लोकसभा में हुई ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने सभी सवालों का जवाब दिया। हालांकि नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने भाषण के दौरान स्पष्ट नहीं कहा कि डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहे हैं और पीएम मोदी ने एक भी बार चीन का नाम नहीं लिया।कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा, ‘हम यहां पाकिस्तान की निंदा करते हैं, लेकिन आपके दोस्त उनके भोज में शामिल होते हैं और उन्हें गले लगाते हैं। आप खुद गलतियां करते हैं और फिर हम पर उंगली उठाते हैं। पहलगाम हमले से 3 दिन पहले प्रधानमंत्री ने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया – क्या सरकार को पहले से पता था।’ खड़गे ने आगे कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खुद सार्वजनिक रूप से कहा है कि ‘पहलगाम में सुरक्षा चूक हुई थी और वह इसकी पूरी ज़िम्मेदारी लेते हैं।’ लेकिन असली जवाबदेही उपराज्यपाल की नहीं, गृह मंत्री की है। कांग्रेस की विरासत पर ये सरकार और कितने दिन चलेगी? हमने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए। तुम सब पहाड़ खोदोगे, तो चूहा ही मिलेगा।’
राहुल गांधी ने फिर की सरेंडर की बात
कांग्रेस नेता ने राहुल गांधी ने कहा कि कल सैम मानेकशॉ को कोट किया गया। इंदिरा जी से सैम मॉनेकशॉ ने कहा कि हम अभी ऑपरेशन नहीं कर सकते। हमें छह महीने का समय चाहिए, गर्मियों में करेंगे। इंदिरा जी ने पूरा समय दिया था। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि हमने 1.35 पर पाकिस्तान को यह बताया कि हमने आतंकी ठिकानों पर हमला किया है। यह एस्केलेटरी नहीं थी। अब कोई एस्केलेशन नहीं होना चाहिए। आपने 30 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया। यह बता दिया कि आपके पास लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है. सरकार ने पायलट्स के हाथ-पांव बांध दिए।
राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में की ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत: ऑपरेशन सिंदूर पर राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की है। उन्होंने कहा, ‘राजनाथ सिंह ने कहा, ‘आतंकियों ने भारत को एक soft state समझ रखा था। उनके लिए भारत पर आतंकवादी हमला करना एक तरह से low cost और high return का मामला बन गया था। दो-चार उनके नौसिखिए रंगरूट आते थे और हमारे नागरिकों को हताहत करके चले जाते थे। पहले की सरकारें चुपचाप यह तमाशा देखती जा रही थीं, इसलिए आतंकियों को लगा, कि भारत एक soft state बन चुका है।’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की कहानी ऐसी ही है, वह हमेशा किसी न किसी बाहरी शक्ति के दबाव में आता रहता है। आज पाकिस्तान की पीठ पर एक नहीं, अनेक बेताल बैठे हुए हैं, जो उसे प्रगति की राह पर जाने ही नहीं दे रहे। भारत चाहता है, कि आतंकवाद पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया से खत्म हो, क्योंकि यह पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर चुनौती है।’
प्रियंका गांधी ने शुभम द्विवेदी का उदाहरण दिया: कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि ये लोग (टूरिस्ट्स) बैसरन में क्या कर रहे थे। आजकल पब्लिसिटी का दौर है। कुछ समय से सरकार ये प्रचार कर रही थी कि कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो गया। कांग्रेस नेता ने शुभम द्विवेदी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि शुभम पत्नी के साथ स्टॉल पर खड़े थे। उसी वक्त आतंकी जंगल से निकलकर आते हैं और पत्नी के सामने शुभम के सामने मार डालते हैं। किसी बेटे को पिता के सामने मार डालते हैं। आतंकी चुन-चुनकर 26 लोगों को मार डालते हैं। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘वहां (बैसरन घाटी, पहलगाम) एक भी सुरक्षाकर्मी क्यों मौजूद नहीं था? क्या नागरिकों की सुरक्षा प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है।’
