पब्लिक अकाउंट कमेटी (PAC) की गुरुवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक स्थगित कर दी गई। SEBI की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच ने बैठक शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही समिति को सूचित किया कि वह व्यक्तिगत कारणों की वजह से मीटिंग में शामिल नहीं हो पाएंगी।

पीएसी के अध्यक्ष केसी वेणुगोपाल ने कहा कि समिति ने आज की बैठक स्थगित करने का फैसला सेबी की ओर से एक संदेश के बाद लिया जिसमें माधवी पुरी के बैठक में शामिल होने में असमर्थता जताई गई थी। वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि बुच ने पहले पीएसी के समक्ष उपस्थित होने से छूट मांगी थी लेकिन उन्हें मना कर दिया गया था।

केसी वेणुगोपाल ने संसद भवन एनेक्सी के बाहर संवाददाताओं से कहा, “सेबी अध्यक्ष ने समिति के समक्ष उपस्थित होने से छूट मांगी थी, जिसे हमने अस्वीकार कर दिया। जिसके बाद उन्होंने समिति में अपनी और अपने अधिकारियों की उपस्थिति कंफर्म की थी लेकिन आज सुबह 9.30 बजे हमें सेबी अध्यक्ष और अन्य सदस्यों से एक संदेश मिला कि व्यक्तिगत आवश्यकता के कारण वह दिल्ली की यात्रा करने में सक्षम नहीं हैं। इसे एक महिला अधिकारी का अनुरोध मानते हुए हमने सोचा कि आज की बैठक को किसी अन्य दिन के लिए स्थगित करना बेहतर होगा।”

अचानक बैठक में शामिल होने से माधवी पुरी ने किया मना

सूत्रों के अनुसार, माधवी पुरी के साथ 3-4 वरिष्ठ अधिकारियों के पीएसी के समक्ष उपस्थित होने की उम्मीद थी। जानकारी के मुताबिक, सेबी ने पहले समिति को पत्र लिखकर पूछा था कि क्या नियामक संस्था का प्रतिनिधित्व अधिकारियों द्वारा किया जा सकता है और क्या अध्यक्ष का उपस्थित होना आवश्यक है। हालांकि, समिति ने जोर देकर कहा कि अध्यक्ष को बैठक में उपस्थित होना चाहिए।

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सेबी अध्यक्ष के खिलाफ आरोपों पर सवाल

हालांकि, विपक्षी सांसद सेबी अध्यक्ष के खिलाफ आरोपों पर सेबी से सवाल पूछने की योजना बना रहे थे। सांसद उन मामलों की जांच कर रहे हैं जहां बुच ने कथित हितों के टकराव के कारण खुद को जांच से अलग कर लिया था और साथ ही यह भी कि क्या उन्होंने अडानी समूह की कंपनियों के खिलाफ आरोपों की जांच में भी ऐसा ही किया है। सत्तारूढ़ भाजपा के सूत्रों ने बताया कि उसके सदस्य भी चल रही जांच पर सवाल तैयार कर रहे हैं।

विपक्ष हिंडनबर्ग रिसर्च के इस आरोप की संसदीय जांच की मांग उठा रही है कि माधवी बुच और उनके पति धवल बुच की अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी।

हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा सांसदों ने पीएसी के अध्यक्ष केसी वेणुगोपाल द्वारा माधवी पुरी को समिति के समक्ष बुलाने के कदम के खिलाफ स्पीकर ओम बिरला से हस्तक्षेप करने की मांग की थी। भाजपा सांसदों ने दावा किया कि सेबी के खिलाफ जांच की घोषणा करने का पीएसी का कदम इसके नियमों का उल्लंघन है।