Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में किशोर सावंत नामक के व्यक्ति ने एक जनहित याचिका दायर कर खुद को राष्ट्रपति घोषित करने की मांग की, ताकि वह दुनिया को बचा सके, जिसके बाद उसकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को ऐसी याचिका दाखिल करते हुए फटकार लगातई और कहा कि ये याचिका पूरी तरह से बकवास है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने याचिका को अपमानजनक और कोर्ट की प्रक्रिया का दुरुपयोग बताते हुए कड़ा रुख अपनाया।

पीठ ने पूछा, “ये किस तरह की आपत्तिजनक याचिकाएं हैं? यह (अनुच्छेद 32 के तहत) कैसे दायर किया गया है।” पीठ ने कोर्ट की रजिस्ट्री को भविष्य में ऐसी याचिकाओं पर विचार नहीं करने का भी निर्देश दिया। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि उन्हें हाल के राष्ट्रपति चुनाव में लड़ने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी बात सुनी जाएगी और वह दुनिया की भलाई के लिए काम करेंगे।

याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

उन्होंने कहा, “कृपया मुझे दो मिनट के लिए सुनें। श्रीलंका का हालिया उदाहरण जहां नागरिकों ने राष्ट्रपति के घर में प्रवेश किया, रूस में क्या हो रहा है। मैं पूरी दुनिया के लिए काम करूंगा, जहां चीजें गड़बड़ हैं। राष्ट्रपति की भूमिका को फिर से परिभाषित करने की जरूरत है।” सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा, “अगर आप एक पर्यावरणविद् हैं तो आप अपने विशेष ज्ञान के साथ भाषण दे सकते हैं, लेकिन यहां नहीं।”

भविष्य में ऐसी याचिकाओं पर विचार न करेंः सुप्रीम कोर्ट

इसके बाद कोर्ट ने ये याचिका खारिज करने के लिए आगे बढ़ा दिया। कोर्ट ने कहा कि याचिका बकवास है और कोर्ट की प्रक्रिया का दुरुपयोग है। साथ ही आदेश दिया कि लगाए गए आरोपों को रिकॉर्ड से हटा दिया जाए है और रजिस्ट्री से अनुरोध किया जाता है कि निकट भविष्य में ऐसी याचिकाओं पर विचार न करें।