Women Reservation Bill महिला आरक्षण बिल लोकसभा से पारित हो गया है। इसके पक्ष में 454 वोट पड़े हैं, सिर्फ दो सांसदों ने ही विरोध में अपना वोट डाला। अब गुरुवार को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि वहां से भी इसे पारित करवा दिया जाएगा। लेकिन बड़ी बात ये है कि अभी इस बिल की कानून बनने की राह लंबी है। इसमें पांच साल का वक्त लग सकता है।
Women Reservation Bill: मायावती ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है।
अमित शाह ने कहा कि जब मोदी जी इस देश के पीएम बने तो देश में 70 करोड़ लोगों के बैंक अकाउंट नहीं थे। जनधन योजना लागू होने के बाद बैंक अकाउंट खोले गए। इसके तहत 52 करोड़ नए बैंक अकाउंट खोले गए। इसमें 70 फीसदी अकाउंट माताओं के नाम पर थे। अब सभी योजनाओं का पैसा महिलाओं के खाते में जाता है। कांग्रेस ने इस देश में 5 दशक से अधिक शासन किया। 11 करोड़ परिवारों के पास शौचालय तक नहीं थे। पीएम मोदी ने एक साल के अंदर ही 11 करोड़ 72 लाख शौचालय बनाए। अमित शाह ने कहा कि कई महिला सांसदों ने कहा कि महिला को रिजर्वेशन देकऱ नीचा नहीं दिखाना चाहिए, क्योंकि महिला भी उतनी ही सशक्त है, जितने पुरुष। अमित शाह ने कहा कि इस देश में जो रहता है, जिसकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं, वह महिलाओं को कमजोर समझने की गलती नहीं करेगा।
अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी जब गुजरात के सीएम थे उन्होंने जागरूकता पैदा की। इस प्रयास से लिंगानुपात में सुधार हुआ था। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाई का फायदा ये हुआ कि एक ओर लिंगानुपात में सुधार हुआ। दूसरा गुजरात में प्राइमरी एजुकेशन में 37 फीसदी ड्रॉपआउट रेश्यो था, लेकिन जब मोदीजी प्रधानमंत्री बने तो ये ड्रॉपआउट रेश्यो घटकर 0.7 फीसदी रह गया।
अमित शाह ने कहा कि महिला आरक्षण बिल पीएम मोदी के लिए मान्यता का सवाल है। किसी सिद्धांत के लिए किसी व्यक्ति या संस्था का आकलन करना है, तो कोई एक घटना से फैसला नहीं हो सकता। अमित शाह ने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दिया। उस समय उनके बैंक अकाउंट में जितना भी पैसा बचा था, वो पूरा गुजरात सचिवालय के वर्ग तीन और चार के कर्मचारियों की बच्चियों की पढा़ई लिखाई के लिए दिया। अमित शाह ने कहा इस काम के लिए कोई नोटिफिकेशन नहीं था लेकिन स्वेच्छा से पीएम मोदी ने इस काम को किया। अमित शाह ने कहा कि महिलाएं पुरुष के मुकाबले ज्यादा सशक्त हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं।
अमित शाह ने कहा कि इस बिल के जरिए एक तिहाई सीटें मातृशक्ति के लिए आरक्षित हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस देश की बेटी न केवल नीतियों के अंदर अपना हिस्सा पाएगी, बल्कि नीति निर्धारण में भी अपने पद को सुरक्षित करेगी। उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियों के लिए ये बिल पॉलिटिकल एजेंडा हो सकता है, लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता पीएम मोदी के लिए ये राजनीतिक मुद्दा नहीं है।
महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ये युग बदलने वाला विधेयक है। कल का दिन भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। गणेश चतुर्थी के दिन नई संसद में प्रवेश और उसी दिन महिला आरक्षण बिल लाया गया। इसके लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि मैं इस बिल के समर्थन में खड़ा हूं। उन्होंने कहा कि ये बिल आज से ही लागू होना चाहिए। सरकार अडानी के मुद्दे से ध्यान हटना चाहती है। बिल में ओबीसी आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। भारत सरकार के 90 सचिव में 3 ओबीसी हैं। राहुल गांधी ने कहा कि डरो मत, हम जातीय जनगणना की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया राष्ट्रपति को होना चाहिए।
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के बयान को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि हम दोनों पक्षों में जैसे को तैसा का रवैया देख रहे हैं। पहले, एक राजनयिक के निष्कासन पर और फिर भारत की ओर से भी ऐसी ही सलाह दी गई। मुझे लगता है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कनाडा ने इस तरह का सार्वजनिक रास्ता चुना। अगर उनके पास कोई भी मुद्दा है, इन मामलों पर भारत जैसी मित्र सरकार के साथ निजी तौर पर चर्चा की जानी चाहिए और इस मामले पर बंद दरवाजे के पीछे चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जस्टिन ट्रूडो ने संसद में ऐसा बयान देकर भारत अपने अच्छे रिश्तों को खतरे में डाल दिया है।
