भाजपा पर निशाना साधते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के लिए समर्थकों को राज्य के अन्य हिस्सों से यहां लाया जा रहा है।
श्रीनगर में मोदी की पहली चुनावी रैली से पहले उमर ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘दो ट्रेनें भरकर समर्थकों को जम्मू के बनिहाल से यहां लाया जा रहा है। वहीं क्यों नहीं रैली कर लेते?’’
उमर ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘मैंने स्टेडियम में दाखिल होते लोगों के हाथ में या उनके वाहनों पर भाजपा का एक भी झंडा या बैनर नहीं देखा। जो कि भाजपा के समर्थन का प्रतीक हो।’’
उमर का सरकारी आवास रैली के आयोजन स्थल के पास ही स्थित है।
मुख्यमंत्री ने छह सालों तक नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन सहयोगी रही कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समर्थन वाले कुछ नेताओं को भी रैली के लिए लोग उपलब्ध करवाने के लिए कहा गया है।
उमर ने कहा, ‘‘आश्चर्य है कि कांग्रेस के समर्थन वाले ‘नेताओं’ से भी कहा गया है कि वे भाजपा की रैली में लोगों को लाएं। राजनीति ऐसे अजीब अस्थायी साथी बनाती है।’’
उमर संभवत: कृषि मंत्री गुलाम हसन मीर की ओर इशारा कर रहे थे, जो कांग्रेस के कोटे से वर्ष 2009 में मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे। हालांकि उन्होंने वर्ष 2008 में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।
कांग्रेस ने गुलमर्ग विधानसभा सीट से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। इसी सीट से मीर लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि अलगाववादी से मुख्यधारा के नेता बने सज्जाद गनी लोन ने प्रधानमंत्री की रैली में अपने समर्थकों को पहुंचाने के लिए 80 वाहन उपलब्ध करवाए हैं। लोन कूपवाड़ा जिले के हंदवारा से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘तो सज्जाद लोन भीड़ जुटाने में अपने ‘बड़े भाई’ की मदद के लिए अपने समर्थकों को लगभग 80 वाहनों में भरकर कूपवाड़ा से भेज रहे हैं।’’
चुनावों के क्रम में लोन ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी और ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के साथ एक समझौता किया है।
मुस्लिम बहुल राज्य में पहली बार सरकार बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही भाजपा ने लोन के खिलाफ कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारा।
सांबा रैली के दौरान मोदी के भाषण पर कटाक्ष करते हुए उमर ने ट्वीट किया, ‘‘वंशवाद की राजनीति से जुड़ी उबाउच्च् कहानी एक बार फिर से शुरू होती है। नरेंद्र मोदी जी, इसे पहले अकाली दल और शिवसेना के साथ क्यों नहीं आजमाते?’’
उमर ने हाल ही में कहा कि श्रीनगर में प्रधानमंत्री की रैली के लिए एक लाख लोग जुटाना भाजपा के लिए कोई मुश्किल काम नहीं है लेकिन उन्होंने यह भी पूछा कि क्या पार्टी इस संख्या को वोटों में तब्दील कर सकती है?
उमर ने नागरोटा में हाल ही में संवाददाताओं को बताया गया था, ‘‘उनके पास पैसा है और वे लोगों को लाने के लिए वाहनों का प्रबंध कर सकते हैं। यहां तक कि सज्जाद लोन भी रैली में शिरकत करने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र से 20 से 30 हजार लोगों का प्रबंध कर सकते हैं। असल सवाल यह है कि क्या भाजपा इस संख्याबल को वोटों में बदल सकती है?’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने भी 22 नवंबर को किश्तवाड़ में प्रधानमंत्री की रैली में शिरकत के लिए बाहर से समर्थक लाए जाने का आरोप भाजपा पर लगाया था।