परीक्षा पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने अपने गुजरात के शासन को याद करते हुए कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब वो गुजरात के सीएम थे, तब पशु आरोग्य मेला लगवाया करते थे। जहां पशुओं का इलाज होता था। इसी मेले के दौरान एक गाय के पेट से 40 किलो प्लास्टिक निकला था।

पीएम ने कहा कि यह मानवता के विरुद्ध काम है। उन्होंने कहा कि अब हमें यूज एण्ड थ्रो के कल्चर से बचना पड़ेगा। सिंगल यूज प्लास्टिक से पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है। अगर हम संकल्प लें कि अपने घर में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं होने दूंगा तो ये पर्यावरण के लिए काफी अच्छा होगा। पीएम ने कहा कि अगर इसी तरह का संकल्प सभी बच्चे ले लें तो देश से सिंगल यूज प्लास्टिक की कहानी ही खत्म हो जाएगी।

पीएम मोदी ने प्रदूषण और पर्यावरण पर चर्चा करते हुए कहा कि हमें रियूज वाली चीजों का प्रयोग करना चाहिए। यही हमारी संस्कृति रही है। उन्होंने कहा कि जितना ज्यादा हम संसाधनों का प्रयोग करेंगे, पर्यावरण का नुकसान करेंगे।

पीएम ने इस चर्चा के दौरान कहा कि देश आज जिस स्वच्छता के मुकाम पर पहुंचा है, उसमें बालक-बालिकाओं की काफी भूमिका रही है। उनकी इस बात पर छात्रों ने जमकर तालियां बजाईं।

बता दें कि पीएम ने इस कार्यक्रम की शुरुआत में कहा कि यह प्रोग्राम उनका पसंदीदा है, लेकिन कोरोना की वजह से वो इससे दूर रहे। उन्होंने कहा- “कोरोना के कारण बीच में मैं आप जैसे साथियों से मिल नहीं पाया। मेरे लिए आज का कार्यक्रम विशेष खुशी का है, क्योंकि एक लंबे अंतराल के बाद आप सबसे मिलने का मौका मिल रहा है”।

नई शिक्षा नीति पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार कुछ भी करे तो कहीं न कहीं से तो विरोध का स्वर उठता ही है। लेकिन खुशी की बात है कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का हिंदुस्तान के हर तबके में पुरजोर स्वागत हुआ है। इसलिए इस काम को करने वाले सभी लोग अभिनंदन के अधिकारी हैं।