संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है और विपक्ष सरकार पर हमलावर है। इसी क्रम में तेलंगाना के मलकजगिरी (Malkajgiri in Telangana) से कांग्रेस सांसद रेवंत रेड्डी (Revanth Reddy) ने सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा रुपये पर की गई टिप्पणी को दोहरा दी। ‘रुपया आईसीयू में है’ वाली तत्कालीन सीएम मोदी की टिप्पणी का हवाला देकर उन्होंने सदन का तापमान गर्म कर दिया।

मैं पीएम की टिप्पणी को दोहराना चाहता था- कांग्रेस सांसद

रेवंत रेड्डी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि भाजपा अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में अपनी ‘अक्षमता’ के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को दोष नहीं दे सकती है। उन्होंने कहा, “उन्हें पीएम मोदी को कोट करना अच्छा नहीं लगा। मैंने कहा कि वे हमारे प्रधान मंत्री (PM) हैं और हम उन्हें कोट कर सकते हैं। मेरा सवाल था कि सरकार क्या एक्शन ले रही है?

वित्त मंत्री ने मेरी हिंदी का मजाक उड़ाया- रेवंत रेड्डी

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्टर ने पूछा कि क्या जवाब मिला? इसपर रेवंत रेड्डी ने कहा, “नहीं। इसके बजाय वित्त मंत्री (Finance Minister) ने कहा कि चूंकि मैं तेलंगाना से हूं, मेरी हिंदी सही नहीं है और वह मुझे टूटी-फूटी हिंदी में भी जवाब दे सकती हैं। जिस पर मैंने प्रतिक्रिया दी कि चूंकि मैं शूद्र (जाति से) हूं, तो स्वाभाविक है कि मैं अच्छी हिंदी नहीं बोलूंगा। लेकिन चूंकि मंत्री ब्राह्मण (Brahmin) हैं, इसलिए वह अच्छी हिंदी बोल सकती हैं।”

सरकार आर्थिक मोर्चे पर विफल- कांग्रेस सांसद

रेड्डी ने आगे कहा कि जिस भाषा का मैंने इस्तेमाल किया था, उसके लिए मेरा उपहास उड़ाया गया, तो मुझे जवाब देना पड़ा। उन्होंने कहा, “मैंने वित्त मंत्री से पूछा है कि क्या यह सच है कि 1947 से लेकर 2014 तक (67 साल) भारत ने 55,87,147 करोड़ रुपये उधार लिए थे। पिछले कुछ सालों में इस सरकार ने 80,00,000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। इसका मतलब है कि उनका वित्तीय प्रबंधन कमजोर है। उन्हें नहीं पता कि सरकार कैसे चलानी है, इसलिए उन्हें हर साल 10 लाख करोड़ रुपये (Rs 1 million crore every year) उधार लेने पड़ते हैं। यह आपकी कार्यकुशलता को दर्शाता है। लेकिन वे हमेशा कांग्रेस को ही कोसते रहे। मैं उनसे कहना चाहता था कि आप अपने कुप्रबंधन के लिए कांग्रेस को दोष नहीं दे सकते।”

रेवंत रेड्डी ने कहा कि मैं उन्हें बेनकाब करना चाहता था। उन्होंने कहा कि इस सरकार की आर्थिक मोर्चे पर नाकामियों को बेनकाब करने के लिए विपक्षी दलों के बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए। रेड्डी ने कहा कि हम कैसे बोलते हैं या क्या खाते हैं, यह मुद्दा नहीं है।