हैदराबाद में  50 से अधिक आईटी कंपनियों पर पिछले 10 दिनों में पाकिस्तानी हैकरों ने कई बार साइबर हमला किया है। सोसाइटी फॉर साइबराबाद सिक्योरिटी काउंसिल (एससीएससी) और पुलिस ने गुरुवार (13 अक्टूबर) को ये जानकारी दी। इस काउंसिल में हैदराबाद की ज्यादातर बड़ी कंपनियां सदस्य हैं। इन साइबर हमलों की जांच में काउंसिल के साइबर सिक्योरिटी फोरम को पता चला कि पाकिस्तानी हैकर “रैनसमवेयर” के जरिए सूचनाएं चुरा रहे हैं और डिक्रिप्शन की लौटाने के लिए ‘बिट क्वाइन’ मांग रहे हैं। साइबर सिक्योरिटी फोरम के अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तानी हैकरों ने तुर्की, सोमालिया और सऊदी अरब स्थित सर्वरों का इस्तेमाल करके भारतीय कंपनियों पर साइबर हमला किया।

साइबर सिक्योरिटी फोरम के प्रमुख देवराज वोडयार ने अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “इनमें से कुछ मामलों को सुलझा दिया गया है लेकिन ज्यादातर मामलों से अभी भी निपटा जा रहा है। रैनसमवेयर वायरस के हमले बहुत तेजी से बढ़े हैं। और पिछले 10 दिनों में ज्यादातर साइबर हमले पाकिस्तान से किए गए।”

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कुछ आईटी कंपनियों ने एससीएससी में खुद इन हमलों की शिकायत की, जबकि कुछ अन्य कंपनियों ने जिन निजी साइबर सिक्योरिटी कंपनियों की सेवा ले रखी थी उन्होंने काउंसिल को इन हमलों के बारे में सूचित किया। सुरक्षा कारणों से हमले का शिकार हुई कंपनियों की पहचान गुप्त रखी गयी है। साइबराबाद और पश्चिमी हैदराबाद में करीब 2500 आईटी कंपनियां काम करती हैं। इनमें से करीब 1300 बड़ी कंपनियां शामिल हैं जो नेशनल एसोसिएशन ऑफ साफ्टवेयर एंड सर्विसेज (नासकॉम) में पंजीकृत हैं। वैसे तो ये कंपनियां पूरी दुनिया को अपनी सेवाएं देती हैं लेकिन उनके प्रमुख कारोबार अमेरिका और यूरोप से होता है।

सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार हैकर हर पांच मिनट बाद प्रॉक्सी सर्वर बदलकर हमला कर रहे थे लेकिन एथिकल हैकरों की टीम ने आईपी एड्रेस, पोर्ट और नेटवर्क नोड की मदद से साइबर हमला करने वालों की असली जगह का पता लगा लिया। हाल ही में पाकिस्तानी हैकरों के एक गुट ने भारत की सर्जिकल स्ट्राइक का “बदला” लेने के लिए  7000 भारतीय कंपनियों को हैक करने का दावा किया था। पाकिस्तानी साइबर हमले की शिकार हुई ज्यादातर कंपनियां वित्त क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। साइबर अधिकारी के अनुसार हैक की गई एक कंपनी से हैकरों ने बदले में एक लाख बिट क्वाइन (करीब 420 करोड़ रुपये) मांगे थे।

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