भारत और चीन के बीच लद्दाख स्थित एलएसी पर पिछले पांच महीने से तनाव जारी है। केंद्र सरकार सर्दी के मौसम में भी चीन का आमना-सामना कर रहे सैनिकों को जरूरी आपूर्ति मुहैया कराने में जुटी है। इस बीच संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) ने सैनिकों के हालात देखने के लिए केंद्र सरकार से लेह जाने देने की मांग की, जिसे रक्षा मंत्रालय की तरफ से ठुकरा दिया गया है। पीएसी ने कहा कि वह ऊंचाई वाली जगहों पर फॉरवर्ड पोजिशन पर तैनात सैनिकों की स्थिति देखना चाहती है। इस पर रक्षा मंत्रालय ने सैनिकों के एलएसी पर उलझे होने का हवाला देते हुए पीएसी को लेह न जाने की सलाह दे डाली।
रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को समिति को एक चिट्ठी भेजकर कहा कि मौजूदा समय में सांसदों का लेह दौरा ठीक नहीं है। वह भी ऐसे समय में जब भारतीय सेना एलएसी पर चीनी सेना के साथ टकराव की स्थिति में है। इससे एक दिन पहले भी मंत्रालय ने पीएसी को एक चिट्ठी भेजी थी, हालांकि इसमें चीन से टकराव की बात का जिक्र नहीं किया गया था।
बता दें कि पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (पीएसी) की अध्यक्षता लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी कर रहे हैं। उन्हें पिछले महीने ही स्पीकर ओम बिड़ला की तरफ से लद्दाख में सैनिकों से मिलने की इजाजत मिली थी। दरअसल, पीएसी लेह जाकर सीएजी की उस रिपोर्ट की जांच करना चाहती थी, जिसमें कहा गया था कि सियाचिन और लद्दाख जैसे इलाकों में तैनात टुकड़ियों के पास ऊंचाई (और ठंड) वाली जगहों लायक कपड़े और उपकरणों की भारी कमी है। सीएजी ने बताया था कि इसकी वजह इन उपकरणों को हासिल करने में आ रही देरी है।
बताया गया है कि पीएसी पहले 28 और 29 अक्टूबर को लद्दाख जाना चाहती थी। पर पैनल के कुछ सासंदों ने बिहार चुनाव, मध्य प्रदेश और गुजरात उपचुनाव के मद्देनजर दौरे की तारीख बदलने पर जोर दिया। इसके बाद पीएसी ने अपनी योजना को बदलते हुए 8 से 10 नवंबर को लेह जाने की योजना बनाई। समिति ने अपनी योजना के बारे में रक्षा मंत्रालय और लोकसभा सचिवालय को भी जानकारी दी थी। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने पीएसी से कहा है कि इस वक्त उसके सदस्यों का लद्दाख जाना ठीक नहीं है, क्योंकि सेना एलएसी पर उलझी हुई है।
रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग की ओर से 28 अक्टूबर को जारी हुई चिट्ठी में कहा गया है कि मौजूदा स्थिति में दोनों तरफ के सैनिक काफी करीब हैं और सभी अफसर और जवान पूरी तैयारी में जुटे हैं, ताकि किसी भी तरह की भड़काऊ स्थिति से बचा जा सके। इसलिए वीवीआईपी डेलिगेशन का लेह, लद्दाख दौरा इस समय ठीक नहीं है। जैसे ही दोनों तरफ से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू होती है, डेलिगेशन को दौरे की नई तारीख की जानकारी दे दी जाएगी।