गौरी लंकेश मर्डर केस की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने कहा है कि आरोपी परशुराम वाघमारे ने महिला पत्रकार की हत्या करने की बात कबूल कर ली है। पुलिस ने वाघमारे को इस हफ्ते की शुरुआत में उत्तर कर्नाटक के विजयपुरा जिले से गिरफ्तार किया था। 26 साल के परशुराम ने दावा किया है कि उसे हत्या करते वक्त यह नहीं पता था कि वह किसे मार रहा है। बता दें कि परशुराम पर आरोप है कि 5 सितंबर 2017 को उसने गौरी लंकेश की बेंगलुरु के आरआर नगर स्थित घर पर चार गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, एसआईटी सूत्रों ने परशुराम के हवाले से बताया, ‘मुझे मई 2017 में बताया गया कि धर्म की रक्षा के लिए मुझे किसी की हत्या करनी है। मैं राजी हो गया। मुझे नहीं पता था कि किसे मारना है। अब मुझे महसूस होता है कि मुझे उस महिला की हत्या नहीं करनी चाहिए थी।’
परशुराम ने कहा कि उसे 3 सितंबर को बेंगलुरु लाया गया था। उसे बेलगावी में एयरगन चलाने की ट्रेनिंग दी गई थी। आरोपी ने कथित तौर पर बताया, ‘मुझे पहले एक घर पर ले जाया गया। दो घंटे बाद एक बाइक सवार मुझे वह घर दिखाने ले गया, जहां रहने वाले शख्स को मुझे मारना था। अगले दिन, बाइक सवार मुझे बेंगलुरु में किसी और कमरे पर ले गया। वहां मौजूद एक अन्य शख्स मुझे बाइक पर आरआर नगर स्थित घर ले गया और वापस लाकर छोड़ दिया। मुझे शाम को फिर से गौरी के घर ले जाया गया। मुझे वही बाइक सवार ले गया, जो मुझे एक दिन पहले लेकर गया था। मुझे कहा गया कि मुझे उसी दिन काम खत्म करना है। लेकिन गौरी काम से लौट आई थी और घर के अंदर थी।’
उसने आगे बताया, ‘5 सितंबर को शाम 4 बजे मुझे बंदूक दी गई और हम शाम को उसके घर गए। हम सही वक्त पर पहुंचे। गौरी ने गेट के सामने कार रोकी। जब मैं उसके पास पहुंचा तो वह अंदर से दरवाजा खोल रही थी। मैं हलके से खांसा तो वह मेरे तरफ मुड़ी। मैंने उसे चार गोलियां मारीं। हम रूम पर लौटे और उसी रात शहर छोड़ दिया।’ एआईटी सूत्रों का कहना है कि बेंगलुरु में वाघमारे कम से कम तीन लोगों के संपर्क में रहा। हालाकि, उसका कहना है कि वह तीनों को ही नहीं जानता है।