दिल्ली-मुंबई के बीच 1,386 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे अभी आंशिक रूप से शुरू हुआ है। यह एक्सप्रेसवे गुजरात जैसे ड्राई स्टेट में शराब की तस्करी के लिए धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है। अंतरराज्यीय चौकियों और पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए सीक्रेट रूट्स की तलाश में शराब तस्करी करने वाले गिरोह इस एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल बेरोकटोक घुसपैठ करने के लिए कर रहे हैं।

एक्सप्रेसवे की निगरानी करने वाली दाहोद जिला पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि तीन महीनों के भीतर उन्होंने 10 करोड़ रुपये की शराब जब्त की है जो तेल टैंकरों, पशु आहार ले जाने वाले ट्रकों आदि में छिपाकर लाई गई थी। सबसे ताजा मामला 1 दिसंबर का है, जब ‘रॉयल ​​चैलेंज’ लेबल वाले कार्टन में बंद अवैध भारतीय निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) जब्त की गई और राजस्थान के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस साल जनवरी से दाहोद जिले में कुल मिलाकर 50 लाख रुपये की शराब जब्त की गई है।

इन राज्यों से हो कर गुजरता है दिल्ली – मुंबई एक्सप्रेसवे

आठ लेन वाले दिल्ली – मुंबई एक्सप्रेसवे का उद्देश्य दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय को घटाकर 12.5 घंटे करना है। यह एक्सप्रेसवे राजधानी को हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से जोड़ता है जिनमें से गुजरात एकमात्र ऐसा राज्य है जहां शराबबंदी का सख्त कानून लागू है।

अगस्त में निर्माणाधीन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का कुछ हिस्सा गुजरात तक खोले जाने के बाद से दाहोद जिले की पुलिस लगातार सतर्क है। इस साल 1 सितंबर से 30 नवंबर के बीच स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी) ने शराब की तस्करी करने वाले वाहनों को रोककर 16 मामले दर्ज किए हैं जिनमें से अधिकांश आरोपी अन्य राज्यों के हैं।

पढ़ें- Blinkit डिलीवरी एजेंट ने 15 घंटे की ड्यूटी के बाद कमाए सिर्फ 763 रुपये

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के रास्ते गुजरात भेजी जा रही शराब

दाहोद एलसीबी के पुलिस इंस्पेक्टर संजय गमेती ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सितंबर से नवंबर के बीच एक्सप्रेसवे के रास्ते गुजरात की ओर भेजे जा रहे 1.8 लाख यूनिट (बोतल, कैन और टिन सहित) 7000 से अधिक कार्टन आईएमएफएल जब्त किए गए हैं। यह खेप जो ज्यादातर भारी वाहनों में भरी हुई थी, हरियाणा और पंजाब के रास्ते लाई गई थी। इसके लिए कॉरिडोर के अब चालू और मानवरहित दिल्ली-मध्य प्रदेश चरण का उपयोग किया गया था।

गमेती ने कहा, “इस साल दिल्ली से मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के थंदला तक चलने वाली भारतमाला मार्ग के चालू होने के बाद से शराब तस्कर गुजरात में प्रवेश करने के लिए इस मार्ग का इस्तेमाल कर रहे हैं। वाहन भारतमाला मार्ग से थंदला तक बिना किसी रोक-टोक के पहुँच जाते हैं और फिर मध्य प्रदेश के मेघनगर से होते हुए गुजरात की ओर बढ़ते हैं। इसके बाद वे दाहोद के खंगेला में गुजरात में प्रवेश करते हैं जो कटवारा पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आता है।”

एक्सप्रेसवे के रास्ते ऐसे की जा रही शराब की तस्करी

इंस्पेक्टर संजय गमेती ने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में शराब पर कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन राज्य राजमार्गों पर अंतरराज्यीय उत्पाद शुल्क चौकियों से शराब की तस्करी करने वाले वाहनों को पकड़ने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा, “ हालांकि, थांडला से गुजरात तक का हिस्सा अभी पूरा नहीं हुआ है लेकिन यह सक्रिय क्षेत्र शराब तस्करों के लिए भागने का रास्ता बन गया है।”

एक निरीक्षक ने कहा, “शराब तस्करों को पता है कि गुजरात में सख्त शराबबंदी कानून है इसलिए उन्होंने शराब छिपाकर रखी थी। हमने शराब परिवहन के लिए इस्तेमाल किए गए तेल टैंकर, साथ ही तरल सीमेंट टैंकर, सीलबंद कंटेनर वैन जब्त किए और एक मामले में शराब पशुओं के चारे के नीचे छिपाई गई थी।” जब्त की गई वस्तुओं की मात्रा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दाहोद जिले में इस साल जनवरी से अब तक लगभग 5000 अन्य निषेध संबंधी मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें कुल जब्त की गई वस्तुओं की कीमत 50 लाख रुपये है।

पढ़ें- पिता से हुई बहस तो गुस्से में पाकिस्तानी महिला ने क्रॉस किया इंटरनेशनल बॉर्डर