चीनी और भारतीय सेना गुरुवार को गोगरा पोस्ट के पैट्रोलिंग पॉइंट 17A से 2 किमी पीछे हट गई हैं। वहीं गालवान घाटी में PP 14 और हॉट स्प्रिंग्स सेक्टर में PP 15 वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दो अन्य सैक्टर हैं जिस पर डिसइंगेजमेंट पूरा हो चुका है। इसी के साथ वार्ता के एक और दौर के लिए रास्ता साफ हो गया है। विशेष रूप से पैंगॉन्ग त्सो पर जहां झील के उत्तरी तट पर फिंगर 4 पर अब भी बड़ी संख्या में चीनी सैनिक तैनात है। वे पश्चिम में फिंगर 8 से 8 किलोमीटर अंदर आ गए हैं। जो भारत के मुताबिक एलएसी है।
बीजिंग में, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा “कमांडर-स्तरीय वार्ता में आम सहमति तक पहुंचने के बाद, चीनी और भारत की सेना द्वारा पश्चिमी क्षेत्र में गैलवान घाटी और अन्य क्षेत्रों में विघटन के लिए ‘प्रभावी उपाय’ किए जा रहे हैं। भारत के साथ सीमा पर समग्र स्थिति स्थिर और नियंत्रणीय है। इसके अलावा दोनों देशों के पास बातचीत और परामर्श के जरिए मुद्दों को हल करने के लिए बहुत सारे संचार माध्यम उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा “दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से संवाद और संचार जारी रखेंगे, जिसमें कमांडर-स्तरीय वार्ता का एक नया दौर आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की बैठक भी होगी। हमें उम्मीद है कि भारत चीन के साथ मिलकर एक ही लक्ष्य की दिशा में काम करेगा ताकि दोनों पक्षों के बीच ठोस कार्रवाइयों के साथ सहमति बने और सीमा क्षेत्र में संयुक्त रूप से तनाव कम किया जा सके।
पीपी 17 में विघटन पर सूत्रों ने कहा “ पीपी 14 और पीपी 15 की तरह यह भी अब पूरी तरह से खाली हो गया है। सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दोपहर के बाद सेनाएं पीछे हटी थीं और सत्यापन दोपहर 2.30 बजे किया गया था। दोनों देश की सेना पीपी 17 ए से करीब 2 किलोमीटर पीछे हट गई हैं। सहमति के अनुसार, अगले आदेश तक कोई पैट्रोलिंग नहीं होगी।