पठानकोट वायुसैनिक अड्डे में छिपे दो और आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने सोमवार को तीन दिन बाद मार गिराया वहीं सरकार ने सोमवार को कहा कि अब तक छह आतंकवादी मारे जा चुके हैं लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि क्या सारे आतंकवादियों का सफाया हो गया है। कश्मीरी आतंकवादी संगठनों के समूह यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (यूजेसी) ने पठानकोट हमले की जिम्मेदारी लेने का दावा किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् की बैठक की अध्यक्षता की जिसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि चार आतंकवादियों के शव बरामद कर लिए गए हैं और शेष दो आतंकवादियों के शव बरामद कर लिए जाएंगे। अधिकारियों ने पिछले दो दिनों में आतंकवादियों की संख्या छह बताई थी और जेटली की तरफ से दिए गए आंकड़े से प्रतीत होता है कि सभी आतंकवादी मारे जा चुके हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के महानिरीक्षक मेजर जनरल दुशांत सिंह ने मीडिया से कहा कि ऑपरेशन अब भी जारी है और तब तक जारी रहेगा ‘जब तक हम अड्डे को पूरी तरह सुरक्षित नहीं कर लेते हैं।’ वरिष्ठ कैबिनेट सहयोगियों सुषमा स्वराज और मनोहर पर्रीकर के साथ एनएससी की बैठक में शामिल होने वाले जेटली ने कहा कि वायुसैनिक अड्डे पर सभी संपत्तियां सुरक्षित हैं।
जेटली ने कहा कि सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को उसी स्थान पर घेर लिया जहां वे घुसे थे और उन्हें प्रतिष्ठान से ‘उचित दूरी’ पर रोके रखा। उन्होंने कहा, ‘सभी प्रतिष्ठान सुरक्षित हैं।’
पठानकोट हमले के साथ अफगानिस्तान के मजार ए शरीफ में भारतीय दूतावास पर हमले को देखते हुए इस तरह के संकेत हैं कि विदेश सचिव एस. जयशंकर की वार्ता के लिए अगले हफ्ते इस्लामाबाद की प्रस्तावित यात्रा रद्द हो जाएगी। संभावना है कि अगले कुछ दिनों में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की अत्यावश्यक बैठक होगी जिसके बाद विदेश सचिव स्तर की वार्ता पर निर्णय होगा।
वित्त मंत्री से जब पूछा गया कि क्या विदेश सचिवों की बैठक तय कार्यक्रम के मुताबिक होगी तो जेटली ने सवालों को टालते हुए कहा, ऑपरेशन अब भी जारी है। ऑपरेशन खत्म हो जाने दीजिए। फिर हम इन मामलों पर निर्णय करेंगे।’ कश्मीरी आतंकवादी संगठनों के समूह यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (यूजेसी) ने पठानकोट हमले की जिम्मेदारी लेने का दावा किया है।
भारत में बयान को इस प्रयास के रूप में देखा जा रहा है कि कश्मीरी आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार हैं न कि पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन। यूजेसी में मुख्यत: जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी संगठन शामिल हैं। इसमें सैयद सलाउद्दीन के संगठन के आतंकवादी भी हैं जो पाकिस्तान का है।
इस बीच मेजर जनरल सिंह ने शाम को मीडिया से बात करते हुए कहा कि एनएसजी और सेना सहित सुरक्षा बलों ने मेडिकल व प्रशासनिक सहयोग के साथ ही भारी सैन्य बल और साजो सामान तैनात किया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह वायुसेना ने विमानन, निगरानी, गार्ड्स को इस विशेष अभियान में तैनात कर रखा है। उन्होंने कहा कि पुलिस और खुफिया एजेंसियां आॅपरेशन को सफल बनाने के लिए मिलकर काम कर रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘जैसा कि मैंने पहले बताया था कि वायुसेना अड्डे पर चल रहे अभियान की व्यापकता को देखते हुए हम जब तक अड्डे को पूरी तरह सुरक्षित नहीं कर लेते हैं तब तक अभियान चलता रहेगा। बहरहाल मैं सूचित करना चाहता हूं कि वायुसेना अड्डे की सारी संपत्तियां सुरक्षित हैं और कर्मी व उनके परिजन भी सुरक्षित हैं।’
इससे पहले सोमवार को दिन में एक शक्तिशाली विस्फोट से वायुसेना स्टेशन की दोमंजिला इमारत हिल गई जहां दो आतंकवादी छिपे हुए थे। मेजर जनरल सिंह ने कहा था, ‘अब तक हमने चार आतंकवादियों का सफाया कर दिया है और दो आतंकवादियों के सफाए का अभियान संभवत: अंतिम चरण में है।’
संवाददाता सम्मेलन में सिंह के साथ एअर ऑफिसर कमांडिंग, एअर कोमोडोर जे. एस. दमून और ब्रिगेडियर अनूपिंदर सिंह भी थे। उन्होंने कहा, ‘पूरा अभियान तब तक चलेगा जब तक सभी कर्मियों, संपत्तियों, ढांचे की सघन जांच नहीं कर ली जाती है। इसलिए इसमें लंबा समय लगने की संभावना है।’
वायुसेना स्टेशन का इलाका ‘बहुत बड़ा’ है जहां भारतीय वायुसेना की सामरिक संपत्तियां हैं। इसके अलावा वायुसेना कर्मियों का परिवार और स्कूल स्थित है। वायुसेना अधिकारी ने कहा, ‘यह एक छोटा शहर है।

