पटना के एसएसपी मनु महाराज चिड़ियाघर के पास स्थित आवास से शुुक्रवार रात करीब 11.30 बजे बाइक से निकले। उन्होंने अपना चेहरे पर रुमाल बांध रखा था ताकि कोई उन्हें पहचान ना सके। वे शहर के कोतवाली पुलिस थाना पहुंचे। उन्हें थाने के दरवाजे पर कोई संतरी नहीं मिला। कप्तान साहब बिना किसी पुलिसवाले की नजर में आए आसानी से अंदर चले गए। उन्होंने अपनी बाइक खड़ी की और पुलिस की जीपों पर नजर डाली। पांच में से एक जीप की पिछली सीट पर विशेष सहायक पुलिस का एक ड्राइवर सोता हुआ मिला।
ड्राइवर ने कुछ दिन पहले ही थाना इंचार्ज से कहा था कि जीप खराब हो गई है। एसएसपी मनु ने बाइक की चाभी से जीप को स्टार्ट करने की कोशिश की। जब जीप स्टार्ट हो गई तो उन्होंने एक्सीलरेटर दबाया और हॉर्न भी बजाया, लेकिन ड्राइवर अपनी नींद से नहीं जागा। थाने पर तैनात पुलिसकर्मियों की तरफ से भी कोई हरकत नहीं हुई। फिर कप्तान साहब गाड़ी लेकर वहां से ‘रफूचक्कर’ हो गए और तीन घंटे तक पटना की सड़कों पर पुलिस थाने से ‘चुराई’ गई जीप दौड़ाते रहे।
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रास्ते में ड्राइवर भरत राय की नींद खुली तो उसने एसएसपी को पहचान लिया। एसएसपी मनु महाराज ने बताया, “मैं अपने आवास लौट आया और कोतवाली थानाा प्रभारी को फोन किया। आखिर उसे अब तक ये पता क्यों नहीं चला था कि थाने की एक जीप गायब है। मैंने उससे पूछा कि क्या थाने पर पांचों जीप मौजूद हैं और उसने हामी भर दी। मैंने उसे दोबारा देखने को कहा। वापस लौटकर उसने बताया कि एक जीप गायब है।”
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एसएसपी मनु महाराज अपने औचक निरीक्षणों की वजह से जाने जाते हैं। कोतवाली थाना प्रभारी रमेश कुमार से सुरक्षा में हुई बड़ी चूक पर सफाई मांगी गई है। सभी पुलिस जीपों में जीपीएस और वायरलेस सेट लगे हुए हैं। एसएसपी साहब पटना की सड़कों पर मजे से पुलिस की जीप दौड़ाते रहे और थाने को पता तक नहीं चला। ड्राइवर को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है।