लोकसभा में हुई ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने सभी सवालों का जवाब दिया। हालांकि नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने भाषण के दौरान स्पष्ट नहीं कहा कि डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहे हैं और पीएम मोदी ने एक भी बार चीन का नाम नहीं लिया।कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा, ‘हम यहां पाकिस्तान की निंदा करते हैं, लेकिन आपके दोस्त उनके भोज में शामिल होते हैं और उन्हें गले लगाते हैं। आप खुद गलतियां करते हैं और फिर हम पर उंगली उठाते हैं। पहलगाम हमले से 3 दिन पहले प्रधानमंत्री ने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया – क्या सरकार को पहले से पता था।’ खड़गे ने आगे कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खुद सार्वजनिक रूप से कहा है कि ‘पहलगाम में सुरक्षा चूक हुई थी और वह इसकी पूरी ज़िम्मेदारी लेते हैं।’ लेकिन असली जवाबदेही उपराज्यपाल की नहीं, गृह मंत्री की है। कांग्रेस की विरासत पर ये सरकार और कितने दिन चलेगी? हमने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए। तुम सब पहाड़ खोदोगे, तो चूहा ही मिलेगा।’
राहुल गांधी ने फिर की सरेंडर की बात
कांग्रेस नेता ने राहुल गांधी ने कहा कि कल सैम मानेकशॉ को कोट किया गया। इंदिरा जी से सैम मॉनेकशॉ ने कहा कि हम अभी ऑपरेशन नहीं कर सकते। हमें छह महीने का समय चाहिए, गर्मियों में करेंगे। इंदिरा जी ने पूरा समय दिया था। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि हमने 1.35 पर पाकिस्तान को यह बताया कि हमने आतंकी ठिकानों पर हमला किया है। यह एस्केलेटरी नहीं थी। अब कोई एस्केलेशन नहीं होना चाहिए। आपने 30 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया। यह बता दिया कि आपके पास लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है. सरकार ने पायलट्स के हाथ-पांव बांध दिए।
राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में की ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत: ऑपरेशन सिंदूर पर राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की है। उन्होंने कहा, ‘राजनाथ सिंह ने कहा, ‘आतंकियों ने भारत को एक soft state समझ रखा था। उनके लिए भारत पर आतंकवादी हमला करना एक तरह से low cost और high return का मामला बन गया था। दो-चार उनके नौसिखिए रंगरूट आते थे और हमारे नागरिकों को हताहत करके चले जाते थे। पहले की सरकारें चुपचाप यह तमाशा देखती जा रही थीं, इसलिए आतंकियों को लगा, कि भारत एक soft state बन चुका है।’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की कहानी ऐसी ही है, वह हमेशा किसी न किसी बाहरी शक्ति के दबाव में आता रहता है। आज पाकिस्तान की पीठ पर एक नहीं, अनेक बेताल बैठे हुए हैं, जो उसे प्रगति की राह पर जाने ही नहीं दे रहे। भारत चाहता है, कि आतंकवाद पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया से खत्म हो, क्योंकि यह पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर चुनौती है।’
प्रियंका गांधी ने शुभम द्विवेदी का उदाहरण दिया: कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि ये लोग (टूरिस्ट्स) बैसरन में क्या कर रहे थे। आजकल पब्लिसिटी का दौर है। कुछ समय से सरकार ये प्रचार कर रही थी कि कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो गया। कांग्रेस नेता ने शुभम द्विवेदी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि शुभम पत्नी के साथ स्टॉल पर खड़े थे। उसी वक्त आतंकी जंगल से निकलकर आते हैं और पत्नी के सामने शुभम के सामने मार डालते हैं। किसी बेटे को पिता के सामने मार डालते हैं। आतंकी चुन-चुनकर 26 लोगों को मार डालते हैं। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘वहां (बैसरन घाटी, पहलगाम) एक भी सुरक्षाकर्मी क्यों मौजूद नहीं था? क्या नागरिकों की सुरक्षा प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है।’
अखिलेश यादव ने किए सवाल: लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान सपा सांसद अखिलेश यादव ने सरकार से सवाल करते हुए कहा, ‘आखिर ऐसी क्या वजह थी कि सरकार को युद्धविराम की घोषणा करनी पड़ी? हमें तो उम्मीद थी कि सरकार खुद ही इसकी घोषणा कर देगी। लेकिन चूंकि उनकी गहरी दोस्ती है, इसलिए सरकार ने अपने दोस्त से ही युद्धविराम की घोषणा करने को कहा। सबसे बड़ा सवाल यह है कि सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी कौन लेगा। जो सरकार दावा करती है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद कोई आतंकवादी घटना नहीं होगी।’
अमित शाह ने लोकसभा में क्या कहा: केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘निर्दोष नागरिकों को उनके परिवारों के सामने उनका धर्म पूछकर मार दिया गया। मैं इस बर्बर कृत्य की निंदा करता हूं। मैं उन परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है।’ अमित शाह ने कहा कि हमने पहलगाम के आतंकियों को मार गिराया है। इतना ही नहीं शाह ने कहा, ‘कल के ऑपरेशन में तीनों आतंकवादी – सुलेमान, अफगान और जिबरान मारे गए। जो लोग उन्हें खाना पहुंचाते थे, उन्हें पहले ही हिरासत में ले लिया गया था। जब इन आतंकवादियों के शव श्रीनगर लाए गए, तो हमारी एजेंसियों द्वारा हिरासत में रखे गए लोगों ने उनकी पहचान की।’