आम आदमी पार्टी ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है। आप ने कहा कि हम महिला आरक्षण विधेयक पर I.N.D.I.A. गठबंधन के फैसले के साथ खड़े रहेंगे। संसद में चर्चा के दौरान आप सांसद बिल की प्रकृति और उसके क्रियान्वयन पर सरकार से सवाल पूछेंगे> बिल पर वोटिंग के समय पार्टी इसका समर्थन करेगी।
शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने बुधवार को महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक को अगले लोकसभा चुनाव से लागू करने की मांग की और कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार महिलाओं को लड्डू दिखा रही है, लेकिन कह रही है कि वे इसे खा नहीं सकतीं।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सरकार पर महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक आगामी लोकसभा चुनाव में फायदा पाने के लिए लाने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए बुधवार को कहा कि संसद में हर फैसला चुनाव को देखकर नहीं किया जाता। लोकसभा में महिला आरक्षण से संबंधित ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि विधेयक में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा की मांग करने वाली कांग्रेस ने 2010 में उसके नेतृत्व वाली सरकार के समय इस विधेयक को लाये जाने के दौरान ओबीसी कोटे की बात क्यों नहीं की थी। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस को क्या नया-नया यह ख्याल आया है।’’ पटेल ने हालांकि कहा कि ओबीसी को आरक्षण का यह विषय महत्वपूर्ण है और उन्हें विश्वास है कि पिछले नौ वर्ष में इस वर्ग के उत्थान के लिए अनेक निर्णय लेने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस दिशा में भी निश्चित रूप से विचार कर रहे होंगे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि वह संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के आरक्षण के समर्थन में हैं, पर इसमें अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) और आर्थिक रूप से पिछड़ी जाति (ईबीसी) के लिए पर्याप्त प्रतिनिधित्व के प्रावधान होने चाहिए
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी पर सवाल उठाते हुए इसे आधा-अधूरा विधेयक करार दिया। उन्होंने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा, "नई संसद के पहले दिन ही BJP सरकार ने ‘महाझूठ’ से अपनी पारी शुरू की है। जब जनगणना और परिसीमन के बिना महिला आरक्षण बिल लागू हो ही नहीं सकता, जिसमें कई साल लग जाएंगे, तो भाजपा सरकार को इस आपाधापी में महिलाओं से झूठ बोलने की क्या ज़रूरत थी।"
दिल्ली में एशिया प्रशांत फोरम की 28वीं वार्षिक आम बैठक और द्विवार्षिक सम्मेलन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमने स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं के लिए न्यूनतम 33% आरक्षण सुनिश्चित किया। राज्य विधानसभाओं और राष्ट्रीय संसद में महिलाओं के लिए समान आरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव अब आकार ले रहा है। लैंगिक न्याय के लिए यह हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगी।
समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने कहा कि सपा की हमेशा से मांग रही है कि पिछड़ा वर्ग महिला तथा अल्पसंख्यक महिला को नारी शक्ति वंदन अधिनियम में शामिल किया जाए और इसमें उनको आरक्षण दिया जाए। लोकसभा और विधानसभा में यह महिला आरक्षण बिल तो लागू होगा लेकिन हम पूछना चाह रहे हैं कि राज्यसभा और विधान परिषद में लागू होगा कि नहीं? आने वाले चुनाव में यह लागू हो पाएगा की नहीं और 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में ये लागू हो पाएगा की नहीं? सवाल ये भी है कि जनगणना कब होगा और परिसीमन कब होगा?
महिला आरक्षण बिल पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और HAM(S) नेता जीतन राम मांझी ने कहा कि ये बिल पहले आना चाहिए था। नरेंद्र मोदी की स्पष्टता और नारियों के प्रति सम्मान के चलते वे बिल लाए हैं। ये बिल पारित होगा...JDU ने इसका समर्थन किया है, इसके लिए उन्हें धन्यवाद। राबड़ी देवी से मैं यही कहना चाहता हूं कि वे पति-पत्नी 15 साल (शासन में) थे, उन्होंने महिला आरक्षण के लिए क्या किया था?
