पेजावर मठ के मठाधीश विश्वेशा तीर्थ स्वामी के निधन पर कर्नाटक सरकार ने उनके सम्मान स्वरूप तीन दिनों के शोक का ऐलान किया है। यह राज्य स्तरीय शोक 31 दिसंबर तक जारी रहेगा। विश्वेशा तीर्थ स्वामी का निधन रविवार को उडुपी में हुआ था। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को उडुपी से विमान द्वारा बेंगलुरू लाया गया, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा ने विश्वेशा तीर्थ स्वामी के अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद रहे। पेजावर मठ के शीर्ष धार्मिक गुरू विश्वेशा तीर्थ स्वामी 88 वर्ष के थे और बीते कई दिनों से बीमार चल रहे थे। पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई गणमान्य लोगों ने विश्वेशा तीर्थ स्वामी के निधन पर दुख जताया था।
विश्वेशा तीर्थ स्वामी की पहचान एक उदार धर्मगुरू की थी। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनका ड्राइवर एक मुस्लिम है। इसके अलावा वह रमजान के दौरान रोजा इफ्तार का आयोजन भी कर चुके हैं। पेजावर मठ की दलितों में भी काफी मान्यता है। दरअसल विश्वेशा तीर्थ स्वामी ने मठ को एक समुदाय विशेष तक सीमित नहीं रखा था और दलितों समेत सभी समुदायों के लिए पेजावर मठ के दरवाजे हमेशा खुले रहे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने विश्वेशा तीर्थ स्वामी के निधन पर ट्वीट कर लिखा कि ‘स्वामी जी हमारे दिलों में रहेंगे। वह सेवा के केन्द्र थे और हमेशा समाज के लिए कार्य करते रहे।’ उन्होने लिखा कि ‘मैं खुद को धन्य मानता हूं कि मुझे श्री विश्वेश तीर्थ स्वामी से सीखने के कई अवसर मिले। हाल ही में गुरू पूर्णिमा के पुण्य दिवस पर हुई मुलाकात भी यादगार रहेगी। उनका त्रुटिहीन ज्ञान हमेशा रहा। मेरे विचार उनके साथ हैं।’ केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पेजावर मठ के शीर्ष धर्मगुरू को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।