संसद के दोनों सदनों में 28 जुलाई से ऑपरेशन सिंदूर को लेकर चर्चा हो रही है। इस मौके पर राज्यसभा में बोलते हुए नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मोदी सरकार पर कई गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि मोदी सरकार को युद्ध विराम की शर्तें स्पष्ट करनी चाहिए, कि क्या अमेरिका की इसमें कोई भूमिका थी। वहीं जैसे ही खड़गे बोले सदन में मौजूद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस पर आपत्ति जाहिर की।

नड्डा ने खड़गे के बयान पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि भारत किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करता। जिसके बाद खड़गे ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान पर मध्यस्थता के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावों का खंडन क्यों नहीं किया?

इसके साथ ही खड़ने ने सदन में बोलते हुए सरकार से सवाल किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के कितने विमान गिरे और अगर कोई भारतीय लड़ाकू विमान नहीं गिरा है, तो पीएम मोदी को बताना चाहिए। देश यह जानना चाहता है। इसके साथ ही जब भाजपा सांसद और मंत्री हमारे सशस्त्र बलों का अपमान करते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी चुप क्यों रहते हैं। इसके साथ ही खड़गे ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया।

खड़गे ने बीजेपी की देशभक्ति पर उठाए सवाल

उन्होंने आगे कहा, “आप (सरकार) बैठक बुलाते हैं, लेकिन उसमें शामिल नहीं होते। हमें खुशी है कि आपको याद आया कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी बैठक में आए थे। लेकिन आपके ‘मोदी साहब’ कहां थे? वे क्यों नहीं आए? हम बैठक में जाते हैं और आप बिहार में चुनाव प्रचार के लिए घूमते रहते हैं। क्या यही आपकी ‘देशभक्ति’ है?”

‘नंबर 1 और 2 से सब डरते हैं…’ , राज्यसभा में खड़गे बोले- इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए, आप जाकर गले लगते हो

दरअसल राज्यसभा में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस के साथ चर्चा की शुरुआत हुई, जब सदन के नेता जेपी नड्डा ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसे बाद में उन्होंने वापस ले लिया और माफी मांगी। ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा के दौरान खड़गे के एक घंटे से ज़्यादा बोलने के तुरंत बाद, नड्डा ने उठते हुए, सबसे पहले उन पर “मानसिक संतुलन खोने” का आरोप लगाया क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कुछ टिप्पणियां की थीं।

केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा, ‘उन्होंने (मल्लिकार्जुन खड़गे) अपने पद के अनुरूप शब्दों का प्रयोग नहीं किया। मैं चाहता हूं कि उन शब्दों को सदन से निकाल दिया जाए। वह एक वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन जिस तरह से उन्होंने प्रधानमंत्री पर टिप्पणी की, मैं उनकी पीड़ा समझ सकता हूं। उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी ने) उन्हें पिछले 11 सालों से वहां (विपक्ष में) बिठा रखा है, जबकि वह दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं।

हम सभी को इस पर गर्व होना चाहिए, लेकिन चूंकि आप अपनी पार्टी की गतिविधियों में इतने व्यस्त रहते हैं कि राष्ट्रहित आपके लिए नगण्य हो जाता है और अपना ‘मानसिक संतुलन’ खोकर आप प्रधानमंत्री मोदी के लिए असंसदीय शब्द बोल देते हैं।’