Kirti Vardhan Singh Glacier Conference: सिंधु जल संधि को लेकर भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को चेताया है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कहा है कि पाकिस्तान ने लगातार सीमा पार आतंकवाद के जरिए सिंधु जल संधि का उल्लंघन किया है। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद इस संधि को स्थगित करने के अपने कदम को सही ठहराया है।
यह बयान विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने दुशांबे में आयोजित Glaciers’ Preservation conference में दिया। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस मंच पर कहा था कि भारत पानी को हथियार बनाने का काम कर रहा है। शरीफ ने कहा था, “सिंधु बेसिन के पानी के बंटवारे को नियंत्रित करने वाली सिंधु जल संधि को स्थगित रखने का भारत का एकतरफा फैसला बेहद निराशाजनक है।”
पानी और खून साथ नहीं बह सकता
याद दिलाना होगा कि पहलगाम हमले के बाद मोदी सरकार ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला किया था। मोदी सरकार का कहना है कि वह अपने फैसले पर कायम रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा था कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता। याद दिलाना होगा कि सिंधु जल संधि को स्थगित किए जाने के बाद पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया था।
विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा, “सिंधु जल संधि की प्रस्तावना में कहा गया है कि यह सद्भावना और दोस्ती पर आधारित है लेकिन पाकिस्तान लगातार सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देकर इसमें रुकावट डाल रहा है।” कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि हम पाकिस्तान के द्वारा इस मंच का दुरुपयोग करने की कोशिशों की निंदा करते हैं।
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सिंधु जल संधि ऐतिहासिक गलती- चौहान
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सिंधु जल संधि को लेकर पाकिस्तान पर हमलावर रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि सिंधु जल संधि ऐतिहासिक गलती थी और यह हमारे देश के किसानों का दुर्भाग्य था कि हमारे देश से बहने वाली नदियों का 80% पानी पाकिस्तान को दे दिया गया।
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चौहान ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने का के फैसले को किसानों के हित में बताया था। शिवराज ने सवाल उठाया था कि हमने पाकिस्तान को पैसा और पानी दिया बदले में उन्होंने हमें क्या दिया? शिवराज ने कहा था कि पाकिस्तान को पानी देना भारत के किसानों के साथ नाइंसाफी है।
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