अफगानिस्तान पर तालिबान अब पूरी तरह से काबिज हो चुका है। राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ कर भाग चुके हैं और काबुल से निकलने के लिए हवाई अड्डे पर लोगों की भारी भीड़ है। कुछ ऐसे ही हालात अभी अफगानिस्तान के हैं।
अफगानिस्तान ने निकलकर एयर इंडिया के विशेष विमान ने दिल्ली पहुंचे लोगों के चेहरे पर तालिबान का खौफ साफतौर पर देखा जा सकता है। इस विशेष विमान में नेता, मंत्री और आम लोग अपने वतन अफगानिस्तान छोड़कर भारत में शरण लेने पहुंचे है। रविवार को दिल्ली पहुंचते ही एक महिला आईजीआई हवाई अड्डे पर ही रोने लगी।
रोते हुए महिला ने कहा- “हमारे दोस्त मारे जा रहे हैं। वे हमें मारने जा रहे हैं। हमारी महिलाओं को कोई और अधिकार नहीं मिलने वाला है। मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि दुनिया ने अफगानिस्तान को छोड़ दिया है।”
#WATCH | “I can’t believe the world abandoned #Afghanistan. Our friends are going to get killed. They (Taliban) are going to kill us. Our women are not going to have any more rights,” says a woman who arrived in Delhi from Kabul pic.twitter.com/4mLiKFHApG
— ANI (@ANI) August 15, 2021
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अशरफ गनी के अफगानिस्तान के राष्ट्रपति पद से हटने के साथ ही अफगानिस्तान पर तालिबान की हुकुमत शुरू हो चुकी है। सत्ता हंस्तातरण के लिए एक तीन सदसीय परिषद का गठन किया गया है, जिसमें पूर्व अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई सदस्य के रूप में शामिल हैं।
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति गनी के एक वरिष्ठ सलाहकार रिजवानुल्ला अहमदजई भी काबुल से दिल्ली जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट के यात्रियों में शामिल थे। दिल्ली पहुंचने पर उन्होंने मीडिया से कहा, “अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्सों में शांति है। मंत्रियों की तरह लगभग सभी राजनीतिक लोग काबुल छोड़ चुके हैं। लगभग 200 लोग दिल्ली आए हैं। मुझे लगता है कि यह एक नया तालिबान है जो महिलाओं को काम करने के लिए अनुमति देगा। ।”
पूर्व सांसद जमील करजई ने कहा कि जब मैं शहर से निकला तो काबुल पर तालिबान का कब्जा था। राष्ट्रपति अशरफ गनी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ है उसके जिम्मेदार वही है। उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों को धोखा दिया है। लोग उन्हें काफी माफ नहीं करेंगे।
एक अन्य अफगान सांसद, अब्दुल कादिर ज़ज़ई ने दिल्ली पहुंचने पर कहा: “अफगान सरकार और तालिबान के बीच शांति समझौता हुआ था। यह सिर्फ एक हैंडओवर प्रक्रिया थी। अब, काबुल में स्थिति शांत है। पाकिस्तान तालिबान के करीबी समर्थकों में से एक है। मेरा परिवार अभी भी काबुल में है।”
काबुल में गनी प्रशासन के खिलाफ तालिबान के सैन्य हमले रविवार को हुए। रविवार को तालिबान अफगानिस्तान में घुसा और उसे घेरकर बैठा है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा कि काबुल के निवासियों को कोई नुकसान नहीं होगा और तालिबान का इरादा देश की राजधानी को बलपूर्वक लेने का नहीं है। जो लोग यहां से निकलना चाहते हैं, तालिबान उन्हें रास्ता देगा।