अखिलेश यादव ने किए सवाल: लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान सपा सांसद अखिलेश यादव ने सरकार से सवाल करते हुए कहा, ‘आखिर ऐसी क्या वजह थी कि सरकार को युद्धविराम की घोषणा करनी पड़ी? हमें तो उम्मीद थी कि सरकार खुद ही इसकी घोषणा कर देगी। लेकिन चूंकि उनकी गहरी दोस्ती है, इसलिए सरकार ने अपने दोस्त से ही युद्धविराम की घोषणा करने को कहा। सबसे बड़ा सवाल यह है कि सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी कौन लेगा। जो सरकार दावा करती है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद कोई आतंकवादी घटना नहीं होगी।’
अमित शाह ने लोकसभा में क्या कहा: केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘निर्दोष नागरिकों को उनके परिवारों के सामने उनका धर्म पूछकर मार दिया गया। मैं इस बर्बर कृत्य की निंदा करता हूं। मैं उन परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है।’ अमित शाह ने कहा कि हमने पहलगाम के आतंकियों को मार गिराया है। इतना ही नहीं शाह ने कहा, ‘कल के ऑपरेशन में तीनों आतंकवादी – सुलेमान, अफगान और जिबरान मारे गए। जो लोग उन्हें खाना पहुंचाते थे, उन्हें पहले ही हिरासत में ले लिया गया था। जब इन आतंकवादियों के शव श्रीनगर लाए गए, तो हमारी एजेंसियों द्वारा हिरासत में रखे गए लोगों ने उनकी पहचान की।’
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क्या था ऑपरेशन सिंदूर: 22 अप्रैल को पहलगाम मे हुए हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। भारत ने इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया। इंडियन आर्मी ने बताया कि भारत ने उन आतंकी ढांचों को निशाना बनाया जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई गई और उन्हें अंजाम दिया गया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके भी शामिल हैं। ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े हर एक सवाल का जवाब यहां पढ़ें…
ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में 16 घंटे की चर्चा होने की संभावना है। चर्चा से जुड़े तमाम बड़े अपडेट्स पढ़ने के लिए बने रहिये जनसत्ता डॉट कॉम के साथ…
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा, “आतंकवादी पहलगाम में कैसे आए और उन्होंने जो किया उसे कैसे किया…सरकार को इसका जवाब देना चाहिए क्योंकि सेना अपना काम करती रहती है।”
बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा ने कहा कि अगर आप (यानी कांग्रेस) खुली छूट देते तो आपके कई नेता बहुत अच्छा बोलते हैं। मेरे दोस्त शशि थरूर बहुत अच्छा बोलते हैं लेकिन उनका नेतृत्व उन्हें पार्टी की तरफ से बोलने की इजाज़त नहीं देता। लेकिन मुझे बहुत अच्छा लगा कि उन्हें देश के हित में बोलने से कोई नहीं रोक सका।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सदन को नौ मई की सुबह अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की फोन कॉल को लेकर जानकारी दी। उन्होंने सदन को बताया कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि पाकिस्तानी बड़ा हमला कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे साफ कह दिया कि भारत मजबूत जवाब देगा। विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच 22 अप्रैल से 17 जून तक कोई फोन कॉल नहीं हुई। इस पर विपक्ष के हंगामे पर गृह मंत्री अमित शाह खड़े हुए और कहा कि भारत का विदेश मंत्री यहां बोल रहा है, इनको विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं है। किसी और देश पर भरोसा है। इसीलिए ये वहां बैठे हैं, अगले 20 साल तक वहीं बैठने वाले हैं।
