Pariksha Pe Charcha 2.0: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार (29 जनवरी) सुबह ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में देश भर के विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों से तनाव-रहित परीक्षा एवं संबंधित पहलुओं पर चर्चा की। अपना भाषण शुरू करने से पहले पीएम ने अटल सरकार में रक्षामंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडिस के निधन पर श्रद्धांजलि दी। फर्नांडिस का मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के एक हॉस्पिटल में 88 साल की उम्र में निधन हो गया।
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से आए छात्रों और अभिभावकों ने तनाव रहित परीक्षा को लेकर पीएम मोदी से सवाल पूछे हैं। पीएम सभी के बखूबी जवाब भी दिए हैं। पीएम से AMU और BHU के छात्रों ने भी तनाव मुक्त परीक्षा और विषय चुनने को लेकर सवाल पूछा। कश्मीर के एक अभिभावक ने पीएम से पूछा कि बच्चों की वजह से वो भी तनाव में रहते हैं, इसके लिए उन्हें क्या करना चाहिए।
वहीं तमिलनाडु के एक छात्र ने पीएम के दिन में 17-17 काम करने और उनके ऊर्जावान रहने पर सवाल पूछा। इसके जवाब में मोदी ने कहा कि वो मां से प्रेरणा लेते हैं। उन्होंने कहा कि मां कभी थकती नहीं वो सारा दिन काम करती है क्योंकि उसे अपने परिवार की चिंता रहती है। ठीक इसी तरह पीएम मोदी सवा सौ करोड़ देशवासियों को अपना परिवार मानते हैं, उन्हें इसकी चिंता रहती है। इसके चलते वह इतने ऊर्जावान रहते हैं।
PM Narendra Modi Pariksha Pe Charcha 2.0: LIVE Updates
मोदी ने छात्रों से कहा कि लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जो पहुंच में तो हो, पर पकड़ में न हो। जब हमारा लक्ष्य पकड़ में आएगा तो उसी से हमें नए लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि निराशा में डूबा समाज, परिवार या व्यक्ति किसी का भला नहीं कर सकता है, आशा और अपेक्षा उर्ध्व गति के लिए अनिवार्य होती है।
एक सवाल के जवाब में पीएम ने कहा कि अभिभावक छात्रों पर ज्यादा दबाव ना बनाए वो उन्हें इसी तरह समझे जब वो खुद उनकी उम्र में थे। पीएम ने कहा कि शिक्षित होना जरुरी है तो जिंदगी में अनुभवी होना भी जरुरी है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के छात्र ने पूछा कि दसवीं और 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद ही करियर किस क्षेत्र में बनाए, इसको लेकर परेशानी आती है। मां-बाप भी बिना जाने छात्रों पर साइंस स्ट्रीम लेने का दबाव डालते हैं। ऐसा ही सवाल बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) की छात्रा ने पूछा। इसके जवाब में पीएम ने कहा कि छात्रों को आठवीं कक्षा से ही अपने अंदर की प्रतिभा को निखारते रहना चाहिए। उन्हें किस क्षेत्र में ज्यादा रुचि है ये परिजनों को शुरुआत से ही बताते रहना चाहिए। पीएम ने एक पुरानी बात याद करते हुए कहा कि उन्होंने एक छात्र से उसके भविष्य बारे में पूछा तो उसने जवाब दिया, बस एक बार ग्रेजुएशन हो जाए तब इसके बारे में सोचना जाएगा। पीएम ने कहा कि साइंस और मैथ्स स्ट्रीम का महत्व हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि अन्य क्षेत्रों का महत्व नहीं है। ये गलत है। इन क्षेत्रों में बहुत भविष्य है। पीएम ने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि वो दबाव में आकर ना सोचे कि किस क्षेत्र में भविष्य बनाना है बल्कि खुलकर अपने चयन किए जाने वाले क्षेत्र में परिजनों से चर्चा करें। वो आपकी बात जरुर सुनेंगे।
तमिलनाडु के एक छात्र ने पीएम से पूछा कि वह लगातार 17-17 रोज काम कैसे कर लेते हैं। छात्र ने पूछा कि वह पीएम की तरह कैसे ऊर्जावान रहे। इसके जवाब में पीएम ने मां का नाम लिया। उन्होंने कहा कि मां पूरे दिन सारा काम करती है वो कभी नहीं थकती उसे अपने परिवार की चिंता रहती है। पीएम ने कहा कि ठीक इसी तरह सवा सौ करोड़ देशवासी उनका परिवार है और उन्हें इसकी चिंता रहती है। इसलिए वह इतना ऊर्जावान रहते हैं।
