घरेलू उपभोग के बाजार में उथल-पुथल मचाने के बाद अब बाबा रामदेव के नेतृत्व वाला पतंजलि आयुर्वेद ग्रुप अब कपड़ा बाजार में भी उतरने की योजना बना रहा है। खबर है कि पतंजलि जल्द ही अपने कपड़ों का ब्रांड ‘परिधान’ लॉन्च करने वाला है। एक टीवी इंटरव्यू के दौरान पतंजलि के एमडी और को-फाउंडर आचार्य बालकृष्ण ने इस खबर की पुष्टि की है। आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि पतंजलि किसी थर्ड पार्टी द्वारा इन-हाउस कपड़ों का निर्माण कराएगी। हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले और कोलगेट आदि एफएमसीजी कंपनियों को भारतीय बाजार में बड़ा झटका देने के बाद अब पतंजलि लीवाइस और रेंगलर जैसे फैशन ब्रांड को भी टक्कर देने की तैयारी में है।
आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, इस कारोबार की देखरेख के लिए नोएडा में एक टीम बनायी गई है। पतंजलि की योजना बड़े-बड़े शहरों में अपने ब्रांड ‘परिधान’ के करीब 100 एक्सक्लूसिव स्टोर खोलने की योजना है। पतंजलि के फाउंडर बाबा रामदेव ने कुछ समय पहले बताया था कि कपड़ों के अपने ब्रांड के तहत उनकी कंपनी करीब 3000 प्रोडक्ट बाजार में उतारेगी, जिसमें किड्सवीयर, योगा, स्पोर्ट्स, कैप्स, शूज, टॉवेल, बेडशीट्स आदि शामिल होंगे। बाबा रामदेव ने बताया था कि सबसे खास उनकी स्वदेशी जींस होंगी, जिन्हें भारतीय मौसम के हिसाब से तैयार किया जाएगा।
आचार्य बालकृष्ण का इस स्वदेशी जींस को लेकर कहना है कि जींस एक पश्चिमी पहनावा है और हम या तो उसका बहिष्कार कर सकते हैं या फिर उसे अपना सकते हैं। लेकिन अपनाने के लिए उसे अपनी संस्कृति के हिसाब से कस्टमाइज्ड करना पड़ेगा। चूंकि जींस लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध हैं, इसलिए इन्हें भारतीय समाज से दूर नहीं किया जा सकता। स्वदेशी जींस, जींस का भारतीयकरण होगा, इसके स्टाइल, डिजाइन और फैब्रिक में भारतीयता झलकेगी। आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, उनकी जींस महिलाओं के लिए थोड़ी ढीली होगी, ताकि वह भारतीय संस्कृति के हिसाब से आरामदायक लगे। आचार्य का मानना है कि उनकी स्वदेशी जींस लोगों को बेहद पसंद आएगी। उनके अनुसार, डेनिम जींस विदेश से आती हैं या फिर विदेशी कंपनियों द्वारा यहीं पर मैन्यूफैक्चर की जाती हैं। ये सभी पश्चिमी सभ्यता और डिजाइन्स पर आधारित होती हैं और भारतीय सभ्यता के हिसाब से यह उपयुक्त नहीं है। हमारी जींस भारतीय पहनावे के अनुरुप ही होगी।