लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर जारी चर्चा के बीच पहलगाम आतंकी हमले के शिकार कानपुर के शुभम द्विवेदी की विधवा ऐशन्या द्विवेदी ने हमले में मारे गए सभी 26 लोगों को शहीद का दर्जा देने की मांग की है। ऐशन्या ने हमले की गंभीरता को कम करके आंकने के लिए नेताओं की आलोचना की।

ऐशन्या द्विवेदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फ़ोन पर बताया, “हमले को तीन महीने हो गए हैं और अब जाकर इस मामले पर संसद में चर्चा हो रही है। मैंने पूरा दिन इस उम्मीद में बिताया कि आज की चर्चा से 26 शहीदों, उनके परिवारों और उनकी विधवाओं के लिए कुछ ठोस निकलेगा।”

देश सचमुच अपने नागरिकों के साथ खड़ा है तो यह दिखाने का समय आ गया- ऐशन्या द्विवेदी

द्विवेदी ने मारे गए लोगों के परिवारों के लिए व्यवस्था स्पष्ट करने की मांग करते हुए कहा,“मैं सिर्फ़ 27-28 साल की हूं, मुझे नहीं पता कि लोग हमसे क्या उम्मीद करते हैं या वे हमसे कैसे आगे बढ़ने की उम्मीद करते हैं लेकिन मैं एक बात जानती हूं कि मैं इस देश की बेटी हूं और वह इस धरती के सपूत थे। अगर यह देश सचमुच अपने नागरिकों के साथ खड़ा है तो यह दिखाने का समय आ गया है।”

ऐशन्या ने कहा कि आतंकवादियों ने किसी की जाति या राजनीतिक दल नहीं पूछा, उन्होंने भारतीयों पर हमला किया। उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिन्होंने सरकार के इस दावे पर कथित तौर पर सवाल उठाया था कि हमलावर पाकिस्तान से थे।

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ऐशन्या ने पी चिदंबरम की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की

ऐशन्या द्विवेदी ने कहा, “मुझे समझ नहीं आ रहा है कि कुछ लोग, ऐसे असंवेदनशील बयान क्यों दे रहे हैं। क्या वे भूल जाते हैं कि वे पहले भारतीय हैं? यह आतंकवादी हमला किसी की राजनीतिक संबद्धता पूछकर नहीं किया गया था। यह भारतीयों पर-हमारे अपने लोगों पर, इस देश में शांति से रह रहे हिंदुओं पर हमला था।”

शुभम द्विवेदी की विधवा ने सवाल उठाते हुए कहा “ऐसे समय में, हम सभी को, चाहे हमारी पृष्ठभूमि कुछ भी हो, एक राष्ट्र के रूप में एक स्वर में बोलना चाहिए। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। अनावश्यक टिप्पणियां करना, पाकिस्तान का बचाव करना, निराधार सवाल उठाना। मैं सच में नहीं जानती कि ये लोग कहां से आते हैं या क्या सोच रहे हैं।” उन्होंने कहा कि शायद उन पर कोई असर नहीं पड़ा है क्योंकि उनके साथ ऐसा नहीं हुआ इसलिए वे इतनी लापरवाही से बात कर सकते हैं।

पत्नी ऐशन्या ने मारे गए 26 लोगों को सम्मान और शहीद का दर्जा देने की मांग की

ऐशन्या ने कहा “मुझे जवाब चाहिए। आतंकवाद से लड़ने के लिए हम क्या कर रहे हैं? क्या रणनीतियां अपनाई जा रही हैं? आगे बढ़ते हुए हम क्या कदम उठाएंगे? ये वो सवाल हैं जो आज मेरे लिए सबसे ज़्यादा मायने रखते हैं।” उन्होंने कहा, “मेरे लिए सबसे बड़ी बात शुभम और आतंकी हमले में मारे गए 25 अन्य लोगों को सम्मान और शहीद का दर्जा देने की मांग है। शुभम सिर्फ़ मरा नहीं, उसने देश के लिए अपनी जान दे दी। शहीद कहलाने के लिए इससे ज़्यादा और क्या चाहिए?”

ऐशन्या ने कहा कि अब तक कोई आधिकारिक आश्वासन, कोई सार्थक राहत और कोई सम्मान नहीं मिला है। उनके मुताबिक, हो सकता है कि सरकार इस दिशा में पहल कर रही हो, लेकिन “हमें कोई जानकारी नहीं है।”

संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा पर क्या बोले शुभम द्विवेदी के पिता

वहीं, आज संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा पर शुभम के पिता ने कहा, “मैं सांसदों, सत्ता पक्ष और विपक्ष से अनुरोध करता हूं कि आज देशहित में बोलें। यह देश का मामला है। यह देश की अखंडता का मामला है। जिन 26 लोगों ने अपनी जान गंवाई है, उन्हें राजकीय सम्मान मिलना चाहिए, उन्हें मिलना चाहिए।”

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के इस बयान पर कि “पहलगाम के आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे, इसका कोई सबूत नहीं है”, पहलगाम आतंकवादी हमले में शहीद हुए शुभम द्विवेदी के पिता संजय द्विवेदी कहते हैं, “हमारे नेताओं के ऐसे बयान सुनकर बहुत दुख होता है। यह देश का मामला है, राजनीति का नहीं। जिस नेता ने यह कहा है, भगवान न करे, अगर उनके परिवार का कोई सदस्य इस हमले में मारा गया होता, तो वह जीवन में ऐसा कभी नहीं कहते। देश और पूरी दुनिया का हर नागरिक जानता है कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है। पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देता है। हमारे देश के नेताओं को पाकिस्तान से इतनी हमदर्दी क्यों है? उन्हें शर्म आनी चाहिए।” पढ़ें- चिराग की पार्टी की सांसद शांभवी चौधरी का विपक्ष पर तीखा हमला

(भाषा के इनपुट के साथ)