India-Pakistan Water Dispute: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त फैसले लिए थे। इसमें से एक बड़ा फैसला सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का था। इसे लेकर दोनों देशों के बीच काफी बयानबाजी हुई थी। अब इस बारे में एक अहम जानकारी यह आई है कि पाकिस्तान ने पहली बार सिंधु जल संधि की शर्तों पर चर्चा करने की बात कही है।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा ने सिंधु जल संधि को स्थगित रखने के भारत के फैसले को लेकर बयान दिया है। उन्होंने पाकिस्तान की ओर से उन शर्तों को लेकर चर्चा करने की बात कही है जिन पर भारत लगातार आपत्ति जता रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, हालांकि मुर्तजा ने भारत सरकार के फैसले को लेकर सवाल उठाया और कहा कि इस संधि में कोई एग्जिट क्लॉज नहीं था।
भारत को जिन बातों को लेकर आपत्ति है उन पर पाकिस्तान की ओर से चर्चा करने की इच्छा को बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि इससे पहले दो बार नोटिस दिए जाने के बाद भी पाकिस्तान ने इस तरह का रुख नहीं दिखाया था।
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भारत की ओर से जनवरी 2023 और सितंबर 2024 में इस संधि की समीक्षा और संशोधन के नोटिस दिए गए थे लेकिन जब भारत ने पहलगाम हमले के बाद इस समझौते को स्थगित किया तब पाकिस्तान ने भारत की आपत्तियों पर चर्चा करने का संकेत दिया है।
क्या चाहता है भारत?
भारत बांध और जलाशय बनाकर पानी को इकट्ठा करने और बिजली बनाने के लिए भी सिंधु के पानी का इस्तेमाल करना चाहता है जबकि पाकिस्तान की कोशिश भारत की इन योजनाओं को रोकने की है।
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भारत ने लिखा था पाकिस्तान को पत्र
पहलगाम हमले के बाद भारत की जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान को पत्र लिखा था और इसमें कहा गया था कि पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद जारी करके जम्मू और कश्मीर को निशाना बना रहा है। पत्र में उन्होंने लिखा था कि क्योंकि पाकिस्तान ने भारत की ओर से बातचीत के लिए किए गए अनुरोध का जवाब नहीं दिया इसलिए भारत ने संधि को स्थगित करने का फैसला किया है।
भारत ने साफ किया रुख
मंगलवार को ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि भारत सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार से जारी आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषण में कहा था कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता।
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