Operation Sindoor Debate LIVE: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी हमले की निंदा की है। पाकिस्तान ने टीआरएफ का बचाव किया है। सात मई की सुबह मैसेज दिया गया और पाकिस्तान को सबक सिखाया गया। हमने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। हमने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। अपने नागरिकों की रक्षा करना भारत का अधिकार है और भारत अब परमाणु ब्लैकमेलिंग नहीं सहेगा।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई मध्यस्थ नहीं था। सीजफायर की पहल पाकिस्तान की ओर से हुई। पाकिस्तान ने सीज फायर की गुहार लगाई. क्वॉड देशों ने घटना की निंदा की, अमेरिका से तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण हुआ, ये हमारी डिप्लोमेसी है। फ्रांस, जर्मनी और यूरोपीय यूनियन ने एक स्टैंड लिया, ये हमारी डिप्लोमेसी है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की मीटिंग से लेकर पाकिस्तानी दूतावास के सदस्यों को पर्सन ऑफ नॉन ग्रेटा घोषित किए जाने तक, सरकार के कदम गिनाए। उन्होंने कहा कि दूतावासों को ब्रीफिंग देने के साथ ही मीडिया में भी यह जानकारी दी गई कि भारत को अपने नागरिकों की रक्षा का अधिकार है। पाकिस्तान सुरक्षा काउंसिल का सदस्य है, हम नहीं हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के बारे में बताया। हमारी रेड लाइन पार कर गई, तब हमें सख्त कदम उठाने पड़े। हमने दुनिया के सामने पाकिस्तान का असली चेहरा बेनकाब किया. सिक्योरिटी काउंसिल में पाकिस्तान समेत केवल तीन देशों ने ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया। यूएन के 193 में से तीन सदस्यों ने ही इस ऑपरेशन का विरोध किया।
Operation Sindoor Debate LIVE: शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद गणपत सावंत ने कहा कि जब आतंकियों को पकड़ा नहीं जाता है, आपके दिल में कुछ नहीं होता। बिहार में जाकर राजनीतिक कार्यक्रम में भाषण देते हो। ढोल हम सेना का बजाएंगे, आपका नहीं बजाएंगे। आपकी उसमें क्या शूरता-वीरता थी। आप कह रहे थे कि पाकिस्तान के अधिकारी गिड़गिड़ा रहे थे, तो वे शरणार्थी थे। आपने क्या शर्तें लगाईं, बिना शर्त के युद्ध रोक दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति तो आज भी कह रहे हैं। हमारे इर्द-गिर्द जितने राष्ट्र हैं, एक राष्ट्र हमारे साथ नहीं आया। हम तो विश्व गुरु हैं. 200 देशों में गए।
अरविंद सावंत ने कहा कि प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं, 200 में से एक देश आपके साथ नहीं आया। आपके साथ इजरायल खड़ा हुआ, जिसकी वजह से ईरान से आपके रिश्ते भी बिगड़ गए। किसने-किसने इस युद्ध में पाकिस्तान की मदद की, चीन तो कर ही रहा था, तुर्की भी कर रहा था। हमको यह सोचने की जरूरत है कि एक भी देश हमारे साथ क्यों खड़ा नहीं हुआ। ये बार-बार अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से पैसा नहीं देने की बात कह रहे थे, फिर भी युद्ध के हालात में आईएमएफ ने पैसा दिया।
Operation Sindoor Debate LIVE: सीपीआई सांसद पी. संदोष कुमार ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के पीछे क्या कारण था? यह स्पष्ट है कि हमारी ओर से सुरक्षा में चूक हुई और भारत सरकार, गृह मंत्रालय इसके लिए ज़िम्मेदार है।
ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि दो बातों में फर्क करने की ज़रूरत है, जब पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की बात आती है तो पूरा देश एकजुट हो जाता है। दूसरी बात ये है कि 7 मई से 10 मई के बीच हुई सैन्य कार्रवाई का पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को रोकने में कितना असर हुआ? इस पर गंभीर चर्चा की ज़रूरत है।
लोकसभा में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का क्रेडिट सेना का है, इसमें बंटवारा नहीं होना चाहिए। गृह मंत्रालय को गैर जिम्मेदार बताते हुए उन्होंने कहा कि 26 लोगों को मारने के बाद चार आतंकी कहां गए। हम भारतीय सेना का सम्मान करते हैं। हमने विदेश नीति के मामले में भारत सरकार का पूरा समर्थन किया पाकिस्तान को ऐसा आघात देना चाहिए था, जिसे पूरी दुनिया देखे।
कल्याण बनर्जी ने कहा कि कभी सुना है कि सेंचुरी करीब है, 90 रन हो गया और इनिंग डिक्लेयर। ये मोदी जी ही कर सकते हैं, और कोई नहीं। मोदी जी कृपा करके क्रिकेट में मत घुसिएगा। डोनॉल्ड ट्रंप ने एक पोस्ट किया, अमेरिका की मध्यस्थता में पूरी रात चले वार्ता के लंबे दौर के बाद दोनों देश सीजफायर पर सहमत हो गए हैं। यहां 140 करोड़ देशवासी कह रहे लड़ाई करो, और अमेरिकी राष्ट्रपति के सामने आपकी हाइट और छाती, दोनों कम हो गई।
