंध थे तो वो भाई-भाई जैसे संबंध थे। संबंध अलग होते हैं और विचारधारा अलग होती है। इंदिरा गांधी को उस समय गवई साहब को कहा था कि तुम हमारी पार्टी में आते हो तो हम तुम्हे मुख्यमंत्री भी बनाएंगे। मैं उस समय मेडिकल स्टूडेंट्स को पढ़ाता था। लेकिन मैंने भी कभी अपनी विचारधारा को नहीं छोड़ा है।”

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गवई परिवार के सभी के साथ अच्छे संबंध- सीजेआई के भाई

सीजेआई के भाई ने कहा, “सोनिया गांधी का मुझे साल 2009 और साल 2014 में फोन आया था कि तुम हमारे पंजे के निशान पर लड़ो। मैं नहीं लड़ा। 2024 में मल्लिकार्जुन खड़गे ने उनके बंगले पर बुलाया और बोला कि हमारे पंजे के निशान पर लड़ो। लेकिन मैं नहीं लड़ा। हम कभी भी विचारधारा को बदलते नहीं है। आज हमारे बड़े भाई एक बेहद ही महत्वपूर्ण पोस्ट पर हैं। अब उस पोस्ट पर कोई बौद्ध आएगा या नहीं आएगा, तो ये कुछ विरोधियों को सही नहीं लगता है। वो गवई परिवार के बारे में उल्टा-सीधा बोलते हैं। गवई परिवार ने सभी के साथ अच्छे संबंध रखे हैं। साथ ही सभी धर्मों का आदर भी किया है। हमारे दोस्तों ने हमें कभी सिद्धिविनायक मंदिर में बुलाया तो हम गए। विरोधी जानबूझ कर गवई परिवार के बारे में उल्टा-सीधा बोलते हैं।”

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