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क्या था ऑपरेशन सिंदूर: 22 अप्रैल को पहलगाम मे हुए हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। भारत ने इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया। इंडियन आर्मी ने बताया कि भारत ने उन आतंकी ढांचों को निशाना बनाया जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई गई और उन्हें अंजाम दिया गया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके भी शामिल हैं। ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े हर एक सवाल का जवाब यहां पढ़ें…
ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में 16 घंटे की चर्चा होने की संभावना है। चर्चा से जुड़े तमाम बड़े अपडेट्स पढ़ने के लिए बने रहिये जनसत्ता डॉट कॉम के साथ…
आज लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, ‘यह भारत के लोगों की इच्छा थी कि प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना के माध्यम से ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने का फैसला किया। आज, लोकसभा पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करेगी। मैं विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस से अनुरोध करता हूं कि वे भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने वाला कुछ भी न करें और पाकिस्तान की भाषा न बोलें। हमें सावधान रहना होगा। हमें भारतीय सशस्त्र बलों की गरिमा बनाए रखनी होगी। कांग्रेस और विपक्ष को ऐसा कुछ भी नहीं बोलना चाहिए जिससे राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचे। वे भारत के खिलाफ जो कुछ भी बोलते हैं, उसका इस्तेमाल पाकिस्तानियों और भारत के बाहरी दुश्मनों द्वारा किया जाता है।”
पहलगाम हमले पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की टिप्पणी ‘आप यह क्यों मानते हैं कि वे पाकिस्तान से आए थे?’ के बारे में पूछे जाने पर समाजवादी पार्टी के नेता अवधेश प्रसाद ने कहा, ‘ज़िम्मेदारी सरकार की है, सभी ने सरकार का समर्थन किया, ये वो बातें हैं जो हम संसद में सरकार से जानना चाहते हैं, जवाब सरकार की ओर से आना चाहिए।’
पहलगाम हमले पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की टिप्पणी ‘आप यह क्यों मानते हैं कि वे पाकिस्तान से आए थे’ के बारे में पूछे जाने पर, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारीकहते हैं, “हमारा सीधा सवाल है, हम जानना चाहते हैं कि वो आतंकवादी कौन थे जिन्होंने हमारी 26 बहनों का सिंदूर मिटा दिया। हम जानना चाहते हैं कि वो कहां से आए थे? मैं ये जानना चाहता हूं।”
आज संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होने वाली है, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव कहते हैं, ‘दो विषय हैं, हम सशस्त्र बलों को उनके साहस, पराक्रम के लिए बधाई देते हैं, अगर उन्हें अनुमति दी जा सकती, तो वे पीओके ले लेते। जहां तक पहलगाम का सवाल है, वहां पहले एक और हमला हुआ था, हमें अभी भी इन दोनों हमलों की जानकारी नहीं मिली है, सवाल यह है कि भाजपा शासन में ऐसे हमले क्यों हो रहे हैं? वे आतंकवादी कहाँ हैं? इसका जवाब केवल सरकार ही दे सकती है।’
पी चिदंबरम के इस बयान पर कि पहलगाम के आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे, इसका कोई सबूत नहीं है शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘वह पूर्व गृह मंत्री रहे हैं और कई मंत्रालयों में काम कर चुके हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले 70 वर्षों के इतिहास में, हमने उनके साथ युद्ध किए हैं और उनकी आतंकी गतिविधियों का सामना किया है। पहले, टीआरएफ ने (पहलगाम की) जिम्मेदारी ली, फिर वह मुकर गया। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में टीआरएफ के लिए बोलता है। हमें किसी सबूत की जरूरत नहीं है; हमने इसका सामना किया है। यह सब पाकिस्तान द्वारा किया गया है, जो न तो खुद प्रगति कर सका और न ही वह चाहता है कि कोई और ऐसा करे।’
एनडीए सांसदों ने एक टेलीविजन बहस के दौरान समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ अखिल भारतीय इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी की अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
आज लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान, शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, ‘उस समय हमने दो दिवसीय विशेष सत्र की मांग की थी। नहीं, दो दिवसीय चर्चा हमारी मांग के बाद ही होगी। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नहीं आएंगे क्योंकि उन्हें राष्ट्रपति ट्रम्प के बारे में सवालों के जवाब देने होंगे। पहलगाम हमला केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में एक बड़ी सुरक्षा चूक थी। आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में 400 किलोमीटर अंदर तक घुस आए थे। ये आतंकवादी अभी तक नहीं मिले हैं। यह गृह मंत्रालय की ओर से एक चूक है। गृह मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए था।’
