Delhi Building Collapse: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुस्तफाबाद स्थित दयालपुर इलाके में उस वक्त सनसनी मच गई। जब वहां एक चार मंजिला इमारत देखते-देखते ही जमींदोज हो गई। इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई है और कई लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं। इमारत गिरने के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई। मृतकों के एक रिश्तेदार ने बताया कि इमारत करीब 2.30-3 बजे गिरी। यह चार मंजिला इमारत थी। मेरे दो भतीजे मर गए हैं। मेरी बहन, बहनोई और भतीजी भी घायल हैं। वे जीटीबी अस्पताल में भर्ती हैं।

एक स्थानीय शख्स ने बताया कि यह चार मंजिला इमारत थी जो अचानक ढह गई। मालिक के साथ कम से कम तीन से चार परिवार किरायेदार के तौर पर रह रहे थे। माना जा रहा है कि करीब 20 से 25 लोग अंदर फंसे हुए हैं। इनमें से अब तक पांच से छह शव बरामद किए जा चुके हैं। मैंने एक ऐसे व्यक्ति को भी बाहर निकाला था जो उस समय जिंदा था। वहीं एक और चश्मदीद ने भयावह मंजर के बारे में बताते हुए कहा यहां पर दो पुरुष और बहुएं रहती हैं। सबसे बड़ी बहू के तीन बच्चे हैं, दूसरी बहू के भी तीन बच्चे हैं। अभी हमें कुछ नहीं पता। वे कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं।

इमारत गिरने के संभावित कारण

इमारत गिरने को लेकर जानकारों ने इसके कुछ संभावित कारण भी बताए हैं। इसमें एक वजह तो उन्होंने यह बताई कि इमारत ना तो ज्यादा ही पुरानी थी और ना ही उसकी हालत जर्जर थी। इसका निर्माण एल शेप में किया गया था। यह भी इसकी मजबूती पर असर डालने वाला हो सकता है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर अधिकारियों ने अभी तक कुछ भी नहीं कहा है।

दिल्ली के मुस्तफाबाद में भरभराकर गिरी इमारत

सीसीटीवी वीडियो आया सामने

इमारत के गिरने का सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है। इसमें हादसे के बाद तेजी से उठता धूल का गुबार साफ देखा जा सकता है। ये बताता है कि ये हादसा कितना भयानक था। सीसीटीवी फुटेज में हादसे का समय रात के 2 बजकर 39 मिनट दिखाई दे रहा है। एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसेन शाहिदी ने कहा, ‘यह जी प्लस 4 बिल्डिंग जो ढह गई है, उसे हम पैनकेक कोलेप्स कहते हैं। यह एक बहुत ही खतरनाक प्रकार है, जिसमें बचने की संभावना बहुत कम होती है। फिर भी, हमें उम्मीद है कि कुछ लोगों की जान बचाई जा सकती है और हम सक्रिय रूप से तलाश कर रहे हैं। मलबे को धीरे-धीरे और पूरी तरह से साफ किया जा रहा है। चूंकि यह एक बहुत ही भीड़भाड़ वाला इलाका है, इसलिए यहां काम करना बेहद चुनौतीपूर्ण है। जगह की कमी के कारण मलबे को साफ करने के लिए भारी मशीनरी का इस्तेमाल सीमित है।

हादसे पर राजनीति शुरू

इस हादसे पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के हरियाणा अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा, ‘मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं यह भी प्रार्थना करता हूं कि जो लोग घायल हुए हैं वे जल्द स्वस्थ हों। दिल्ली में अवैध निर्माण लंबे समय से हो रहे हैं। देश आगे बढ़ रहा है, लेकिन DDA पिछले 25 सालों में दिल्ली के लिए कोई मास्टर प्लान पेश नहीं कर पाया है। हर जगह अवैध निर्माण हो रहा है। दिल्ली के हर पड़ोसी राज्य में अच्छी नीति है, लेकिन दिल्ली में नहीं। लोग मंजिलों पर मंजिलें बना रहे हैं और निगम इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। निगम को अपना कर्तव्य निभाना चाहिए और DDA को हरियाणा, यूपी, राजस्थान और देश के अन्य शहरों की तरह नीति लानी चाहिए। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।’

वहीं कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने समाचार न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद से दिल्ली में इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं। चार लोगों की मौत एक बहुत गंभीर मुद्दा है, इसकी जांच होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इस घटना के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार जिम्मेदार है।’