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि जिंदगी में लक्ष्य होना चाहिए। हर किसी का कोई ना कोई लक्ष्य होना चाहिए। बड़े लक्ष्य से पहले छोटे-छोटे लक्ष्य बनाने चाहिए।
पीएम ने कहा कि तकनीक सही इस्तेमाल करना चाहिए। इसलिए हर चीज के दो पहलू होते हैं। एक किसी को बहुत सीमित बना देती है और दूसरी किसी व्यापाक स्तर की जानकारी मुहैया करा सकते है। बेटे के अधिक ऑनलाइन गेम खेलने पर पीएम ने कहा कि उसे धीरे-धीरे सही रास्ते पर लाए। तकनीक का सही इस्तेमाल करने के प्रेरित करें।
एक मां ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि उनका बेटा ऑनलाइन गेम ज्यादा खेलता है। इस वजह से उनसे नंबर भी अच्छे नहीं आते हैं। पहले शिक्षक उसकी सहारना करते थे, मगर ऐसा नहीं है।
छात्रों की परीक्षा के दौरान अभिभावकों के दबाव में रहने पर पीएम ने सुझाव दिया कि उन्हें दबाव में नहीं रहना चाहिए। पीएम ने कहा अभिभावकों के बच्चे जब छोटे होते हैं तो उनकी गलतियों का वर्णन भी वो रिश्तेदारों के सामने करते हैं। मगर सात-आठ साल की उम्र की बाद ऐसा नहीं होता। इसपर पीएम ने कहा कि जब बच्चे बड़े होते हैं उनके अभिभावकों को बच्चों की गतिविधियों से सीखना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर और इम्फान के अभिभावकों ने पीएम से पूछा कि उनके बच्चों पर ज्यादा दबाव होने की वजह से वो भी चिंता में रहते हैं।
पीएम ने कहा कि मां-बाप को अपने बच्चों को उनके बचपन की तरह उन्हें सीखते रहने के प्रेरित करना चाहिए। बच्चे बड़े हो जाए तो उनपर गुस्सा नहीं होना चाहिए। हालांकि पीएम ने कहा कि मां-बाप द्वारा अपने बच्चों में अपेक्षाएं होना गलत नहीं है लेकिन उनपर अधिक दबाव भी नहीं डालना चाहिए। उन्होंने अपने बच्चों से अपेक्षाएं रखनी चाहिए ना की दबाव डालना चाहिए।
परीक्षा में माता-पिता की अधिक अपेक्षाओं पर छात्र द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि कम नंबर आए तो घरबाए नहीं। माता-पिता को समझाते हुए कहें कि कम नंबर आएं है तो वही बताए अधिक नंबर कैसे आए। हालांकि पीएम ने साफ किया कि वह माता-पिता की बोलती बंद करना नहीं सिखा रहे।
केरल के एक छात्र ने पीएम से पूछा कि उनके माता-पिता उनसे ज्यादा उम्मीद लगाए रहते हैं जैसे प्रधानमंत्री से देश की जनता ने ज्यादा ही अपेक्षाएं लगा रखी हैं। छात्र ने आगे पूछा कि वह इस पर पीएम की राय जानना चाहता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'परीक्षा पर चर्चा' पर अपना भाषण शुरू करने से पहले पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रक्षा मंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडिस के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि। लंबी बीमारी के चलते दिल्ली के एक हॉस्पिटल में जॉर्ज फर्नांडिस का निधन हो गया।
पीएम के कार्यक्रम परीक्षा पर चर्चा से पहले विभिन्न कलाकारों द्वारा स्टेज सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जा रहे हैं। कार्यक्रम स्थल पर पीएम मोदी के अलावा शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी मौजूद हैं।
छात्रों संग परीक्षा पर चर्चा से पहले प्रधानमंत्री एक प्रदर्शनी में पहुंचे हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने प्रदर्शनी की तस्वीरें शेयर की हैं। इसमें नरेंद्र मोदी स्कूली छात्राओं से बातचीत कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम 'परीक्षा पर चर्चा' का सीधा प्रसारण सभी सरकारी स्कूलों और सीबीएसई स्कूलों के अलावा, कॉलेज और उच्च शिक्षण संस्थानों के अलावा विदेशों में भी किया जाएगा।
बोर्ड परीक्षाओं से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में करीब में दो हजार छात्रों से परीक्षा पर चर्चा करेंगे। ऐसा पहली बार है जब देश के विभिन्न हिस्सों के अलावा विदेश से आए छात्र भी मोदी के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। परीक्षा पे चर्चा में भाग लेने वाले छात्रों में रूस, नाईजीरिया, ईरान, नेपाल, दोहा, कतर, सऊदी अरब और सिंगापुर के छात्र शामिल हैं।