एजीआर मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दूरसंचार विभाग ने टेलिकॉम कंपनियों को शुक्रवार रात 12 बजे से पहले बकाया राशि जमा करने के निर्देश दिए हैं। दूरसंचार विभाग ने टेलिकॉम कंपनियों को इस सिलसिले में नोटिस भी जारी कर दिया है। विभाग ने कंपनियों को सर्किल के आधार पर बकाये के संबंध में नोटिस भेजे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने विभाग और टेलिकॉम कंपनियों के ढीले रवैये पर नाराजगी जाहिर की जिसके बाद यह कदम उठाया गया है।

कोर्ट ने मामले में सुनवाई के दौरान आदेश को न मानने पर देरी के लिए विभाग और कंपनियों को आड़े हाथों लिया। कोर्ट ने कहा कि देश में कोई कानून व्यवस्था है या नहीं। नोटिस पर एयरटेल ने 10,000 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है। कंपनी ने कहा है कि वह 20 फरवरी तक यह रकम अदा कर देंगे। इसके अलावा एयरटेल ने सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई से पहले बाकी बकाया चुकाने की पेशकश की है।

सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों को 23 जनवरी तक 1.47 लाख करोड़ रुपय के बकाए को भरने के लिए कहा था। आदेश के बाद माना जा रहा था कि कंपनियां अपना-अपना बकाया भर देंगी लेकिन टेलिकॉम विभाग के डेस्क अफसर ने कोर्ट के अगले आदेश तक रिकवरी पर रोक लगा दी थी। सुनवाई के दौरान इस पर कोर्ट ने कहा कि हमारे आदेश की कोई अफसर अवहेलना कैसे कर सकता है। अगर ऐसा हो रहा है तो सुप्रीम कोर्ट को ही बंद कर देना चाहिए। हमने एजीआर मामले में समीक्षा याचिका खारिज कर दी, लेकिन इसके बाद भी एक भी पैसा जमा नहीं किया गया।

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने टेलिकॉम कंपनियों की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें बकाये राशि को अदा करने के लिए कहा गया है। टेलीकॉम कंपनियों पर लाइसेंस फीस के रूप में 92,642 करोड़ और स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज के रूप में 55,054 करोड़ रुपये का बकाया है। वोडाफोन-आइडिया, भारती एयरटेल और टाटा टेली के अलावा कुछ अन्य कंपनियां है जिनपर यह बकाया बाकी है।