मायावती ने कहा कि इस बिल के मुताबिक आने वाले 15-16 सालों में देश में महिलाओं को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। इस बिल के पास होने के बाद इसे तुरंत लागू नहीं किया जा सकेगा। सबसे पहले देश में जनगणना कराई जाएगी और इसके बाद सीटों का परिसीमन किया जाएगा। जनगणना में काफी समय लगता है... इसके बाद ही यह बिल लागू होगा... इससे साफ है कि यह बिल महिलाओं को आरक्षण देने के इरादे से नहीं लाया गया है बल्कि आगामी चुनाव से पहले महिलाओं को प्रलोभन देने के लिए लाया गया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि महिलाओं के लिए विधानसभा और लोकसभा में 33% आरक्षण सुनिश्चित कराने का प्रस्ताव अब संसद में आकार ले रहा है। यह लैंगिक न्याय के लिए हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी पहल होगी।
AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि 2024 में इनको(भाजपा) सत्ता से बाहर करके सही स्वरूप में महिला आरक्षण बिल लाने का काम हम करेंगे। लेकिन फिलहाल ये दोष INDIA गठबंधन पर न आए इसलिए ये फैसला हुआ है कि हम (महिला आरक्षण बिल) का समर्थन करेंगे। चर्चा में इसका विरोध करेंगे, सरकार से संशोधन की मांग भी करेंगे। पिछले बिल में जनगणना और परिसीमन की बात नहीं थी, अब आप इसे लटकाने के लिए ये सब लेकर आए हैं
सोनिया गांधी के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी बात रखी। निशिकांत दुबे के बात शुरू करने से पहले ही कांग्रेस ने हंगामा किया। कांग्रेस ने महिला सांसद से चर्चा का जवाब देने की मांग की। इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने पूछा कि क्या पुरुष महिलाओं की चिंता नहीं कर सकते हैं। इसके बाद निशिकांत दुबे ने चर्चा शुरू की। उन्होंने कहा कहा कि उनकी मां देवघर के एम्स में भर्ती हैं, और उन्होंने फोन करके उनसे कहा है कि अगर उनकी पार्टी उन्हें इस बिल पर चर्चा का मौका दे, तो वे जरूर अपनी बात रखें।
निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए पूछा कि इस बिल से उन्हें क्या दिक्कत है। महिलाओं को अधिकार मिलकर रहेगा। कांग्रेस ने अपनी सरकार में आरक्षण क्यों नही दिया? मुझे लग रहा था कि सोनिया गांधी बोल रही थीं तो वे राजनीति से ऊपर उठकर बोलेंगी। मैं उनका सम्मान करता हूं। निशिकांत दुबे ने पूछा कि अगर सोनिया गांधी को महिलाओं को कोटे में कोटे की इतनी चिंता है तो उन्होंने निकाय चुनाव में इसे लेकर क्यों पहल नहीं की। निशिकांत दुबे ने कहा कि इस बिल को लेकर सबसे ज्यादा आवाज उठाई तो वो हैं पश्चिम बंगाल की गीता मुखर्जी और सुषमा स्वराज ने। लेकिन आपने उनका एक बार भी जिक्र नहीं किया।
सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि यह मेरी जिंदगी का मार्मिक समय है। उन्होंने कहा कि पहली बार निकाय चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाला बिल मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी ही लाए थे। आज उसी का नतीजा है, कि देशभर के स्थानीय निकायों के जरिए हमारे पास 15 लाख चुनी हुईं महिला नेता हैं। सोनिया गांधी ने कहा कि राजीव गांधी का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पास होने के साथ ही वह पूरा होगा। हमें इस बिल के पास होने की खुशी हैं, लेकिन एक चिंता भी है। सोनिया गांधी ने सवाल उठाते हुए पूछा कि मैं सवाल पूछना चाहती हूं कि पिछले 13 साल से महिलाएं राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं। अभी उनसे और इंतजार करने के लिए किया जा रहा है। 2 साल, 4 साल, 6 साल कितने साल का ये इंतजार हो। हमारी मांग है कि ये बिल तुरंत पास किया जाए। इसमें जातिगत जनगणना कराकर एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था की जाए।
