भारत और चीन के बीच सीमा पर टकराव के दौरान नई दिल्ली को एक और मोर्च पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सैन्य टकराव के बीच पाकिस्तान ने इस साल जम्मू-कश्मीर में सीमापार से रिकॉर्ड संख्या में युद्ध विराम का उल्लंघन किया है। केंद्र सरकार ने बताया कि पिछले आठ महीनों (एक जनवरी से सात सितंबर तक) में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नजदीक पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन की कुल 3,186 घटनाएं हुई, जो पिछले 17 सालों में सबसे अधिक है।
सोमवार को संसद में पेश किए गए ताजा आंकड़ों का हवाला देते हुए रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इसके अलावा एक जनवरी से 31 अगस्त के बीच जम्मू क्षेत्र में अंतराष्ट्रीय सीमा के पास सीमापार से गोलीबारी की 242 घटनाएं हुईं। उन्होंने कहा कि एक जनवरी से सात सितंबर के बीच जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नजदीक संघर्ष विराम उल्लंघन की कुल 3,186 घटनाएं हुई। रिकॉर्ड के मुताबिक साल 2017 में 971 बार और 2018 में 1,629 बार युद्ध विराम का उल्लंघन हुआ। ये संख्या 2019 में बढ़कर 3,168 तक जा पहुंची।
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मंत्री ने कहा कि इस साल सात सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में सेना के आठ जवान मारे गए और दो अन्य घायल हो गए। मंत्री ने कहा कि संघर्ष विराम उल्लंघन के लिए उचित जवाबी कार्रवाई, भारतीय सेना एवं सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा की गई है। उन्होंने कहा कि युद्धविराम उल्लंघन के सभी मामले हॉटलाइन, फ्लैग मीटिंग और दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच वार्ता के माध्यम से पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कोरोनो वायरस महामारी के बावजूद, पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर अकारण संघर्ष विराम उल्लंघन कर रहा है और कश्मीर में आतंकवादियों को घुसाने के प्रयास कर रहा है। सेना के अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को कश्मीर में घुसपैठ करने में मदद करने के लिए पाकिस्तानी सेना सुरक्षा कवच के रूप में सीमा पर गोलाबारी करती है। (एजेंसी इनपुट)