जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 35 ए को लेकर राजनीति एकबार फिर तेज हो गई है। बुधवार (31 जुलाई 2019) को राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सभी जान-माल कुर्बान करने को तैयार रहे और नेशनल कॉन्फ्रेन्स और कांग्रेस एकजुट हो जाए। मुफ्ती ने कहा है कि इस वक्त अफवाहें हैं कि 35 ए के ऊपर हमला हो सकता है। उसके हवाले से हम सभी को एकत्रित होना चाहिए, न सिर्फ नेताओं को बल्कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं को भी। चाहे वह नेशनल कॉन्फ्रेंस हो, कांग्रेस या फिर पीडीपी।’
मोदी सरकार ने कश्मीर घाटी में केंद्रीय बलों के करीब 10 हजार अतिरिक्त जवानों को भेजने का आदेश दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद से ही सूबे में हलचल तेज हो गई है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि आर्टिकल 35 ए को हटाया जा सकता है। पीडीपी चीफ ने कहा ‘हमारे कार्यकर्ताओं को सबके घर जाना चाहिए और सबको सूचित करना चाहिए कि इस वक्त हम चुनाव की लड़ाई को अलग रखते हुए मिलकर काम करेंगे और जम्मू-कश्मीर का जो 35 ए है उसकी हिफाजत के लिए हम जान और माल कुर्बान करने के लिए तैयार हो जाएंगे।’
मुफ्ती के इस बयान के बाद बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी महासचिव आर माधव ने कहा कि पीडीपी चीफ अपने बयानों से जनता के बीच भय का माहौल बनाना चाहती है। राज्य में मौजूद क्षेत्रीय दल अपने राजनीतिक फायदे के लिए ऐसा कर रहे हैं। केंद्र ने हाल में जो भी फैसले लिए हैं वह परिस्थितियों को ध्यान में रखकर लिए हैं।’
मालूम हो कि इससे पहले भी महबूबा ने भड़काऊ बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि 35 ए के साथ छेड़छाड़ करने का मतलब बारूद को हाथ लगाना है। इसके बाद महबूबा ने कहा कि जो हाथ 35 ए के साथ छेड़छाड़ के लिए उठेगा, वो हाथ ही नहीं बल्कि सारा जिस्म जल के राख हो जाएगा। महबूबा ने यह बयान श्रीनगर में एक रैली के दौरान दिया। महबूबा समेत अब्दुल्ला और दूसरे नेताओं ने इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की थी।