महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की मॉब लिंचिंग के बाद से विपक्षी भाजपा और अघाड़ी सरकार के बीच मुंबई में राजनीतिक युद्ध छिड़ गया है। हालांकि, वास्तविकता में देखें तो सीमाई इलाके के उस जंगल में स्थानीय अफसर, एनसीपी नेता, पूर्व एमएलए उम्मीदवार, एक सरपंच और पुलिस अधिकारी चाहते तो उनकी थोड़ी सी कोशिश से ऐसे खतरनाक अफवाह को हवा नहीं मिलती और भीड़ द्वारा साधुओं की नृशंस हत्या नहीं होती।
इस बावत इंडियन एक्सप्रेस ने कई स्थानीय लोगों, प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय अधिकारियों-कर्मचारियों से उस घटना पर बात की है कि कैसे पुलिस की नाक के नीचे भीड़ ने तीन लोगों की हत्या कर दी।अप्रैल के महीने में महाराष्ट्र और दादर एवं नागर हवेली के बॉर्डर पर रात में रोड पर अचानक 400 लोग मिनट भर में जमा नहीं हो सकते थे। दरअसल, इलाके में व्हाटसएप पर कुछ दिनों से एक अफवाह दौड़ रही थी कि बच्चों का चोर गिरोह सक्रिय है, जो उनकी किडनी निकाल कर बेचता है। अधिकारी और स्थानीय नेता चाहते तो ऐसी अफवाहों को रोक सकते थे, पर ऐसा नहीं हुआ।
जिस गांव में ये वारदात हुई, यानी गढ़चिंचले की सरपंच चित्रा चौधरी ठीक महाराष्ट्र और दादर-नागर हवेली के बॉर्डर के बीचो बीच रहती हैं। उन्होंने घटना के बारे में बताया कि उनलोगों ने रात में गाड़ी के आने की आवाज सुनी। थोड़ी ही देर में उसके लौटने की भी आवाज सुनी और वहां से गुजरते हुए देखी, जहां कई लोग हाथों में लाठी-डंडे और तलवार वगैरह लिए खड़े थे।
Coronavirus in India Live Updates: यहां पढ़ें कोरोना से जुड़े सभी लाइव अपडेट…
इंडियन एक्सप्रेस को चौधरी ने बताया कि जब वो वहां पहुंची तो देखा, “हमारे गाँव और आस-पास के गाँवों से आये हुए लोग वहां जमा थे, कार में चारों ओर चीख-पुकार मची हुई थी। उनके साथ तर्क करना असंभव था। मैं एक को पीछे और फिर दूसरे को खींचने की कोशिश कर रही थी, लेकिन एक पुरुष मुझ पर चिल्ला पड़ा।” उन्होंने कहा, “उस शख्स ने मुझे बताया कि मैं अपने बच्चों की किडनी कार में बैठे लोगों को सौंपने के लिए स्वतंत्र हूं। उन्हें इस बात पर कोई संदेह नहीं था कि ये बाहरी लोग कौन थे क्योंकि व्हाट्सएप संदेशों में कहा गया था कि अपहरणकर्ता पुलिसकर्मी के रूप में हो सकते हैं या कलाकार की वेशभूषा में। यहां तक कि पुलिसवाले के कपड़े भी पहन कर आ सकते हैं।”
35 वर्ष की चौधरी जो दूसरी बार सरपंच बनी हैं, ने कहा, “दो घंटे तक मैं वहां रही। वहां भीड़ पत्थर की बारिश कर रही थी और कार को हिला रही थी, लेकिन अंदर के लोग अभी भी परेशान थे।” उन्होंने कहा कि जब पुलिस वहां दो टुकड़ी में पहुंची तो थोड़ी देर बाद, वह चली गई। चौधरी बता रही हैं कि घटना की गवाही देने की वजह से अब गिरफ्तार हुए लोगों के परिजन उन्हें धमकियां दे रहे हैं और कह रहे हैं कि घर नेस्तनाबूद कर देंगे।