Pariksha Pe Charcha 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (एक अप्रैल, 2022) को “परीक्षा पे चर्चा” में स्टूडेंट्स को परीक्षा के दौरान तनाव से निपटने के सुपर टिप्स दिए। उन्होंने इस दौरान कहा कि छात्र-छात्राओं को परीक्षा को त्योहारों के रूप में लेना चाहिए। मोदी ने आगे कहा, ‘‘आप इतने घबराए हुए क्यों हैं? आप पहली बार परीक्षा नहीं देंगे। अब आप आखिरी पड़ाव के करीब बढ़ रहे हैं। आपने पूरा समुद्र पार कर लिया है अब किनारे के पास आकर आपको डूबने का डर है?’’ पीएम ने आगे कहा कि बेटियां परिवार की बड़ी ताकत होती हैं।
इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने ‘परीक्षा पे चर्चा’के कदम का स्वागत किया। पर उनसे छात्रों के माता-पिता और आम लोगों की चिंता के बारे में बात करने के लिए ‘‘परेशानी पे चर्चा’’ का आयोजन करने का भी आग्रह किया। पार्टी प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने कहा कि कुछ हस्तियों ने लोगों से परीक्षाओं को लेकर छात्रों के साथ मोदी की ‘परीक्षा पे चर्चा’ देखने का आग्रह किया है, लेकिन वे लोगों की पीड़ा पर बातचीत करने के लिए प्रधानमंत्री से कब सवाल करेंगे।
वह आगे बोले, ‘‘परीक्षा के समय छात्र तनाव में रहते हैं। तनाव से मुक्ति दिलाने के लिए उनसे बातचीत करने के लिए हम प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हैं, लेकिन वह छात्रों के माता-पिता और आम लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए ‘परशानी पे चर्चा’ कब आयोजित करने जा रहे हैं?’’उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीज़ल और रसोई गैस के दाम हर रोज बढ़ रहे हैं और बेरोजगारी ‘‘चिंता का विषय’’ बन गई है।
क्रास्टो ने पूछा कि क्या इन हस्तियों ने कभी कीमत वृद्धि के कारण आम लोगों को होने वाली परेशानियों के बारे में सोचा है? बता दें कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री छात्रों तथा उनके माता-पिता के साथ परीक्षा के तनाव तथा संबंधित प्रश्नों के बारे में बात करते हैं। यह आयोजन पिछले चार साल से किया जा रहा है।
मोदी सर की “मास्टर क्लास” की बड़ी बातें:
- जो तैयारी की है, उस पर यकीन रखें
- मोटिवेशन के लिए किसी की जरूरत नहीं
- अपने किए पर विश्वास रखें और आगे बढ़ें
- माध्यम नहीं मन समस्या है। ध्यान से पढ़ें
- एग्जाम जीवन के छोटे-छोटे पड़ाव हैं
- परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा
- खुद को तनाव में मत आने दें
- मां-बाप अपने बच्चों पर बोझ न डालें
- बेटा-बेटी में अंतर न करें, समान अवसर दें
- परीक्षा के अनुभवों को ताकत बनाएं
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हर ओर स्वागत
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मोदी बोले- नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का पूरे हिंदुस्तान में जोरदार स्वागत हुआ है। इसे सरकार ने नहीं बल्कि नागरिकों और टीचर्स ने देश के भविष्य के लिए बनाया है। पहले हमारे यहां खेलकूद को एक्ट्रा एक्टिविटी माना जाता है, पर इस नीति के तहत वह शिक्षा का हिस्सा बन गया है। यानी बिना खेले कोई खिल और खुल नहीं सकता है।
पीएम ने कहा- ऑनलाइन या ऑफलाइन का दोष नहीं है। माध्यम नहीं मन समस्या है। समय के साथ पढ़ाई के माध्यम बदले हैं। मन से पढ़ेंगे तो ध्यान नहीं भटकेगा। पढ़ाई के समय दिमाग पढ़ाई में रखें। ऑनलाइन पाने के लिए है। ऑफलाइन बनने के लिए है।
पीएम मोदी परिचर्चा के दौरान बोले कि ऐसा लग रहा कि मुझे ही तैयारी से गुजरना होगा। आपको सोचना होगा कि क्या आप पहली बार परीक्षा देने जा रहे हैं। मतलब आप बहुत सारे एग्जाम दे चुके हैं। इतना बड़ा समुंदर पार करने के बाद किनारे पर डूबने का डर रहता है क्या? मन में तय कर लें कि परीक्षा जीवन का एक सहज हिस्सा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने शुरुआते में स्टूडेंट्स से पूछा- आप लोगों टेंशन है या फिर पैरेंट्स को? पीएम ने आगे कहा कि कुछ लोगों की शिकायत रहती है कि उनकी बात रह गई। पर इस बार कोशिश रहेगी कि जो सवाल रह जाएंगे, उन्हें बाद में कई माध्यमों से नमो ऐप पर रखेंगे। उसमें भी नया प्रयोग