असहिष्णुता पर संसद में हुई बहस में मंगलवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शरीक हुए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जम कर निशाना साधा। कहा- जब मैं प्रधानमंत्री को सुनता हूं तो सोचता हूं कि हमारी सोच कितनी अलग है। अतीत में जो हमारे नायक हुए हैं उन्होंने भारत की आवाज सुनी, हमें बात करने का सम्मान दिया। तब हम बातें ही नहीं करते थे, गाते थे। देश की करोड़ों आवाज, यहां तक कि सबसे कमजोर शख्स की आवाज भी काफी संवेदनशीलता के साथ सुनी जाती थी। यहां बैठे हर व्यक्ति ने लोगों के अधिकार की रक्षा की शपथ ली है। कहां हैं वीके सिंह? जनरल जिन्होंने दलित के बच्चों की तुलना कुत्ते के बच्चे से की। उन्होंने ऐसा कह कर सीधे हमारे संविधान को चुनौती दी। हमारे प्रधानमंत्री ने ऐसे शख्स को मंत्री बना रखा है। एक मुस्लिम की सरेआम हत्या कर दी गई। हमारे प्रधानमंत्री चुप रहे। सरकार स्किल इंडिया की बात करती है। लेकिन जब एक औसत आदमी को एफटीआईआई का चेयरमैन बना दिया जाता है और छात्र इसका विरोध करते हैं तो उनकी आवाज दबा दी जाती है।
राहुल ने गुजरात मॉडल के जरिए भी मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- गुजरात मॉडल का क्या हुआ, बुलबुला फूट गया और पाटीदारों ने आंदोलन कर दिया। आज हिंदुस्तान में विरोध का मतलब देशद्रोह हो गया है। अरुण शौरी जी ने मोदी जी को थोड़ा क्रिटिसाइज किया और आपके ट्रॉलर्स ने आपके ही आदमी पे आक्रमण कर दिया। अरुण जेटली जी कहते हैं कि विरोध कृत्रिम है। अरुण जी, यह आपके मेक इन इंडिया की तरह सपना नहीं है। यह हकीकत है। पाकिस्तान की कमजोरी यही है कि वहां कट्टरता है। वहां के नेता अवाम की आवाज नहीं सुनते। उनसे सबक लीजिए और अपनी जनता को आवाज दीजिए।
जिस समय राहुल लोकसभा में बोल रहे थे, उसी समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में बहस का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें रोशनी दिखाने वाला कोई दीया है तो वह एक है, हमारा संविधान। हमारे बुजुर्गों ने हमें ये एक उत्तम मार्गदर्शक दिया है। देश बाबा आंबेडकर के महान कामों को नकार नहीं सकता।