लोकसभा में जानकारी देते हुए कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने बताया कि ये संविधान संसोधन बिल है। इस बिल के कानून बनने पर लोकसभा में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित रहेंगी। वहीं दिल्ली विधानसभा में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित रहेंगी। इसके अलावा राज्य विधानसभा में महिलाओं के 33% सीटें आरक्षित होंगी। वहीं यह आरक्षण 15 सालों के लिए लागू रहेगा। 15 साल बाद इसे बढ़ाना है यह संसद तय करेगी।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है। उन्होंने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि मैं इस बिल के समर्थन में खड़ी हुई हूं। भारत की स्त्री का सफर बहुत लंबा है। उन्होंने हमेशा भलाई के लिए काम किया है। स्त्री ने सिर्फ जन्म ही नहीं दिया बल्कि सोचने लायक शक्तिशाली बनाया है।
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा शुरू हो गई है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने चर्चा की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि ये बिल महत्वपूर्ण है। महिलाओं के उत्थान के लिए ये बिल लाया गया है। उन्होंने इस बिल के इतिहास के बारे में भी जानकारी दी।
महिला आरक्षण बिल को लेकर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का बयान सामने आया है। उन्होंने इस बिल को राजीव गांधी का सपना बताया है।
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि यह निश्चित रूप से महिला आरक्षण विधेयक नहीं है, यह 'महिला बेवकूफ बनाओ' विधेयक है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद से उनके द्वारा किए गए कोई भी वादे पूरे नहीं हुए हैं। यह उनके द्वारा लाया गया एक और 'जुमला' है...यदि आप विधेयक लागू करना चाहते हैं, तो AAP पूरी तरह से आपके साथ खड़ी है, लेकिन इसे 2024 में लागू करें। क्या आपको लगता है कि देश की महिलाएं मूर्ख हैं? महिला विरोधी भाजपा एक और 'जुमला' लेकर आई है। बिल के नाम पर जुमला। देश की महिलाएं, राजनीतिक दल इन चुनावी हथकंडों को समझते हैं। इसलिए हम कहते हैं कि अगर उनकी मंशा साफ है तो 2024 में इसे लागू करें..."
महिला आरक्षण विधेयक पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि हर राजनीतिक दल इस ऐतिहासिक दिन का इंतजार कर रहा था। पीएम मोदी ने 2014 में वादा किया था, बीजेपी के घोषणापत्र में इसका उल्लेख किया गया था कि सरकार सत्ता में आते ही महिल आरक्षण विधेयक पारित होगा। इस बिल को साढ़े 9 साल बाद लाया गया है। सभी विधेयक जो एक अधिनियम बन जाते हैं, एक कानून बन जाते हैं, उन्हें तुरंत लागू किया जाता है। दुर्भाग्य से जब विधेयक प्रस्तुत किया गया था, तो एक नियम और शर्त थी कि अधिनियम पारित किया जाएगा लेकिन इसे परिसीमन पूरा होने के बाद लागू किया जाएगा। इसका मतलब हुआ कि आपने महिलाओं को एक जुमला दे दिया है। हमने आपके लिए दरवाजे खोले हैं लेकिन आप दरवाजे से बाहर रहें और हम आपको तभी प्रवेश देंगे जब फलां काम पूरा हो जाएगा।
महिला आरक्षण विधेयक पर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 2010 में हमने राज्यसभा में विधेयक पारित किया था। लेकिन यह लोकसभा में पारित नहीं हो सका। यह कोई नई बात नहीं है। अगर उन्होंने (मोदी सरकार) उस विधेयक को आगे बढ़ाया होता, तो यह जल्दी हो गया होता... मुझे लगता है कि वे इसे चुनावों के मद्देनजर लाना चाह रहे हैं लेकिन वास्तव में जब तक परिसीमन या जनगणना नहीं होती तक तक कैसे लागू होगा। खड़गे ने कहा कि वे पहले वाले बिल को भी जारी रख सकते थे लेकिन उनके इरादे कुछ और हैं... लेकिन हम इस बात पर जोर देंगे कि महिला आरक्षण लाना होगा और हम पूरा सहयोग करेंगे। इसमें जो कमियां हैं उन्हें दूर किया जाना चाहिए।
महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी का कहना है कि मैं चुनौती देता हूं कि अगर बीजेपी की नीति और नियत ईमानदार है तो गारंटी दें कि 2024 के चुनाव में महिलाओं को आरक्षण मिलेगा। हम पूरी ताकत से आपके साथ खड़े रहेंगे। प्रमोद तिवारी ने कहा कि क्या पिछड़े और एससी महिलाएं नहीं हैं? उन्हें शामिल किए बिना आप महिला आरक्षण कैसे लेंगे? मैं केवल इतना कहता हूं कि यदि आप ईमानदार होते, तो 2010 का विधेयक जो राज्यसभा द्वारा पारित किया गया था वह अभी भी मौजूद है। आपको लोकसभा में इसे पारित करना चाहिए था और आरक्षण शुरू हो जाता।
Women Reservation Bill : मंगलवार सोनिया गांधी ने कहा कि यह बिल कांग्रेस की देन है। कांग्रेस ने केंद्र पर महिला आरक्षण विधेयक का श्रेय लेने का आरोप लगाया है।