बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की एक अदालत में पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोत्तरी को लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ एक याचिका दायर की गई है। अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख तीन जुलाई मुक़र्रर की है।
मुजफ्फरपुर के सीजेएम (मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी) की अदालत में तमन्ना हाशमी नामके शख्स ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ दायर याचिका में आरोप लगाया है कि पेट्रोलियम उत्पादक देशों में कच्चे तेलों की कीमत कम होने के बावजूद लगातार एक साजिश के तहत पेट्रोल-डीजल ज्यादा दामों पर बेचा जा रहा है। हाशमी ने अपनी रिट में आईपीसी की धारा 420, 295, 295 ए और 511 के तहत केस चसलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि लगातार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि से लोग भयभीत और आक्रोशित हैं।
4 मई के बाद से पेट्रोल-डीजल के दामों में आज 32वीं बार बढ़ोतरी की गई। मंगलवार को पेट्रोल 35 पैसे और डीजल 28 पैसे महंगा हुआ। इससे पहले तेल कंपनियों ने रविवार को पेट्रोल 35 पैसे महंगा किया था जबकि डीजल के भाव में भी 25 पैसे का इजाफा हुआ। सोमवार और मंगलवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से लगातार हुई बढ़ोतरी के चलते दिल्ली के बाजार में पेट्रोल 98.81 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। डीजल 89.23 रुपये प्रति लीटर पर है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 104.97 तक पहुंच गई है। जबकि डीजल 96.76 के भाव से बिक रहा है। चेन्नई की बात करें तो यहां पेट्रोल 99.90 रुपये प्रति लीटर है और डीजल 93.79 रुपये प्रति लीटर। कोलकाता में पेट्रोल 98.71 रुपये की दर से बिक रहा है। डीजल के दाम यहां 92.08 रुपये प्रति लीटर हैं।
गौरतलब है कि सरकार लगातार कह रही है कि तेल के दामों पर उसका नियंत्रण नहीं है लेकिन जब भी किसी सूबे में चुनाव होते हैं तो पेट्रोल डीजल की कीमतों में होने वाला इजाफा रुक जाता है। चुनाव खत्म होते ही फिर से बढ़ोतरी होने लग जाती है। हाल ही में पांच राज्यों के चुनाव के दौरान ये ही प्रक्रिया देखी गई।
लोगों का कहना है कि अगर सरकार का नियंत्रण नहीं है तो चुनाव के समय में होने वाली बढ़ोतरी पर सरकार अंकुश कैसे लगा देती है। आम जन का मानना है कि सरकार विनियंत्रण की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ती है। तेल की कीमतें वैश्विक बाजार में कम होने पर भी लोगों को राहत नहीं दी जाती है।