भारत ने बुधवार को कहा कि वो आतंकी संगठन आईएसआईएस के खिलाफ ऑपरेशन चलाने के लिए तैयार है, बशर्ते यूनाइटेड नेशन इस संदर्भ में कोई प्रस्ताव पास करे। वॉशिंगटन में अमेरिकी रक्षामंत्री एश्टन कार्टर से मुलाकात के बाद स्वदेश लौटे रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने यह भी कहा कि भारत आईएसआईएस से जुड़ी खुफिया जानकारियां साझा भी कर रहा है। जरूरत पड़ने पर इसे और बढ़ाया जाएगा। पर्रिकर ने कहा, ”हम यह साफ कर चुके हैं कि अगर यूएन का प्रस्ताव हो, अगर यूएन का अभियान हो या ये अभियान यूएन के झंडे के तले हो तो भारत की यूएन के झंडे तले काम करने की नीति के तहत हम हिस्सा लेंगे।” बता दें कि आईएसआईएस के खिलाफ सीरिया में अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन जैसे देश फौजी अभियान चला रहे हैं।
पर्रिकर विजय दिवस के मौके पर इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। वे आईएसआईएस के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के संदर्भ में भारत की हिस्सेदारी की संभावना से जुड़े सवालों पर जवाब दे रहे थे। बता दें कि भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों ने कहा है कि करीब 20 भारतीय इराक और सीरिया में आईएसआईएस की ओर से लड़ रहे हैं। आईएसआईएस आतंकियों के बीच छह महीने बिताने के बाद मुंबई के कल्याण का रहने वाला युवक आरिफ मजीद वापस लौट आया था। मुंबई पहुंचने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। आईएसआईएस की ओर से लड़ते हुए वहां मारे जाने वाले छह भारतीयों में तीन इंडिया मुजाहिदीन के आतंकी हैं। बाकी दो महाराष्ट्र और एक तेलंगाना से थे। बीते 15 दिसंबर को यूएई ने चार भारतीयों को आईएसआईएस से संबंध के शक में भारत वापस भेज दिया था। सितंबर में ही यूएई ने अफशां जबीन नाम की 37 वर्षीय महिला को भी वापस भेजा था, जो निकी जोसफ के नाम पर आईएसआईएस के लिए युवाओं की भर्ती कर रही थी।