मणिपुर मुद्दे पर इन दिनों संसद क मानसून सत्र में जमकर हंगामा देखने को मिल रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को आरोप लगाया कि उनका अपमान किया गया। राज्यसभा में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कल संसद में मेरा माइक बंद कर दिया गया था।

इस बीच मल्लिकार्जुन खड़गे जब बोल रहे थे तो कांग्रेस के सांसद उनके पीछे खड़े हो गए जिस पर सभापति ने आपत्ति दर्ज की। जिसके बाद खड़गे ने कहा कि मेरे पीछे नहीं खड़े होंगे तो क्या मोदी के पीछे खड़े होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष के इतना कहते ही सदन में बीजेपी के सांसद मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे।

कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा अमित शाह को पत्र

कांग्रेस अध्यक्ष ने बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने सरकार की कथनी और करनी में अंतर होने का आरोप लगाया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विपक्षी दलों की तुलना अंग्रेजों और आतंकवादी संगठन से करते हैं और दूसरी तरफ शाह विपक्ष से सकारात्मक रवैये की अपेक्षा रखते हैं। दरअसल, अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को पत्र लिखकर कहा था कि वे मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा में अमूल्य सहयोग दें।

जिसके जवाब में मल्लिकार्जुन खड़गे ने गृह मंत्री को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मुझे आपका 25 जुलाई को लिखा पत्र मिला जो तथ्यों के उलट है। आपको ध्यान होगा कि मणिपुर में तीन मई के बाद की स्थिति पर विपक्षी गठबंधन INDIA के घटक दलों की लगातार मांग रही है कि प्रधानमंत्री सदन में पहले अपना बयान दें जिसके बाद दोनों सदनों में इस विषय पर एक विस्तृत बहस और चर्चा की जाए।’’

मल्लिकार्जुन खड़गे बोले सरकार का रवैया सदन में असंवेदनशील

खड़गे ने गृहमंत्री से कहा कि आपके पत्र में व्यक्त भावनाओं की कथनी और करनी में ज़मीन-आसमान का अंतर है। सरकार का रवैया आपके पत्र के भाव के विपरीत सदन में असंवेदनशील और मनमाना रहा है। यह रवैया नया नहीं है बल्कि पिछले कई सत्रों में भी विपक्ष को देखने को मिला है। नियमों और परिपाटी को ताक पर रख कर विपक्ष को एक चाबुक से हांका जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के निलंबन का हवाला देते हुए कहा कि छोटी घटनाओं को तिल का ताड़ बनाकर माननीय सदस्य को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।

प्रधानमंत्री का विपक्षी दलों को दिशाहीन बताना बेतुका- कांग्रेस अध्यक्ष

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने कहा, ‘‘​रोज़ नियम 267 के तहत विपक्षी सांसदों द्वारा बहस के लिए नोटिस दिया जाता है लेकिन सत्तापक्ष में बैठे लोग ही सदन की कार्रवाई को बाधित करते हैं। विपक्ष के नेता जब सभापति की अनुमति के बाद बोलने के लिए खड़े होते हैं तो खुद सदन के नेता बिना निवेदन और आसन की अनुमति के बिना बोलने के लिए खड़े होते हैं और कार्यवाही में बाधा डालते हैं।’’ ​

खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री का विपक्षी दलों को दिशाहीन बताना बेतुका ही नहीं बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण भी है। ​ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी से हम सदन में आकर बयान देने का आग्रह कर रहे हैं परंतु ऐसा लगता है कि इससे उनके सम्मान को ठेस पहुंचती है। हमारी इस देश की जनता के प्रति प्रतिबद्धता है और हम इसके लिए हर क़ीमत देंगे।’’