करते हुए एक साइट बनाई गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वार्षिक ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान छात्रों के साथ बातचीत की और उन्हें परीक्षा को त्योहारों के तौर पर लेने की सलाह दी। प्रधानमंत्री ने तालकटोरा स्टेडियम में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच वहां मौजूद लोगों से कहा, ‘‘यह मेरा पसंदीदा कार्यक्रम है, लेकिन कोविड के कारण मैं आपसे नहीं मिल सका था। इससे मुझे काफी खुशी मिल रही है, क्योंकि मैं लंबे समय के बाद आपसे मिल रहा हूं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘घबराया हुआ कौन है? आप या आपके माता-पिता? यहां अधिकतर लोगों के माता-पिता घबराए हुए हैं। अगर हम परीक्षा को त्योहार बना दें तो यह जीवंत बन जाएगा।’’पीएम ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का देश के हर वर्ग ने तहे दिल से स्वागत किया है। गुजरात के वडोदरा के केनी पटेल ने पूछा कि सही तैयारी (रिवीज़न) और पर्याप्त नींद लेकर कोई भी पाठ्यक्रम कैसे पूरा किया जा सकता।
मोदी ने कहा, ‘‘आप इतने घबराए हुए क्यों हैं? आप पहली बार परीक्षा नहीं देंगे। अब आप आखिरी पड़ाव के करीब बढ़ रहे हैं। आपने पूरा समुद्र पार कर लिया है अब किनारे के पास आकर आपको डूबने का डर है? ’’शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा पिछले चार वर्षों से ‘परीक्षा पे चर्चा’ का आयोजन किया जा रहा है। पहले तीन बार इसे दिल्ली में एक ‘इंटरैक्टिव टाउन-हॉल’ प्रारूप में आयोजित किया गया था। चौथा संस्करण पिछले साल सात अप्रैल को ऑनलाइन आयोजित किया गया था।
प्रधानमंत्री बोले- ध्यान बहुत सरल है। आप जिस पल में हैं, उस पल को जीने की कोशिश कीजिए। अगर आप उस पल को जी भरकर जीते हैं तो वो आपकी ताकत बन जाता है। ईश्वर की सबसे बड़ी सौगात वर्तमान है। जो वर्तमान को जान पाता है, जो उसे जी पाता है, उसके लिए भविष्य के लिए कोई प्रश्न नहीं होता है।
बकौल मोदी, "जो रिस्क करता है, नए प्रयोग करता है वह जिंदगी में आगे बढ़ जाता है। हमें गर्व करना चाहिए कि हम इतनी सफलता के बीच खुद को साबित कर रहे हैं। यह नहीं तो वह...। मैं समझता हूं कि हम इसे एक अवसर मानें। सोचें कि हम इन्हें जाने न देंगे। मुझे पक्का विश्वास है कि यही प्रतियोगिता आपके लिए सबसे बड़ी सौगात बनकर सामने आएगा।"
पीएम मोदी ने कहा- अगर कंप्टीशन नहीं है, तब फिर ऐसा लगेगा कि हम ही हम हैं। हमें प्रतियोगिता का स्वागत करना चाहिए। छुट्टी के दिन के दिन भी प्रतियोगिता करनी चाहिए। यह जीवन को आगे बढ़ाने का बढ़िया माध्यम होता है। मैं या आपके माता पिता जिस पीढ़ी के हैं, तब कई चीजें नहीं मिलती थीं। अब आपकी पीढ़ी को कंप्टीशन मिला है, तब अवसर भी अनेक हैं।
मोदी के मुताबिक, ध्यान रखें कि मन धोखेबाज न बने। समझें कि पढ़ने के लिए कब आप सहज हैं। मोटिवेशन के लिए आपको किसी की जरूरत नहीं है। हर पल को जी भर के जिएं। आपका काम है कि आप अधिकतम आउटकम पर जोर दें।
पीएम ने एक उदाहरण देते हुए कहा- एक बर्तन लें। दोनों में पानी भरें। सिक्का डालें। दोनों को ध्यान से देखें। एक स्थिर रहेगा, जबकि एक हिलेगा। स्थिर वाला साफ दिखेगा। जहां पानी हिलेगा, वहां साफ नहीं दिखेगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि पानी और बर्तन हिल रहा होगा। अगर मन भी ऐसे ही हिलेगा तो यह ठीक नहीं रहेगा। दिमाग स्थिर रहना चाहिए। मन को एक बार स्थिर कर लीजिए। सीना तान दो-तीन बार गहरी सांस ले लीजिए।
छात्रों के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा- राष्ट्रीय शिक्षा नीति का देश के हर वर्ग ने तहे दिल से स्वागत किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए परामर्शी प्रक्रिया पूरी हो गई है, इसके लिए भारत भर के लोगों से सलाह ली गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'परीक्षा पे चर्चा' के दौरान एक स्टूडेंट के सवाल पर पैरेंट्स से अपील की कि वे अपने अधूरे सपनों को बच्चों पर न थोपें।
- मन से पढ़ें ध्यान न भटकेगा
- डिजिटल पढ़ाई वक्त की जरूरत
- ज्ञान हासिल करने के असीमित साधन
- नई शिक्षा नीति भविष्य के लिए है
