पंजाब सेक्टर में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ ‘कोर्ट आफ इंक्वायरी’ का आदेश दिया गया है। इसका उद्देश्य सीमा पर उन संभावित खामियों का पता लगाना है, जिनका फायदा उठा कर पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हमला करने वाले आतंकी पाकिस्तान से घुसे। अधिकारियों ने कहा कि गुरदासपुर के उपमहानिरीक्षक (डीआइजी) एनके तिवारी और क्षेत्र में तैनात 132वीं बटालियन के कमांडेंट एसएस डबास को ‘इंक्वायरी पूरी होने तक’ क्षेत्र से स्थानांतरित कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि बीएसएफ मुख्यालय ने हाल के समय में इस क्षेत्र से अंतरराष्ट्रीय सीमा के उल्लंघन की संभावना पर गौर करने के लिए ‘कोर्ट आफ इंक्वायरी’ का गठन किया। इसके बाद एक तथ्यान्वेषी दल सबूतों के लिए सीमावर्ती इलाकों पर गौर कर रहे हैं। दो अधिकारियों और उनके सदस्यों के हाथों में पंजाब क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा का जिम्मा था।

अधिकारियों ने कहा, ‘अधिकारियों की जगह डीआईजी ए श्रीनिवासन और कमांडेंट आईपी भाटिया की तैनाती हुई है।’ उन्होंने कहा कि पठानकोट हमले और जम्मू क्षेत्र में कुछ अन्य के बीच ‘कोर्ट आफ इंक्वायरी’ कमांडरों की भूमिका का पता लगाएगी। इन क्षेत्र में बीएसएफ अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करता है।

उन्होंने कहा कि बल को यह कहने के लिए कोई सबूत नही मिला कि अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन या उस पर घुसपैठ हुई, ‘कोर्ट आफ इंक्वायरी’ के अलावा इन मामलों में एनआइए जांच भी और प्रकाश डालेगी।
बीएसएफ की भूमिका जांच के दायरे में उस समय आ गई थी जब ख्ुाफिया खबरों में कहा गया कि पठानकोट में दो जनवरी को हमला करने वाले आतंकवादी संभवत: जिले के बमियाल क्षेत्र से घुसे थे जहां नाले और बिना बाड़ वाले सीमा क्षेत्र हैं।

पठानकोट हमला: ’बीएसएफ की भूमिका जांच के दायरे में उस समय आ गई थी जब ख्ुाफिया खबरों में कहा गया कि पठानकोट में दो जनवरी को हमला करने वाले आतंकवादी संभवत: जिले के बमियाल क्षेत्र से घुसे थे जहां नाले और बिना बाड़ वाले सीमा क्षेत्र हैं।

दोनों अफसरों के तबादले: गुरदासपुर के उपमहानिरीक्षक (डीआइजी) एनके तिवारी और क्षेत्र में तैनात 132वीं बटालियन के कमांडेंट एसएस डबास को ‘इंक्वायरी पूरी होने तक’ क्षेत्र से स्थानांतरित कर दिया गया।