पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक और देश में योगगुरू के तौर पर चर्चित बाबा रामदेव पर आए दिन उनके बड़े व्यापारिक साम्राज्य को लेकर अलग-अलग आरोप लगते रहे हैं। कुछ महीनों पहले ही रामदेव ने कोरोना के खिलाफ कारगर बताई जाने वाली कोरोनिल दवा लॉन्च की थी। इसे लेकर भी आलोचकों ने उन पर निशाना साधा था। साथ ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और डॉक्टर हर्षवर्धन के उनके कार्यक्रम में पहुंचने के बाद रामदेव पर भाजपा से करीबी रखने के आरोप भी लगे थे। हालांकि, खुद रामदेव ने अब तक राजनीति पर खास बयान नहीं दिया है। एक मौके पर तो उन्होंने यहां तक कह दिया था कि अगर वे चाहें तो पीएम या राष्ट्रपति बन सकते हैं, पर वे इसके लिए बने ही नहीं हैं।
क्या बोले थे बाबा रामदेव?: स्वामी रामदेव ने एक इंटरव्यू में कहा था, “मैंने कभी झूठ को, आडंबर को, अधविश्वास को, राजनीति को अपनी बैसाखियां नहीं बनाया। मैं किसी का मोहताज नहीं। एक अल्टीमेट बात ये है कि मैंने जिंदगी में जो कुछ पाया है, वो किसी की मेहरबानी से नहीं पाया है। न किसी कॉरपोरेट घराने से, न किसी राजनीतिक घराने, किसी राजनीतिक पार्टी या राजनीतिक व्यक्ति की मेहरबानी से। बल्कि मैंने उन्हें दिया है।”
रामदेव ने आगे कहा था, “मैं अगर चाहता तो अब तक राजनीति में जिसे लोग प्रधानमंत्री बोलते हैं, राष्ट्रपति बोलते हैं, वो पा सकता था, और आगे चाहूं तो पा सकता हूं। लेकिन मुझे पाना नहीं है। क्योंकि मैं उसके लिए बना नहीं हुई हूं। मैं योग की महिमा, वेदों-ऋषियों की महिमा गाने के लिए, देश की, स्वदेशी की महिमा गाने के लिए, लोगों का उपचार और उपकार करने के लिए पैदा हुआ हूं। लोगों को व्यापार दिखता है, दिखने दो। मैंने ठेका नहीं ले रखा है कि मैं सबके सब प्रश्नों का उत्तर दूं। बाकी आलोचक जाएं भाड़ में। वो अपनी ऐसी-तैसी कराएं।”
‘देश की संविधान और भगवान के प्रति जवाबदेह’: रामदेव ने अपनी जवाबदेही पर कहा था- “मैं अपना काम कर रहा हूं न। मैं भगवान के लिए जवाबदेह हूं। मैं देश के संविधान के लिए जवाबदेह हूं। मुझ पर जो करोड़ो लोग विश्वास करते हैं, उनके प्रति जवाबदेह हूं। बाकी तो ठीक है बातचीत होती हैं, विवाद होते हैं। मुझ पर कुछ नहीं तो एक हजार से ज्यादा तो एफआईआर और केस हो चुके हैं। नॉन बेलेबल वॉरंट हो चुके हैं। सीबीआई की डबल इंक्वॉयरी हो चुकी है।”
‘हम किसी से फेवर के लिए नहीं कहते’: योगगुरू ने कहा था, “हम फेवर के लिए किसी को बोलते नहीं, वो अलग बात है। क्यों बोलना फालतू में। पक्ष की सरकार हो या विपक्ष की। हम पर हर वक्त सैकड़ों केस चल रहे होते हैं। हर महीने वकीलों का खर्चा कभी लाखों में कभी करोड़ों में होता है। अभी तक कई करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। लेकिन हमारा फेवर किया है तो भगवान ने किया है। उसकी के फेवर से हम आगे बढ़े हैं।”