राजस्थान का जोधपुर शहर अपनी ऐतिहासिक धरोहर और रॉयल वेडिंग्स के लिए दुनियाभर में मशहूर है। लेकिन इस बार यह शहर एक खास शादी का गवाह बना। पाकिस्तान के एक करोड़पति परिवार ने अपनी बेटी की शादी के लिए जोधपुर को चुना। यह शादी किसी भारतीय परिवार की नहीं, बल्कि पाकिस्तान से आए विस्थापितों की थी। दुल्हन मीना सोढ़ा और दूल्हा महेंद्र सिंह ने बुधवार-गुरुवार की रात सात फेरे लेकर शादी के बंधन में बंधे।
युवक के घर वाले जैसलमेर शहर में रहते हैं
मीना सोढ़ा जोधपुर में अपने बड़े पापा के साथ रहती हैं। उनके माता-पिता अब भी पाकिस्तान में रहते हैं। मीना की शादी जैसलमेर के महेंद्र सिंह से तय हुई, जो बालाना गांव के रहने वाले हैं और वर्तमान में जैसलमेर शहर में बस चुके हैं। शादी में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान से कई मेहमान खास तौर पर जोधपुर पहुंचे। इसके अलावा आस-पास के गांवों और शहरों से करीब 1500 मेहमान शामिल हुए।
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मीना के पिता गणपत सिंह सोढ़ा ने बताया कि पाकिस्तान में उनके गोत्र के लोग रहते हैं। वहां एक ही गोत्र में शादी करना परंपरा के खिलाफ है। इसलिए उन्होंने अपनी बेटी की शादी के लिए भारत को चुना। उन्होंने कहा, “यहां परंपराओं का पालन करते हुए शादी करना हमारे लिए सही विकल्प था।”
गणपत सिंह ने पाकिस्तान से भारत आने की कठिनाइयों के बारे में भी बताया। सीधी ट्रेन और फ्लाइट्स की कमी उनकी यात्रा को और मुश्किल बनाती है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, “पाकिस्तान से भारत आने में वीजा लेना और उसका एक्सटेंशन कराना सबसे बड़ी चुनौती होती है। फिर भी, हमारी परंपराओं और रिश्तों के लिए यह सब जरूरी है।”
मीना सोढ़ा ने जोधपुर के कमला नेहरू महिला कॉलेज से बीए की पढ़ाई पूरी की है। उन्होंने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई बड़ा अंतर महसूस नहीं होता। उनका कहना था, “लोगों के मन में अनावश्यक भय होता है। यहां का माहौल और लोग दोनों ही बहुत अच्छे हैं।”
मीना की मां डिंपल भाटी ने बताया कि वह पिछले 10 साल से भारत और पाकिस्तान के बीच आ-जा रही हैं। उनका कहना था कि भारत का माहौल हमेशा से दोस्ताना रहा है। इस शादी ने दो देशों के बीच रिश्तों की नई मिसाल पेश की है।