सियासी दलों को चुनाव आयोग का रिमोट एरिया में RVM से मतदान कराने का प्लान पसंद नहीं आया। सूत्रों ने कहा कि चुनाव आयोग के विशेष रूप से डिजाइन की गई रिमोट वोटिंग मशीनों (RVM) का इस्तेमाल करने के प्रस्ताव का लगभग सभी राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं। आरवीएम प्रवासियों को उनके घरेलू निर्वाचन क्षेत्रों के बाहर से भी वोट डालने की सुविधा देता है।

चुनाव आयोग ने मांगी थी पार्टियों से राय

चुनाव आयोग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अधिकांश दलों ने उस योजना पर असहमति जताई जिसे चुनाव आयोग ने पहली बार दिसंबर में घोषित किया था। हालांकि वे इस बात पर सहमत थे कि लगभग 30 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं द्वारा मतदान न करने की समस्या का समाधान किया जाना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि ऐसे में प्रस्ताव के जल्द ही लागू होने की संभावना नहीं है। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को एक अवधारणा नोट (Concept Note) भेजकर 28 फरवरी तक उनकी राय मांगी थी।

सभी को मतदान केंद्र तक लाने का अभियान

द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रस्ताव की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने 29 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि चुनाव आयोग को लगभग 60 राष्ट्रीय और राज्य मान्यता प्राप्त पार्टियों में से सीमित संख्या में प्रतिक्रिया मिली थी। उन्होंने कहा था, “लापता मतदाताओं के लिए आउटरीच बढ़ाने की आवश्यकता है। ऐसे में प्रक्रियाओं, प्रशासनिक भाग, कानूनी भाग और तकनीकी भाग पर काम चल रहा है। सभी ने इसे पहले दुरुस्त करने का सुझाव दिया है। यह एक लंबी चलने वाली प्रक्रिया है। इसमें समय लगेगा लेकिन जो भी हो सभी को मतदान केंद्र तक लाने का अभियान जारी है।”

RVM एक साथ 72 निर्वाचन क्षेत्रों के डाटा को संभालने में सक्षम

दिसंबर 2022 में चुनाव आयोग ने घोषणा की थी कि इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा डिजाइन किया गया प्रोटोटाइप आरवीएम प्रदर्शन के लिए तैयार था। चुनाव आयोग ने 16 जनवरी को आरवीएम की चर्चा और प्रदर्शन के लिए राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया था लेकिन प्रदर्शन आयोजित नहीं किया गया था क्योंकि लगभग सभी दलों ने इस विचार पर आपत्ति जताई थी।

चुनाव आयोग के अनुसार, आरवीएम एक साथ 72 निर्वाचन क्षेत्रों के डाटा को संभालने में सक्षम होगा। प्रस्ताव के अनुसार इसे प्रवासी मतदाताओं के लिए उनके घरेलू निर्वाचन क्षेत्रों के बाहर लगाया जाएगा।

(Story By- Damini Nath)