Operation Sindoor Debate LIVE: ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान सपा सांसद रमाशंकर राजभर ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने26 बार कहा कि हमने युद्धविराम कराया है। ट्रंप ने कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कहा कि हमने भारत-पाकिस्तान में न्यूक्लियर युद्ध रोकने के लिए बिजनेस डील ऑफर की। प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप की घनिष्ठ मित्रता के बावजूद अमेरिका ने पाकिस्तान को लोन दिलाने के पक्ष में मतदान किया। ट्रंप ने मुनीर की मेजबानी की. भारत सरकार पाकिस्तान को अलग-थलग करने में विफल रही। क्वॉड जैसे मंचों पर भारत अमेरिका की सैन्य लीडरशिप को वैश्विक वैधता देने से नहीं रोक सका।
सपा सांसद ने आतंकियों के खुलेआम घूमते रहने और सुरक्षाबलों की मौजूदगी नहीं होने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि घटना के तीन महीने बाद एलजी ने कहा कि चूक हो गई। ये आतंकी अब तक क्यों पकड़े नहीं जा सक। भारत ने हमेशा कहा है कि हमारे मसले द्विपक्षीय हैं और तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है। ट्रंप की बात सही है तो भारत ने अपने सैन्य और कूटनीतिक फैसलों की स्वतंत्रता खो दी। युद्धविराम में क्या अमेरिका की कोई भूमिका थी, क्यों भारतीयों को ट्रंप से ये बातें सुनने को मिलीं, या तो ट्रंप झूठ बोल रहे हैं या सरकार सच्चाई छिपा रही है। जनता को सच बताया जाना चाहिए। अगर हमारा ऑपरेशन सही था तो हम दुनिया के 32 देशों में क्यों गए थे और गए थे तो क्या लाभ हुआ।
Operation Sindoor Debate LIVE: ऑपरेशन सिंदूर पर बहस में बोलते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि पूरा देश और विपक्ष पीएम मोदी का समर्थन कर रहा था। अचानक 10 मई को हमें पता चला कि युद्धविराम हो गया है। क्यों? हम पीएम मोदी से जानना चाहते थे कि अगर पाकिस्तान घुटने टेकने को तैयार था, तो आप रुके क्यों और किसके सामने आत्मसमर्पण किया? अमेरिकी राष्ट्रपति ने 26 बार कहा है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को युद्धविराम की घोषणा करने के लिए मजबूर किया।
ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में बहस के दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि हम आज राजनाथ सिंह जी से जानना चाहते हैं कि हमारे कितने लड़ाकू विमान गिराए गए। हमें यह बात सिर्फ़ जनता को ही नहीं, बल्कि अपने जवानों को भी बतानी होगी, क्योंकि उनसे भी झूठ बोला जा रहा है।
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, “SIR बिहार की जनता के लिए एक बड़ा मुद्दा है; हम इस मुद्दे को कैसे छोड़ सकते हैं? एक ज़िम्मेदार राजनीतिक दल होने के नाते, हम लाखों वोटों को कटते और मताधिकार समाप्त होते कैसे देख सकते हैं? आज भी सदन में व्यवधान हुआ और सदन स्थगित कर दिया गया।”
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने भगवान कृष्ण से सीखा है कि अंत में, ‘धर्म’ की रक्षा के लिए सुदर्शन चक्र उठाना आवश्यक है। हमने 2006 के संसद हमले, 2008 के मुंबई हमले देखे- और अब हमने कह दिया है कि बहुत हो गया और सुदर्शन चक्र उठा लिया।
राजनाथ सिंह ने कहा, “अटल बिहारी वाजपेयी ने लाहौर में कहा था कि भारत स्थायी शांति और मित्रता की आकांक्षा रखता है, क्योंकि एक स्थिर पाकिस्तान भारत के सर्वोत्तम हित में है। यह हमारी सोच और भारत के सभ्यतागत मूल्यों को दर्शाता है, जो शांति को एक ताकत मानते हैं। हालांकि, इसे गलत समझा गया, शांति के हमारे प्रयासों को कमज़ोरी समझ लिया गया।”
ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कहते हैं, “हमारी सरकार ने भी पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित करने के लिए कई प्रयास किए हैं। लेकिन बाद में, 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक और 2025 के ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से, हमने शांति स्थापित करने के लिए एक अलग रास्ता अपनाया है। नरेंद्र मोदी सरकार का रुख स्पष्ट है – बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “अगर हम शांति के लिए प्रयास करना जानते हैं, तो हम यह भी जानते हैं कि दुष्टों की भाषा में कैसे बोलना और समझाना है।”
लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “यह ऑपरेशन उन परिवारों को न्याय दिलाने के लिए शुरू किया गया था जिन्होंने आतंकी हमले में अपने प्रियजनों को खो दिया। सीमा पार करना या क्षेत्र पर कब्जा करना ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य नहीं था। ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने का राजनीतिक-सैन्य उद्देश्य उन आतंकी नर्सरियों को खत्म करना था जिन्हें पाकिस्तान ने कई वर्षों से पोषित किया था। और इसीलिए सशस्त्र बलों को अपने लक्ष्य चुनने की पूरी आजादी दी गई थी। उद्देश्य युद्ध शुरू करना नहीं था, बल्कि विरोधी को झुकने के लिए मजबूर करना था।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘विपक्ष के कुछ सदस्य पूछ रहे हैं कि हमारे कितने विमान मार गिराए गए? मुझे लगता है कि उनका सवाल हमारी राष्ट्रीय भावनाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं करता है। उन्होंने हमसे यह नहीं पूछा है कि हमारे सशस्त्र बलों ने कितने दुश्मन विमानों को मार गिराया? अगर उन्हें कोई सवाल पूछना ही है, तो यह होना चाहिए कि क्या भारत ने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया, और इसका जवाब है, हां अगर आपके पास पूछने के लिए कोई सवाल है, तो यह पूछें: क्या इस ऑपरेशन में हमारे किसी बहादुर सैनिक को नुकसान पहुँचा था? जवाब है, नहीं, हमारे किसी भी सैनिक को नुकसान नहीं पहुंचा था।
ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी द्वारा समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी पर शिवसेना नेता शाइना एनसी ने कहा, ‘उन्होंने अपमानजनक और महिला विरोधी टिप्पणी की। मुझे खुशी है कि एनडीए सांसदों ने संसद के बाहर रशीदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सार्वजनिक जीवन में कोई भी महिला मस्जिद में प्रवेश करने की हकदार है, चाहे वह अपना सिर ढकना चाहे या नहीं, यह उसका विशेषाधिकार है।’
ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में बहस के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि हमारी वायु रक्षा प्रणाली, काउंटर-ड्रोन प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों ने पाकिस्तान के इस हमले को पूरी तरह से विफल कर दिया। पाकिस्तान हमारे किसी भी लक्ष्य को भेद नहीं सका और हमारी किसी भी महत्वपूर्ण संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा। हमारी सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य थी और हर हमले को विफल कर दिया गया।”
ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “10 मई को जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई हवाई अड्डों पर जोरदार हमला किया, तो पाकिस्तान ने हार मान ली और युद्ध विराम की पेशकश की। यह प्रस्ताव इस शर्त के साथ स्वीकार किया गया कि यह ऑपरेशन केवल रोका गया है। अगर भविष्य में पाकिस्तान की ओर से कोई दुस्साहस होता है, तो यह ऑपरेशन फिर से शुरू किया जाएगा।”
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘भारत ने अपनी कार्रवाई रोक दी क्योंकि पूर्वनिर्धारित राजनीतिक और सैन्य उद्देश्य पूरे हो गए थे। यह कहना कि किसी दबाव में इस ऑपरेशन को रोका गया, निराधार और बिल्कुल गलत है। अपने राजनीतिक जीवन में मैंने हमेशा झूठ न बोलने की कोशिश की है।’
ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “हमारी कार्रवाई पूरी तरह से आत्मरक्षा में थी, न तो उकसावे वाली थी और न ही विस्तारवादी। फिर भी, 10 मई, 2025 को लगभग 1:30 बजे, पाकिस्तान ने मिसाइलों, ड्रोन, रॉकेट और अन्य लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग करके भारत पर बड़े पैमाने पर हमला किया।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा, “पूरा ऑपरेशन 22 मिनट के भीतर पूरा कर लिया गया।”
ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में बहस के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया है।”