- खेल कूद भी जिंदगी में बहुत अहम है
- बच्चों की पसंद-नापसंद का रखें ख्याल
मोदी ने सबसे पूछा कि क्या 20वीं सदी की सोच, नीति और व्यवस्था के साथ 21वीं सदी में आगे बढ़ सकते हैं क्या? लोगों ने इसका जवाब न में दिया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर हम समय के साथ बदलेंगे नहीं तो पिछड़ जाएंगे। देश का नुकसान होगा।
दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दो साल से ज्यादा समय के बाद शुक्रवार को स्कूलों में ‘ऑफलाइन’ कक्षाएं फिर से शुरू हुईं। इस दौरान बच्चों के माता-पिता की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। दिल्ली के 120 से ज्यादा निजी स्कूलों की सदस्यता वाले संगठन ‘नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेंस’ (एनपीएससी) की अध्यक्ष सुधा आचार्य ने कहा कि छात्र इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
उन्होंने कहा, “दो साल के बाद स्कूल पुनः खुल रहे हैं और छात्र स्कूल वापस जाने के लिए उत्साहित हैं।” आचार्य, दिल्ली के द्वारका स्थित आईटीएल पब्लिक स्कूल की प्रधानाध्यापिका हैं। उनके स्कूल में शिक्षकों ने बच्चों के लिए विशेष प्रार्थना आयोजित की।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को "परीक्षा पे चर्चा" पर चर्चा करने से पहले तालकटोरा स्टेडियम में एक प्रदर्शनी देखी, जिसमें उन्हें स्टूडेंट्स ने विभिन्न पेटिंग्स का ब्यौरा दिया।
कहा जा रहा है कि इस बार परीक्षा पे चर्चा में 15.7 लाख लोग हिस्सा लेंगे। इसके क्रिएटिव राइटिंग कॉम्पटिशन के लिए 15.7 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया था, जिसमें 12 लाख से अधिक स्टूडेंट्स, 2.7 लाख टीचर्स और 90 हजार अभिभावक थे।
यह परीक्षा पर चर्चा का पांचवां एडिशन है। इस कार्यक्रम की शुरुआत साल 2018 में हुई थी। कोरोना काल में दो बार यह प्रोग्राम वर्चुअली हुआ था। पिछले साल 'परीक्षा पे चर्चा' सात अप्रैल, 2021 को हुई थी।
- परीक्षा पे चर्चा
- परीक्षा योद्धा लिखी
- पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन
- बाल स्वच्छता मिशन
- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
केंद्रीय गृह मंत्री ने ट्वीट किया कि पीएम मोदी आज सुबह 11 बजे देशभर के बच्चों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों से बातचीत करेंगे। परीक्षा पर चर्चा पीएम की एक अनोखी पहल है, जिसके जरिए वह बच्चों के लिए तनाव मुक्त महौल बनाने की कोशिश करते हैं। मेरी अपील है कि सभी लोग इस संवाद का हिस्सा बनें।
शिक्षा मंत्रालय के एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए 30 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया था- इस साल की परीक्षा पे चर्चा के प्रति उत्साह अभूतपूर्व रहा है। लाखों लोगों ने अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और अनुभव साझा किए हैं। मैं उन सभी छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने योगदान दिया है। एक अप्रैल के कार्यक्रम का बेसब्री से इंतजार है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 'परीक्षा पे चर्चा' को 'व्यापक जन आंदोलन' बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरुवार को तारीफ की। प्रधान ने निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पहले कई ट्वीट करके कहा कि मोदी की ‘‘मैत्रीपूर्ण सलाह’’ और ‘‘परिवार के बुजुर्ग व्यक्ति’’ की तरह मार्ग दर्शन ने इस कार्यक्रम को एक जन आंदोलन में बदल दिया है।
मंत्री ने लोगों से तालकटोरा स्टेडियम में पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होने वाले सत्र में शामिल होने का आह्वान किया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री छात्रों के साथ बातचीत करते हैं जो पिछले चार वर्षों से स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम कोरोना की सुस्त चाल के बीच दो साल बाद फिजिकली (बच्चों के सामने आकर पीएम बात करेंगे) हो रहा है। इस प्रोग्राम में पीएम छात्रों के साथ बातचीत करते हैं, जो पिछले चार साल से स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय आयोजित करा रहा है।
