गृह मंत्री अमित शाह ने दंड प्रक्रिया (शनाख्त) विधेयक 2022 पर चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह कुछ ऐसी बात कही कि राज्यसभा में हंगामा हो गया। चर्चा के दौरान उन्होंने आप के नेता पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार इसके माध्यम से सबका विकास करेगी। संजय बाबू अभी आप गुजरात गए हैं, मालूम नहीं एफआईआर हुई है या नहीं, अच्छा है बंगाल नहीं गए, जान चली जाएगी। उनके इस बात तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्ष के अन्य नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया।
अमित शाह ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य अपराध दर में कमी, अपराधियों की सजा की दर में वृद्धि और देश की सुरक्षा को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि बिल किसी भी व्यक्ति की निजता से समझौता नहीं करेगा और उचित जांच के बाद अधिनियम के नियमों को अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “अन्य देशों की तुलना में सख्ती के मामले में हमारा कानून ‘बच्चा’ है। दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में अधिक कड़े कानून हैं, यही वजह है कि उनकी सजा की दर बेहतर है।”
शाह ने कहा कि विधेयक अपराधों के पीड़ितों के मानवाधिकारों की रक्षा करने को लेकर है। उन्होंने कहा, “बिल के प्रावधानों का दुरुपयोग करने का हमारा इरादा नहीं है। यह हमारी पुलिस को अपराधियों से आगे रखने के लिए है। अगली पीढ़ी के अपराधों को पुरानी तकनीकों से नहीं निपटा जा सकता है। हमें आपराधिक न्याय प्रणाली को अगले स्तर तक ले जाने का प्रयास करना होगा।”
शाह ने संजय सिंह के सवाल पर कहा, ” संजय सिंह जी ने कहा कि गुजरात में एफआईआर…. अरे संजय बाबू… मान्यवर मैं आपके माध्यम से संजय बाबू को कहना चाहता हूं कि अभी तो गुजरात गए हो, मुझे तो मालूम नहीं है कि कोई एफआईआर हुई है या नहीं हुई। इनकी पार्टी पर, कुछ किया होगा तो हो भी सकती है। मगर बंगाल चले जाओ जान चली जाएगी। अच्छा हुआ अभी तक नहीं गए हो।
शाह ने आगे कहा, “ये पूछते हैं आप गए हो। मैं गया था 2019 के चुनाव में मेरे रोड़ शो पर आग के गोले फेंके गए। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा जी गए, इनकी गाड़ी को घेरखर जघन्य हमला हुआ। कैसे ना बोल सकते हो। ये रिकॉर्ड पर है। कोर्ट ने संज्ञान लिया है। ये बोलते हैं कि ये फासिस्ट बिल है। मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता। फासिस्ट शब्द की कड़ी-कड़ी से व्याख्या को बंगाल सरकार ने बदल दिया है।”